चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहा

  • एआईएमआईएम सांसद ओवैसी बोले- एनआरसी का बैकडोर है एसआईआर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एसआईआर पर चर्चा के दौरान चुनाव आयोग पर संसद के बनाए नियम और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग ने पब्लिक डोमेन ऑर्डर डाले बिना 35 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम काट दिए। हम एसआईआर का विरोध करते हैं। लोकसभा में, चुनाव सुधार पर चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि मतदाता सूची का एसआईआर संसद की ओर से बनाए गए कानून का उल्लंघन करता है।
उन्होंने कहा, यह उच्चतम न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पीठ की ओर से लाल बाबू हुसैन मामले में दिए गए फैसले का उल्लंघन करता है। ओवैसी ने लोकसभा में मुस्लिम सांसदों की कम संख्या पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि डॉ भीमराव आंबेडकर ने बार-बार कहा था कि राजनीतिक सत्ता सामाजिक प्रगति की कुंजी है। सांसद ने कहा, यहां केवल चार प्रतिशत मुसलमान हैं। सत्तारूढ़ पार्टी में कोई मुस्लिम सदस्य नहीं है। ओवैसी ने कांग्रेस और सपा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, मुसलमान यहां नहीं हैं, धर्मनिरपेक्ष पार्टियों में उनका प्रतिनिधित्व नहीं है। उदाहरण के लिए, अगर वायनाड जैसी मुस्लिम बहुल सीट से गैर-मुस्लिम चुने जा सकते हैं, तो रायबरेली, अमेठी और इटावा से मुस्लिम चुने जा सकते हैं।

मतदाताओं पर नागरिकता साबित करने का भार

ओवैसी ने दावा किया कि चुनाव आयोग मतदाताओं पर अपनी नागरिकता साबित करने का भार डाल रहा है और यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1960 में इस सदन द्वारा पारित किये गए निर्वाचक नियमों तथा लाल बाबू हुसैन मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग, देश के उच्चतम न्यायालय और संसद से बड़ा नहीं है।

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