हिंदी साहित्य को बड़ा नुकसान: कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन

हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित लेखक और कवि विनोद कुमार शुक्ल को साहित्य के सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित लेखक और कवि विनोद कुमार शुक्ल को साहित्य के सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में जन्मे विनोद कुमार शुक्ल पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए रायपुर स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था।

हिंदी के जाने-माने कवि और कथाकार विनोद कुमार शुक्ल का रायपुर में एम्स में निधन हो गया है. शुक्ल का
जन्म छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में हुआ था. वो 89 साल के थे, पिछले काफी दिनों से वो अस्वस्थ चल रहे थे, जिसके बाद उन्हें रायपुर एम्स में भर्ती कराया गया था. कई दिनों तक चले इलाज के बाद आज उनका निधन हो गया.

विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में हुआ था, लेकिन राज्य की राजधानी रायपुर में रहते थे. पिछले करीब 50 सालों से वो लिखते रहे. शुक्ल ने अपनी उच्च शिक्षा जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय से पूरी की. प्राध्यापक के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने साहित्य सृजन को अपना जीवन समर्पित कर दिया था.

लगभग जयहिंद’ पहल कविता संग्रह
विनोद कुमार शुक्ल का पहला कविता संग्रह लगभग जयहिंद 1971 में प्रकाशित हुआ था. उनकी शानदार लेखनी ने साहित्य जगत में अलग जगह बनाई. शुक्ल की लेखनी की तारीफ न केवल देश बल्कि विदेशों में भी होती रही है. उनकी रुचि कविता और गद्य दोनों में समान रूप से थी. यही वजह है कि वो हिंदी साहित्य में अपनी लेखनी का लोहा मनवा चुके थे.

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