चुनाव में आपराधिक छवि वालों का कट सकता है टिकट
- भारत निर्वाचन आयोग ने जारी किए नए निर्देश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के लिए आपराधिक पृष्ठभूमि या फिर ऐसे व्यक्ति जिन पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं को टिकट देना आसान नहीं होगा। केन्द्रीय चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राजनीतिक दलों को उम्मीदवार घोषित करने के 48 घंटों के भीतर अपनी वेबसाइट के जरिए यह सार्वजनिक करना होगा कि उन्होंने जिसे उम्मीदवार बनाया है क्या वह आपराधिक पृष्ठभूमि का है, अगर है तो उस पर कितने और किन आरोपों में मुकदमे चल रहे हैं। साथ ही मुकदमों की क्या प्रगति है। भारत निर्वाचन आयोग ने उन पांच राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ वीसी की जहां अगले वर्ष के शुरुआत में चुनाव होने हैं। आयोग ने कहा राजनीतिक दलों को यह भी स्पष्ट करना होगा कि उन्हें साफ सुथरी छवि का ऐसा कोई व्यक्ति क्यों नहीं मिला जिस पर कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज न हो और ऐसे साफ सुथरी छवि वाले व्यक्ति को उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया? सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद आयोग ने राजनीतिक दलों व अभ्यर्थियों के लिए कई प्रारूप भी बनाए हैं, इन्हें भरकर चुनाव में देना होगा।
विधानसभा चुनाव में होंगे 1.74 लाख पोलिंग बूथ
प्रदेश में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कोरोना संक्रमण को देखते हुए 1500 मतदाताओं के स्थान पर अब 1200 मतदाताओं की संख्या पर एक पोलिंग बूथ बनाया गया है। इस कारण प्रदेश में नौ हजार, 879 पोलिंग बूथ बढ़ गए हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में कुल एक लाख, 74 हजार, 351 पोलिंग बूथ बनाने को हरी झंडी दे दी है। मतदान केन्द्रों की संख्या भी 91 हजार, 572 के स्थान पर 92 हजार, 882 हो गई है।
एक नवंबर से मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण अभियान
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि एक नवंबर से मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण अभियान शुरू हो रहा है। इस दौरान सात, 13, 21 व 28 अक्टूबर को विशेष अभियान चलाया जाएगा। पहले 14 अक्टूबर को विशेष अभियान चलाया जाना था किंतु उस दिन बड़ी प्रतियोगी परीक्षा होने के कारण अब उसे एक दिन पहले यानी 13 अक्टूबर कर दिया गया है। उन्होंने राजनीतिक दलों से बूथ लेवल एजेंटों की नियुक्ति का भी अनुरोध किया है ताकि यह बीएलओ के साथ मिलकर मतदाता सूची बनाने में सहयोग प्रदान करें।