आवारा कुत्तों से मासूम की मौत मामले में नगर आयुक्त को नोटिस

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने राजधानी के ठाकुरगंज इलाके में आवारा कुत्तों के हमले में सात साल के मासूम की मौत व उसकी चार साल की बहन के घायल होने की घटना को अति विचलित करने वाला बताया है। न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने दो अखबारों में प्रकाशित खबर का स्वत: संज्ञान लिया और मामले को जनहित याचिका के रूप में दर्ज किए जाने का आदेश दिया है। साथ ही, राज्य सरकार समेत नगर निगम, केजीएमयू, पशुपालन विभाग के जिम्मेदारों को इसकी कॉपी भेजने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि बुधवार को कुत्तों के झुंड ने प्राथमिक विद्यालय में खेल रहे मासूम भाई-बहन पर हमला बोल दिया था। इसमें रजा की मौत हो गई जबकि उसकी बहन जन्नत फातिमा का केजीएमयू में इलाज चल रहा है। खंडपीठ ने डीएम से पूछा है कि पीड़ित परिवार को किस तरह से क्षतिपूर्ति की जा सकती है? अदालत ने राज्य के अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी को डीएम से यह जानकारी लेकर पेश करने को कहा है। अदालत ने मामले में सहयोग के लिए तीन स्थानीय वकीलों को बतौर न्यायमित्र भी नियुक्त किया है। कोर्ट ने लखनऊ के सीएमओ व केजीएमयू के कुलपति को सरकारी खर्च पर घायल बालिका का इलाज कराने को कहा है। साथ ही कुलपति को खुद इसकी निगरानी करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी। मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बालकृष्ण नारायण ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए नगर आयुक्त को नोटिस जारी किया है। आयोग ने एक सप्ताह के अंदर पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।

 

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