सपा प्रमुख अखिलेश बोले- अंबेडकरवादी हमारे साथ आएं

  •  बिना नाम लिए मायावती को साथ आने का दिया न्यौता

लखनऊ। चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैस-वैसे सभी पार्टियां अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही हैं। इसी बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए बसपा सुप्रीमो मायावती को साथ आने का न्योता दिया। अखिलेश ने अपील की कि अंबेडकरवादी भी समाजवादियों के साथ आएं और उनकी लड़ाई को मजबूत करें। बुलंदशहर में अखिलेश ने कहा संविधान बचाना है, लोकतंत्र बचाना है तो समाजवादियों के साथ अंबेडकरवादी भी आएं। उन्होंने कहा अगर लोकतंत्र और संविधान नहीं बचेगा तो सोचों हमारे अधिकारों का क्या होगा। उन्होंने कहा कि मैं फिर अपील करता हूं कि हम सब बहुरंगी लोग हैं। लाल रंग हमारे साथ है। हरा, सफेद, नीला। हम चाहते हैं कि इस लड़ाई में जनता विपक्ष को मजबूत करें। मुजफ्फरनगर और कैराना में गर्मी दिखा रहे लोगों की 10 मार्च के बाद गर्मी शांत करने और मई जून में शिमला बना देने की मुख्यमंत्री योगी की बात पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी ने उन्हें गोरखपुर भेज दिया इस वजह से उनमें गर्मी आ रही है।

अखिलेश ने आगे कहा जहां तक गर्मी की बात है, जिस दिन गर्मी खत्म हो जाएगी, उस दिन हम लोग मर जाएंगे। जितने भी हम लोग बैठे हैं, अगर गर्म खून हमारे अंदर ना बहे तो हम जिंदा क्या रहेंगे। उन्होंने कहा कि ये जो मुख्यमंत्री के अंदर गर्मी आ रही है वह इसलिए क्योंकि ये टिकट जगह-जगह से मांग रहे थे, मनपसंद टिकट नहीं मिला, उन्हें घर भेज दिया। प्रधानमंत्री ने उन्हें पैदल-पैदल चलाया। जो पैदल चल रहे हैं और बेदल हैं, कभी उनसे पूछिएगा कि उनका दल कौन सा है, क्या वह बीजेपी के सदस्य हैं। बीजेपी ने तय किया है कि आने वाले समय में इन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है इसलिए उनकी भाषा बदल गई है।

हाई प्रोफाइल करहल सीट से अखिलेश प्रबल दावेदार

ब्रज में विधायक बनने के लिए चारों जिलों में प्रत्याशियों की भरमार है, लेकिन मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट पर केवल तीन ही प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। पूरे प्रदेश की नजरें करहल विधानसभा सीट पर टिकी हैं। यहां से सपा के राष्टï्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल चुनाव लड़ रहे हैं। प्रत्याशियों की संख्या कम होने से यहां मुकाबला सीधा और दिलचस्प हो गया है। तीसरे प्रत्याशी के रूप में बसपा के कुलदीप नरायन मैदान में हैं। ऐसे में इस सीट पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हुईं। प्रत्याशियों की संख्या कम होने और सियासी धुरंधरों के करहल से चुनाव लड़ने के चलते यहां मुकाबला दिलचस्प हो गया है। करहल सीट से कांग्रेस ने जहां अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है तो वहीं निर्दलीय व अन्य दलों के आठ नामांकन पत्र जांच में निरस्त हो गए हैं।

Related Articles

Back to top button