माणिकराव कोकाटे से छीने गए विभाग, विधायकी पर भी संकट, फडणवीस ने अजित को सौंपी जिम्मेदारी

महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है... दागी मंत्री माणिकराव कोकाटे से उनके विभाग छीन लिए गए हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों काफी उथल-पुथल मची हुई है.. हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता.. और खेल एवं युवक कल्याण मंत्री माणिकराव कोकाटे पर बड़ा एक्शन हुआ है.. नासिक की एक अदालत ने उन्हें 1995 के एक पुराने धोखाधड़ी.. और जालसाजी के मामले में दो साल की सजा सुनाई है.. इस फैसले के बाद कोकाटे ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.. जिसे डिप्टी सीएम अजित पवार ने स्वीकार कर लिया.. और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल को भेज दिया.. हालांकि, कोकाटे अभी भी विधायक हैं.. लेकिन उनकी विधायकी पर तलवार लटक रही है.. यह मामला महाराष्ट्र की महायुति सरकार के लिए एक बड़ा झटका है.. और विपक्ष इसे राजनीतिक हथियार बना रहा है..

आपको बता दें कि यह मामला 30 साल पुराना है.. 1995 में माणिकराव कोकाटे ने महाराष्ट्र सरकार की एक योजना के तहत दो फ्लैट हासिल किए.. ये फ्लैट आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित थे.. आरोप है कि कोकाटे ने फर्जी दस्तावेज जमा करके इन फ्लैटों को हासिल किया.. वे एक अमीर किसान थे.. लेकिन खुद को गरीब दिखाने के लिए झूठे प्रमाण पत्र दिए.. इससे सरकार को धोखा हुआ और गरीबों का हक छीना गया.. वहीं इस मामले में उनके भाई विजय कोकाटे भी आरोपी थे.. नासिक की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने फरवरी 2025 में दोनों को दो साल की सजा सुनाई.. कोर्ट ने कहा कि यह गंभीर अपराध है.. क्योंकि सरकारी योजना का दुरुपयोग हुआ..

कोकाटे तब से ही विवादों में थे.. वे एनसीपी के वरिष्ठ नेता हैं.. और सिन्नार विधानसभा से विधायक हैं.. लेकिन इस केस ने उनकी राजनीतिक जिंदगी को मुश्किल में डाल दिया.. सेशन कोर्ट ने 16 दिसंबर 2025 को मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा.. कोर्ट ने कहा कि सबूत पक्के हैं और सजा सही है.. इस फैसले के बाद कोकाटे की मुश्किलें बढ़ गईं..

बता दें कि 16 दिसंबर को नासिक सेशन कोर्ट ने फैसला सुनाया.. सरकारी वकील आशुतोष राठोड ने कहा कि कोकाटे ने सरकार को धोखा दिया.. जो मराठी में ‘शासनाची फसवणूक’ कहलाता है.. वहीं यह अपराध गंभीर है क्योंकि गरीबों की योजना का गलत फायदा उठाया गया.. अगले दिन यानी 17 दिसंबर को नासिक कोर्ट ने कोकाटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया.. पुलिस अब उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी में है.. कोकाटे को दो साल की कठोर कारावास की सजा है..

वहीं इस फैसले के तुरंत बाद कोकाटे लीलावती अस्पताल में भर्ती हो गए.. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि वे आईसीयू में हैं.. यह राजनीतिक दबाव या स्वास्थ्य समस्या हो सकती है.. लेकिन इससे उनकी गिरफ्तारी पर असर पड़ेगा या नहीं, यह देखना बाकी है.. कोकाटे ने इस सजा के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की है.. उनके वकील अनिकेत निकम ने जस्टिस आर एन लड्ढा की बेंच के सामने याचिका दाखिल की.. वहीं अगर हाई कोर्ट से राहत मिली, तो सजा पर रोक लग सकती है..

आपको बता दें कि कोर्ट फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार ने तेजी से कदम उठाए.. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कोकाटे के सभी विभाग छीन लिए.. वे खेल एवं युवक कल्याण के अलावा अल्पसंख्यक विकास मंत्री भी थे.. ये विभाग अब डिप्टी सीएम अजित पवार को सौंप दिए गए.. फडणवीस ने इसे डैमेज कंट्रोल बताया.. तकनीकी रूप से कोकाटे अभी भी मंत्रिमंडल में हैं.. लेकिन बिना विभाग के..

17 दिसंबर को कोकाटे ने अपना इस्तीफा अजित पवार को सौंपा.. पवार ने इसे स्वीकार किया.. और सीएम फडणवीस को भेजा.. फडणवीस ने 18 दिसंबर को इस्तीफे को मंजूर किया.. और राज्यपाल आचार्य देवव्रत को आगे की कार्रवाई के लिए भेज दिया.. अजित पवार ने कहा कि पार्टी कानून के नियम का सम्मान करती है.. यह कदम महायुति गठबंधन के लिए जरूरी था.. क्योंकि विपक्ष इसे मुद्दा बना रहा था..

एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि पार्टी कोर्ट के फैसले पर उचित निर्णय लेगी.. कोकाटे एनसीपी (अजित पवार गुट) के हैं.. इसलिए यह गुट के लिए शर्मिंदगी का कारण है.. धनंजय मुंडे की अमित शाह से मुलाकात की खबरें आईं.. लेकिन एनसीपी नेता सुनील तटकरे ने कहा कि यह कोकाटे मामले से जुड़ी नहीं है.. विपक्षी कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) ने सरकार पर हमला बोला.. वे कह रहे हैं कि महायुति में भ्रष्ट नेता भरे हैं..

विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि उन्हें कोर्ट ऑर्डर की प्रमाणित कॉपी नहीं मिली है.. इसलिए कोकाटे की विधायकी पर अभी कोई फैसला नहीं.. अगर सजा दो साल से ज्यादा है.. तो जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत अयोग्यता हो सकती है.. लेकिन हाई कोर्ट की सुनवाई तक इंतजार किया जा सकता है..

वहीं यह मामला महाराष्ट्र की राजनीति को हिला रहा है.. महायुति सरकार हाल ही में बनी है.. लेकिन पहले से ही विवादों में है.. कोकाटे का इस्तीफा सरकार की छवि पर असर डाल सकता है.. एनसीपी में अंतर्गत कलह की खबरें हैं.. अजित पवार गुट को मजबूत रखने के लिए यह चुनौती है.. विपक्ष इसे भ्रष्टाचार का मुद्दा बनाकर हमला कर रहा है..

पिछले कुछ दिनों में महाराष्ट्र में कई राजनीतिक घटनाएं हुईं.. जैसे, वोटचोरी के आरोप, मंत्रियों पर विवाद.. वहीं कोकाटे का केस इनमें जुड़ गया.. विशेषज्ञ कहते हैं कि यह सरकार की नैतिकता पर सवाल उठाता है.. अगर हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली.. तो कोकाटे की गिरफ्तारी हो सकती है.. और उनकी सीट पर उपचुनाव हो सकता है..

आपको बता दें कि माणिकराव कोकाटे का जन्म नासिक जिले में हुआ.. वे किसान परिवार से हैं.. राजनीति में 1990 के दशक से सक्रिय हैं.. एनसीपी में शरद पवार के करीबी रहे.. लेकिन 2023 में अजित पवार गुट में शामिल हुए.. सिन्नार से कई बार विधायक चुने गए.. मंत्री बनने से पहले वे रमी (कार्ड गेम) विवाद में भी फंसे थे.. लेकिन यह पुराना केस उनकी सबसे बड़ी मुश्किल बना.. कोकाटे कहते हैं कि वे निर्दोष हैं और अपील में जीतेंगे.. उनके समर्थक कह रहे हैं कि यह राजनीतिक साजिश है.. लेकिन कोर्ट के सबूत मजबूत हैं..

 

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