त्रिपुरा के छात्र की देहरादून में हत्या पर बवाल जारी

- नफरत की स्थिति में चिंताजनक वृद्धि को दर्शाती है यह हत्या : गहलोत
- कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर किया प्रहार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। त्रिपुरा के उनाकोटि जिले के छात्र एंजेल चकमा (24) पर नौ दिसंबर को छह लोगों के एक समूह ने हमला कर दिया था, जब वह खुद पर और अपने छोटे भाई पर की गईं नस्लीय टिप्पणियों का विरोध कर रहा था। चकमा ने 26 दिसंबर को अस्पताल में दम तोड़ दिया। उत्तराखंड पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक चिकित्सा रिपोर्ट से पता चलता है कि हमले में चकमा की रीढ़ की हड्डी और सिर पर घातक चोट लगी थी। उधर इस हत्या को लेकर सियासी संग्राम भी मच गया है। कांग्रेस ने भाजपा को घेरते हुए कहा है कि कुछ सालों में देश में नफरत ज्याद बढ़ गई है।
कांग्रेस की राजस्थान इकाई के वरिष्ठ नेताओं अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने कहा कि देहरादून में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या देश में नफरत में ‘चिंताजनक वृद्धि’ को दर्शाती है। दोनों नेताओं ने दोषियों के लिए कड़ी सजा की मांग की। गहलोत ने‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह घटना देश में नफरत और असहिष्णुता में ‘चिंताजनक वृद्धि’ को दर्शाती है। पायलट ने कहा कि यह देखना बेहद परेशान करने वाला है कि कैसे नफरत फैलाने वाले निर्दोष लोगों की जान ले रहे हैं।
पूर्वोत्तर के लोग भारतीय हैं, चीनी नहीं : गौरव गोगोई
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सोमवार को देहरादून में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की और भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों के साथ होने वाले भेदभाव को उजागर किया। गोगोई ने एंजेल की मौत के कारणों का ब्योरा दिया और अधिकारियों की धीमी प्रतिक्रिया की आलोचना की। गोगोई ने कहा कि एंजेल चकमा गालियों को सहकर वहां से जा सकते थे और शायद आज भी जीवित होते। लेकिन उस दिन उनका धैर्य टूट गया और उन्होंने ताना मारने वालों का सामना किया। माफी मांगने के बजाय, पांच लोगों ने पीछे से उन पर हमला कर दिया। उन्होंने 14 दिनों तक संघर्ष किया लेकिन अंतत: चोटों के कारण उनकी मृत्यु हो गई। गोगोई ने कहा कि एंजेल के परिवार वालों ने बताया कि पुलिस ने तुरंत कार्रवाई नहीं की और छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद ही कार्रवाई की गई, तब तक मुख्य आरोपी फरार हो चुका था। गोगोई ने आगे चिंता व्यक्त करते हुए पूछा, क्या इसी तरह की घटनाएं अन्य जगहों पर भी हो रही हैं, जहां पूर्वोत्तर के लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है? उन्होंने आगे कहा कि पूर्वोत्तर के लोग भारतीय हैं, चीनी नहीं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि त्रिपुरा के एक युवक को 9 दिसंबर को देहरादून में बाजार से लौटते समय ये शब्द कहने पड़े। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए, गोगोई ने भेदभाव के अपने अनुभवों को साझा किया।
यह घटना मानवता पर गहरा आघात : सिंधिया
केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री (डीओएनईआर) ज्योतिरादित्य सिंधिया ने देहरादून में त्रिपुरा के छात्रों एंजेल चकमा और माइकल पर हुए क्रूर हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया और इस घटना को मानवता और संवेदनशीलता पर एक गंभीर आघात बताया। एक्स पर पोस्ट में कहा देहरादून में त्रिपुरा के एंजेल चकमा और माइकल के साथ हुई अमानवीय घटना ने मुझे गहराई से व्यथित और स्तब्ध किया है। यह केवल एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि मानवता और संवेदनशीलता पर गहरा आघात है। मैं पीडि़तों के परिवार के असहनीय दुख को समझता हूं और इस कठिन घड़ी में उनके साथ खड़ा हूं। इस गंभीर प्रकरण को लेकर मैंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी से विस्तार से संवाद किया और दृढ़ता के साथ आग्रह किया है कि इस मामले की निष्पक्ष, त्वरित और कठोरतम जांच सुनिश्चित की जाए तथा दोषियों को कानून के दायरे में लाकर उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाई जाए, ताकि पीडि़तों को न्याय मिल सके और समाज में यह स्पष्ट संदेश जाए कि ऐसे अपराधों के लिए कोई स्थान नहीं है। साथ ही, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक साहा से इस विषय पर संवाद करते हुए स्पष्ट किया कि इस कठिन समय में केंद्र सरकार प्रदेश के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।



