BMC चुनाव से पहले NCP ने दिया महायुति को धोखा? दोनों NCP मिलकर लड़ेगी चुनाव

मुंबई महानगरपालिका चुनाव से पहले महायुति को बड़ा झटका लगा है... NCP के रुख ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः मुंबई महानगरपालिका चुनाव से पहले महायुति को बड़ा झटका लगा है.. NCP के रुख ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है.. जानकारी के अनुसार दोनों NCP अब एक होने वाली है.. शरद पवार और अजित पवार महाविकास अघाड़ी को छोड़कर एक साथ बीएमसी चुनाव में उतरने जा रहे हैं.. जिससे सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है.. आपको बता दें कि पुणे, महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर, जल्द ही महानगरपालिका चुनावों का सामना करने वाला है.. ये चुनाव जनवरी 2026 में होने की उम्मीद है.. लेकिन राजनीतिक सरगर्मियां अभी से तेज हो गई हैं.. खासकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो गुटों.. शरद पवार गुट और अजित पवार गुट के बीच सीट बंटवारे को लेकर चर्चा जोरों पर है.. हाल ही में दोनों गुटों के नेताओं ने पहली बार औपचारिक बैठक की.. जिसमें चुनावी रणनीति पर बात हुई.. वहीं यह बैठक पुणे की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है.. क्योंकि एनसीपी का पुणे में मजबूत जनाधार है..

आपको बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना 1999 में शरद पवार ने की थी.. पार्टी महाराष्ट्र की राजनीति में एक प्रमुख खिलाड़ी रही है.. खासकर बारामती, पुणे और पश्चिम महाराष्ट्र में इसकी पकड़ मजबूत है.. लेकिन 2023 में पार्टी में बड़ा विभाजन हुआ.. जब अजित पवार ने विद्रोह कर दिया.. और अपने गुट को अलग कर लिया.. चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को आधिकारिक एनसीपी का दर्जा दिया.. जबकि शरद पवार गुट को एनसीपी (शरदचंद्र पवार) या एनसीपी-एसपी नाम से जाना जाता है.. इस विभाजन ने महाराष्ट्र की राजनीति को हिला दिया.. और लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों में दोनों गुट अलग-अलग लड़े..

पुणे महानगरपालिका में एनसीपी का प्रभाव मजबूत रहा है.. 2017 के चुनावों में एनसीपी ने अच्छा प्रदर्शन किया था.. लेकिन 2022 में होने वाले चुनाव स्थगित हो गए.. अब 2025-26 में चुनाव की तैयारी है.. और दोनों गुट साथ आने की कोशिश कर रहे हैं.. सूत्रों के अनुसार, यह फैसला हाल के नगरपरिषद और नगराध्यक्ष चुनावों से प्रेरित है.. जहां अजित पवार गुट ने बेहतर प्रदर्शन किया.. दिसंबर 2025 के महाराष्ट्र लोकल बॉडी चुनावों में महायुति गठबंधन (बीजेपी, शिंदे शिवसेना और अजित एनसीपी) ने 207 सीटें जीतीं.. जिसमें अजित एनसीपी को 37 सीटें मिलीं.. वहीं, शरद पवार एनसीपी को सिर्फ 7 सीटें मिलीं.. इस जीत ने अजित गुट को आत्मविश्वास दिया.. और शरद गुट को गठबंधन की जरूरत महसूस हुई..

बता दें कि पुणे में एनसीपी का परंपरागत जनाधार ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में है… शहर की आबादी करीब 70 लाख है.. और महानगरपालिका में 162 वार्ड हैं.. जहां चुनाव ओबीसी आरक्षण और अन्य मुद्दों पर लड़े जाते हैं.. लेकिन इस बार गठबंधन की चर्चा से राजनीति गरमा गई है.. हाल ही में, दिसंबर 2025 में, दोनों गुटों के नेताओं ने पुणे में एक बैठक की.. यह पहली बार था जब शरद पवार गुट.. और अजित पवार गुट चुनावी रणनीति पर साथ बैठे.. बैठक का मुख्य एजेंडा सीट बंटवारे का था.. सूत्रों के मुताबिक, महाविकास आघाड़ी के तहत चुनाव लड़ने की कोई योजना नहीं है.. दोनों एनसीपी गुट अकेले या साथ मिलकर मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं..

जानकारी के अनुसार बैठक में शरद पवार गुट ने 40 से 45 सीटों की मांग रखी.. उनका तर्क है कि पुणे में पार्टी का पुराना जनाधार.. और संगठन उन्हें यह हक देता है.. शरद पवार गुट के पास अनुभवी नेता हैं.. जैसे सुप्रिया सुले, जो बारामती से सांसद हैं.. वहीं, अजित पवार गुट ने सिर्फ 30 सीटें देने की पेशकश की.. इसी मुद्दे पर सबसे ज्यादा बहस हुई.. बैठक का माहौल सकारात्मक रहा.. लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ.. दोनों पक्षों ने सार्वजनिक बयानबाजी से बचने पर सहमति जताई..

अजित पवार गुट से पुणे के वरिष्ठ नेता सुभाष जगताप.. और सुनील टिंगरे शामिल हुए.. ये दोनों स्थानीय राजनीति में मजबूत हैं.. सुभाष जगताप पूर्व में पुणे एनसीपी के प्रमुख रह चुके हैं.. और सुनील टिंगरे विधायक हैं.. शरद पवार गुट से विशाल तांबे और अंकुश काकड़े मौजूद थे.. विशाल तांबे युवा नेता हैं.. और अंकुश काकड़े संगठन में सक्रिय हैं.. वहीं यह बैठक इसलिए अहम है.. क्योंकि पुणे में एनसीपी का वोट बैंक विभाजित हो सकता है.. अगर दोनों गुट अलग लड़े.. 2017 के चुनावों में एनसीपी ने 41 सीटें जीती थीं.. लेकिन अब विभाजन से नुकसान हो सकता है…

जानकारी के मुताबिक सीट बंटवारे का अंतिम फैसला सुप्रिया सुले.. और अजित पवार मिलकर लेंगे.. बताया जा रहा है कि दोनों के बीच जल्द सीधी बात होगी.. सुप्रिया सुले शरद पवार की बेटी हैं.. और एनसीपी-एसपी की प्रमुख नेता है.. अजित पवार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं.. और महायुति सरकार में शामिल है..

आपको बता दें कि शरद पवार गुट के नेता सुप्रिया सुले से मिलने वाले हैं… जहां वे फिर 40-45 सीटों की मांग दोहराएंगे.. लेकिन अजित गुट की तरफ से प्रतिक्रिया मिली-जुली है.. अजित पवार ने हाल ही में कहा कि उनका दिल अब भी चाचा (शरद पवार) के पास है..  जिससे महायुति में बेचैनी बढ़ गई.. यह बयान गठबंधन की संभावना को मजबूत करता है.. लेकिन कुछ नेता विरोध कर रहे हैं.. जिसको लेकर प्रशांत जगताप (शरद गुट) ने इस्तीफा देने की पेशकश की.. क्योंकि वे अजित गुट से गठबंधन के खिलाफ हैं..

वहीं कुछ रिपोर्ट्स कहती हैं कि शरद पवार गुट एमवीए (कांग्रेस, उद्धव शिवसेना) के साथ ही लड़ेगा.. और अजित गुट से कोई गठबंधन नहीं होगा.. प्रशांत जगताप ने स्पष्ट कहा कि वे एमवीए के साथ पुणे चुनाव लड़ेंगे.. यह विरोधाभास दिखाता है कि अभी फैसला पेंडिंग है.. जानकारी के अनुसार यह गठबंधन सिर्फ पुणे तक सीमित नहीं है.. महाराष्ट्र में 29 म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन्स के चुनाव होने हैं.. जिसमें मुंबई, ठाणे, नागपुर शामिल हैं.. अगर पुणे में एनसीपी गुट साथ आए.. तो अन्य शहरों में भी असर पड़ेगा.. अजित गुट मुंबई में बीजेपी से गठबंधन कर सकता है.. जबकि पुणे में शरद गुट से गठबंधन कर रहा है.. यह डुअल एलायंस की रणनीति है..

 

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