कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच यूपी में बुखार का कहर, विपक्ष ने सरकार को घेरा
- अब तक सौ से अधिक लोगों की मौत, मरने वालों में बच्चे अधिक
- विपक्ष बोला, प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी से नहीं सीखा कोई सबक
- फिरोजाबाद, कानपुर समेत कई जिलों के अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की भीड़, मचा हाहाकार
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच उत्तर प्रदेश में डेंगू और वायरल बुखार ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। इसकी चपेट में आकर अब तक सौ लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले फिरोजाबाद में पचास लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में चार वयस्क और शेष बच्चे हैं। लखनऊ के अस्पताल भी बुखार के मरीजों से भर गए हैं। अव्यस्था का आलम यह है कि प्रदेश के तमाम अस्पतालों में मरीजों को इलाज तक नहीं मिल पा रहा है। वहीं विपक्ष ने प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोला है। विपक्ष का कहना है कि प्रदेश सरकार केवल विज्ञापन के जरिए अपना चेहरा चमकाने में लगी है। उसे जनता की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है। सरकार ने कोरोना महामारी में हुई मौतों से भी कोई सबक नहीं सीखा। पूरे प्रदेश में डेंगू व वायरल बुखार का कहर बढ़ता जा रहा है। केवल फिरोजाबाद में अब तक पचास लोगों की जान जा चुकी है। मथुरा में 17, मैनपुरी में तीन, कासगंज में दो लोग डेंगू और वायरल से जान गंवा चुके हैं। गोंडा में प्रतिदिन तीन हजार से ज्यादा मरीज संदिग्ध बुखार से पीड़ित होकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। कानपुर में वायरल बुखार के कारण सात दिन में 10 लोगों की मौत हो गई। इनमें दो बच्चे शामिल हैं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुखार से पीड़ित 400 से ज़्यादा मरीज विभिन्न सरकारी अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें बच्चों की संख्या काफी है। बलरामपुर अस्पताल, लोहिया अस्पताल और सिविल अस्पताल में खासी संख्या में ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं। प्रदेश के तमाम जिलों में बुखार के कहर से एक ओर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। विपक्ष का कहना है कि सरकार कोरोना को लेकर गंभीर नहीं दिखी इसके कारण चारों ओर अव्यवस्था फैल गयी और तमाम लोगों की मौतें हो गयी। अब बुखार में भी वहीं अव्यवस्था फिर से दिख रही है।
सीएम दौरे का भी नहीं दिखा असर
कुछ दिन पहले फिरोजबाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दौरे पर गए थे और अस्पतालों में जाकर बच्चों का हाल जाना था। उस समय उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को संबंधित निर्देश भी दिए थे। इसके बाद बावजूद यहां हालात बेकाबू दिख रहे हैं। जिला मजिस्ट्रेट चंद्रविजय सिंह ने लापरवाही के आरोप में यहां तीन डॉक्टरों को सस्पेंड भी किया।
24 घंटे में 45 हजार से अधिक संक्रमित
नई दिल्ली। देश में एक बार फिर कोरोना की रफ्तार बढ़ने लगी है। पिछले दो दिनों से कोरोना संक्रमितों की संख्या रोजाना 45 हजार को पार कर रही है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, आज पूरे देश में कोरोना के 45,352 नए मामले दर्ज किए गए हैं जबकि 366 लोगों की मौत हो गयी है। इसमें सिर्फ केरल से ही 32 हजार से अधिक मामले हैं। केरल में लगातार कोरोना से बिगड़ते हालात को लेकर केंद्र की चिंता बढ़ती जा रही है। इससे देश में सक्रिय मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। गुरुवार को संक्रमितों की संख्या 47 हजार से अधिक थी। देश में सक्रिय मामले 4 लाख के पास पहुंच गए हैं। देश में अब 3 लाख 99 हजार 778 सक्रिय केस हैं।
कानपुर में 30 हजार लोग चपेट में
कानपुर। जनपद कानपुर में सामान्य वायरल फीवर और डेंगू की चपेट में नगर के करीब 30 हजार लोग हैं। वायरल फीवर घर-घर में है। ओपीडी में आने वाले नए 60 हजार रोगियों में आधे रोगी वायरल फीवर के हैं। इनमें डेंगू के भी रोगी हैं लेकिन जांच न होने की वजह से पुष्टि नहीं हो रही है। ज्यादातर रोगी घरों में रहकर इलाज कर रहे हैं। गंभीर रोगी अस्पताल पहुंच रहे हैं। हैलट, उर्सला, केपीएम हॉस्पिटल, कांशीराम हॉस्पिटल तथा शहर के सभी नर्सिंगहोमों और गली-मोहल्लों में क्लीनिक चला रहे निजी डॉक्टरों के यहां 75 हजार से अधिक रोगियों की प्रतिदिन ओपीडी होती है। वहीं सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह का कहना है कि यह मौसमी बीमारियों का सीजन है। बचाव के तरीके अपनाकर बीमार होने से बचा जा सकता है।
अखिलेश ने साधा निशाना
बुखार से मर रहे लोगों और प्रदेश के अस्पतालों में फैली अव्यवस्था को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अव्यवस्था पर प्रकाशित एक खबर को टैगकर सरकार पर तंज कसा है। साथ ही लिखा है कि नहीं चाहिए भाजपा।
यूपी में वायरल फीवर से 100 से अधिक लोगों की जान जाने की खबर पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। क्या यूपी सरकार ने दूसरी लहर में अपने विनाशकारी कोविड प्रबंधन के भयावह परिणामों से कोई सबक नहीं सीखा है?
प्रियंका गांधी, महासचिव, कांग्रेस
कोरोना के समय योगी सरकार ने जनता को राहत और इलाज देने की जगह झूठ, मिसमैनेजमेंट और घोटालों की मिसाल कायम की। इसके बाद झूठी तारीफों और फर्जी प्रमाणपत्रों से इसको सराहनीय बताने के निर्लज्ज प्रचार किये गए। आज भी बच्चे बुखार से मर रहे हैं। स्वास्थ्य का ढांचा ध्वस्त है और सरकार अपने झूठे प्रचार में मस्त है ।
वैभव माहेश्वरी, प्रवक्ता, आप
भाजपा सरकार विज्ञापनों के जरिए अपना चेहरा चमकाने में लगी है। धरातल पर कोई काम नहीं किया गया है। कोरोना से सबक लेते हुए अगर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया होता तो आज यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती। बुखार से लोगों की जानें नहीं जातीं।
अनिल दुबे, राष्टï्रीय सचिव, आरएलडी
जिन लोगों को एक बार डेंगू हो चुका है, उन्हें ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। एक बार डेंगू होने पर दो से तीन साल तक उनमें एंटीबॉडी रहती है लेकिन इस बीच डेंगू के दूसरे वैरिएंट ने हमला किया तो मरीज की जान का जोखिम बढ़ जाता है। पिछले दिनों कई ऐसे मरीज मिले हैं, जिन्हें गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया। ऐसे मरीजों के हर पैरामीटर को ध्यान में रखकर इलाज करना पड़ता है।
डॉ. डी हिमांशु, संक्रामक रोग यूनिट प्रभारी, केजीएमयू