सदन में SIR के मुद्दे पर भड़के अखिलेश, विपक्ष ने EC-BJP की लगाई क्लास!
संसद के निचले सदन यानी लोकसभा में देश में जारी चुनाव सुधारों के मुद्दे पर चर्चा हो रही है. ऐसे में चर्चा के दौरान चुनाव आयोग की ओर से अलग-अलग राज्यों में शुरू किए गए वोटर लिस्ट की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया पर जमकर चर्चा हुई.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: संसद के निचले सदन यानी लोकसभा में देश में जारी चुनाव सुधारों के मुद्दे पर चर्चा हो रही है. ऐसे में चर्चा के दौरान चुनाव आयोग की ओर से अलग-अलग राज्यों में शुरू किए गए वोटर लिस्ट की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया पर जमकर चर्चा हुई.
विपक्षी दलों की ओर से SIR पर बहस करने की मांग लंबे समय से की जा रही थी, कांग्रेस ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों का आरोप लगाया है. वहीं इस दौरान आज जब सदन में चर्चा शुरू ही तो जमकर बहस हुई SIR को लेकर विपक्ष ने केंद्र में बैठी भाजपा सरकार और चुनाव आयोग पर जोरदार हमला बोला। इसी कड़ी में सपा मुखिया अखिलेश यादव भी आज आक्रामक मूड में नजर आए।
कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद अखिलेश यादव ने सदन में एसआईआर पर चर्चा के बीच रामपुर उपचुनाव का मुद्दा उठाया है. इस दौरान सपा मुखिया ने कहा कि रामपुर उपचुनाव में वोटिंग के दिन, जिस दिन वोट पड़ रहा था. उस दिन हमलोगों ने देखा कि किस तरह से पुलिस और प्रशासन इस बात पर लगा हुआ था कि कोई वोटर घर से नहीं निकले. पहली बार बीजेपी वहां से चुनाव जीती थी. एक एक घटना की सूचना हमने चुनाव आयोग को दी थी. इसके बावजूद चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की.
सदन में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश ने कहा कि एक समय था जब हम कांग्रेस से लड़ते थे. आज आपसे लड़ रहे हैं. जहां से आपने कम्यूनल माहौल तैयार किया था उस अयोध्या से हमारी पार्टी के अवधेश प्रसाद जीते हैं. उत्तर प्रदेश में बीते एक साल के भीतर हुए उपचुनावों का जिक्र करते हुए अखिलेश ने अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट पर हुए बाइपोल में भी धांधली के आरोप लगाए. अखिलेश ने वर्ष 2024 में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में फर्रूखाबाद सीट का भी उदाहरण दिए. उन्होंने आरोप लगाया कि रिजल्ट बदलने के लिए लाठीचार्ज हुआ. बिजली आई गई. लोगों को परेशान किया.
सपा चीफ ने कहा कि जितने भी उपचुनाव हुए हैं वहां वोट चोरी नहीं वोट की डकैती हुई. अखिलेश ने मांग की है कि इलेक्शन के समय पर सभी को बराबर का स्पेस मिलना चाहिए. सोशल मीडिया पर दूसरे की इमेज बनाने के बजाय खराब करने पर पैसा खर्च किया जा रहा है. और भाजपा इस पर करोड़ों रूपया खर्च कर रही है. बिहार में महिलाओं के एकाउंट में 10000 रूपए दिए गए. एक तरफ आप पैसा दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कोई लाभ देना चाहता है तो उसपर रोक लगाते हैं.
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने अखिलेश यादव ने राज्य में जारी एसआईआर प्रक्रिया को अप्रत्यक्ष तौर पर NRC बताया है. उन्होंने कहा कि यह SIR नहीं है अंदर-ही-अंदर NRC वाला काम कर रहे हैं. जो काम ये खुलकर नहीं कर सकते थे वो यह SIR के बहाने कर रहे हैं. इसके अलावा अखिलेश ने कहा कि सबसे बड़ा सुधार यह है कि चुनाव आयोग अंतरअत्मा की आवाज सुने. ईसी के गठन में जो पहले व्यवस्था थी वह लागू हो. आशा है कि आयोग भविष्य में निष्पक्ष काम करेगा. उन्होंने लोकसभा में दावा किया कि SIR में अभी तक 10 लोगों यानी BLO की जान यूपी में जा चुकी है.
सदन में आज पूरी तरह से अखिलेश यादव आक्रामक दिखे। अखिलेश यादव के सवालों के आगे भाजपा भी नतमस्तक नजर आई। हालांकि इस दौरान न सिर्फ अखिलेश यादव बल्कि विपक्ष के अन्य नेता भी SIR का मुद्दा उठाते हुए नजर आए। इसी कड़ी में मनीष तिवारी ने कहा कि कई प्रदेशों में एसआईआर हो रहा है. चुनाव आयोग के पास कानूनी तौर पर एसआईआर कराने का कोई अधिकार नहीं है. चुनाव आयोग कहता है कि उन्हें एसआईआर कराने का अधिकार सेक्शन 21 से मिलता है. मनीष तिवारी ने पूरा सेक्शन पढ़ा और कहा कि ना संविधान में, ना कानून में एसआईआर का प्रावधान है.
ये बस एक हथियार चुनाव आयोग को दिया गया था, कि अगर किसी क्षेत्र में वोटर लिस्ट में कोई गड़बड़ी है, तो उसे ठीक करने के लिए लिखित में कारण बताकर ही एसआईआर कर सकते हैं. एसआईआर करना चाहते हैं, तो आपको जो खामियां लग रही हैं, उनको ठीक करके ही आप उस क्षेत्र के लिए एसआईआर कर सकते हैं. सरकार को यह सदन पटल पर रखना चाहिए कि कौन-कौन से निर्वाचन क्षेत्र में कौन-कौन सी खामियां उनको मिलीं और क्यों एसआईआर की जरूरत पड़ी. हर क्षेत्र में एसआईआर का कारण सदन पटल पर रखना चाहिए.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में ईवीएम को लेकर कहा कि लोगों के मन में यह शंका है कि क्या ईवीएम मैनुपुलेट किया जा सकता है. इस शंका को दूर करने के दो ही तरीके हैं, एक ये कि सौ फीसदी वीवीपैट हों या दूसरा पेपर बैलट से चुनाव हों. सरकार को पहले तो यह बताना चाहिए कि ईवीएम का सोर्स कोड किसके पास है. यह चुनाव आयोग के पास है या उन कंपनियों के पास है. मनीष तिवारी ने चुनाव के समय पैसा लोगों के खाते में भेजे जाने पर भी सवाल उठाए और कहा कि यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है. यह भारत सरकार के राजस्व के साथ भी खिलवाड़ है.
उनके अलावा लोकसभा में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि एसआईआर वोट डिलीट करने का टूल बनकर रह गया है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग कह रहा है कि पांच लाख वोटर डिलीट, छह लाख वोटर डिलीट… और बीजेपी जश्न मना रही है. कल्याण बनर्जी ने कहा कि चुनाव आयोग किसी व्यक्ति की नागरिकता तय करने की अथॉरिटी नहीं है. बिहार में तो आप लोगों ने बहुत कुछ बोला था. मोदी जाकर बोा कि हमलोग घुसपैठिए निकालने के लिए एसआईआर किया है. एक घुसपैठिया नहीं मिला.
यदि विदेशी आ रहे हैं, तो आप अपने कर्तव्य निभाने में फेल हैं. यह गृह मंत्री और प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि मिजोरम में आपने क्या किया. आपने किया कि जो बाहर से आ रहे हैं, उसकी एंट्री करो. क्या वह अमित शाह और नरेंद्र मोदी का फेवरेट चाइल्ड है. रोहिंग्या बोल के सब बंगालियों को निकाल रहे हैं. रोहिंग्या आ रहे हैं मिजोरम में. बीजेपी बंगाली हेटर है.
यही वजह है कि विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ी गई, प्रधानमंत्री बंकिम दा बोल रहे. जब बंकिम चंद्र चटर्जी का जन्म हुआ था, मोदी जी से तीन जेनरेशन पहले, उनको भी वह दादा बोल देते हैं. कभी सरदार पटेल को दादा बोला क्या. कल्याण बनर्जी ने कहा कि मतुआ कम्युनिटी के लोगों ने भूख हड़ताल की, जिस कम्युनिटी से एक केंद्रीय मंत्री है. गौरतलब है कि SIR और वोट चोरी के मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार पूरी तरह से सवालों के घेरे में है और चुनाव आयोग की भी जमकर आलोचना हो रही है। वहीं अब बात सदन तक आ गई है जिससे भाजपा का ये झूठ राष्ट्र स्तर पर सबके सामने आता हुआ नजर आ रहा है।



