चंदौली कांड को लेकर अखिलेश का भाजपा सरकार पर बड़ा हमला
दबिश नहीं दबंगई दिखाने जाती है यूपी पुलिस
- महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ जनता को आना होगा सामने
- चंदौली प्रकरण की हाईकोर्ट के जजों की कमेटी से करायी जाए जांच
- ज्ञानवापी मामले पर बोले भाजपा समाज में नहीं चाहती है शांति
- मृतका के परिजनों से मिलकर सपा प्रमुख ने दी सांत्वना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंदौली। जनपद के मनराजपुर गांव में पुलिस दबिश के दौरान युवती की मौत की घटना को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि यूपी की पुलिस दबिश नहीं दबंगई दिखाने जाती है। चंदौली की घटना इसका उदाहरण है। वहां पुलिस पूरी तैयारी के साथ जान लेने गई थी। थाने अराजकता के केंद्र बन चुके हैं। चंदौली में मृतका के पिता खुद कह रहे हैं कि पुलिस पहुंची और बेटी की पीटकर हत्या कर दी। मुझे सरकार की जांच पर भरोसा नहीं है। इससे न्याय नहीं मिलेगा अगर हाईकोर्ट के जजों की कमेटी जांच करे तो न्याय हो सकता है।
प्राइवेट विमान से वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचे अखिलेश यादव ने ज्ञानवापी प्रकरण पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नहीं चाहती है कि समाज में शांति रहे। समाज में नौकरी-बेरोजगारी और महंगाई के सवाल पर बात न हो। दुनिया में डॉलर कहां पहुंच गया और रुपया कहां है। देश के सारे संसाधन कुछ लोग खरीदे ले रहे हैं। यूपी में न नौकरी है और न ही रोजगार है। जनता को खुद महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ आगे आना होगा। उन्होंने सवाल किया, आटा की क्या कीमत हो गई है? गेहूं की सरकारी खरीद नहीं हुई है। बिजली महंगी हो गई है। गंगा की सफाई का हाल ये है कि गंगा में मछलियां डालते ही मर जा रही हैं। इसका मतलब गंगा में ऑक्सीजन नहीं कार्बन डाईऑक्साइड बढ़ रही है। वाराणसी से वे पीडि़त परिवार से मिलने के लिए चंदौली के मनराजपुर पहुंचे हैं। उन्होंने मृतका के पिता को सांत्वना दी।
क्या है मामला
चंदौली के सैयदराजा थाना क्षेत्र के मनराजपुर गांव में एक मई की दोपहर पुलिस दबिश के दौरान जिला बदर के आरोपी कन्हैया यादव की पुत्री निशा यादव उर्फ गुडिय़ा की मौत हो गई थी। इसकी मजिस्ट्रेट जांच कराई जा रही है। कई पार्टियों के नेता पहले भी निशा के परिजनों से मिल चुके हैं।
आजम पहले भी हमारे थे और आज भी हमारे हैं
आजम खां के बारे मे पूछे गए सवाल पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि आजम खां पहले भी हमारे थे और आज भी हमारे हैं। आजम खां के केस देख रहे वकील और उनके परिवार से मेरी लगातार बात हो रही है। उनके जेल से बाहर आते ही वे हमारे साथ रहेंगे।
शाहीन बाग में बुलडोजर पर बवाल
- शीर्ष अदालत ने खारिज की याचिका, पूछा, सियासी दल क्यों आ रहे कोर्ट
- अतिक्रमण हटाए बिना लौटा साउथ एमसीडी का अमला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन से सुर्खियों में आए शाहीन बाग में आज बुलडोजर को लेकर बवाल हो गया। अतिक्रमण हटाने जैसे ही साउथ दिल्ली नगर निगम का बुलडोजर क्षेत्र में पहुंचा हंगामा मच गया। महिलाएं बुलडोजर पर चढ़ गईं। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया। इस दौरान आप समेत कई दलों के नेता मौके पर पहुंचे और कार्रवाई का विरोध किया। लिहाजा बुलडोजर बैरंग लौट गया। वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीपीआईएम की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में पीडि़तों की जगह राजनीतिक दलों ने अदालत का दरवाजा क्यों खटखटाया है।
साउथ एमसीडी की टीम आज जैसे ही पुलिस फोर्स के साथ अतिक्रमण हटाने शाहीन बाग पहुंची तो लोगों ने हंगामा कर दिया। आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। उन्होंने कहा कि लोग खुद यहां से अतिक्रमण हटा रहे हैं। अतिक्रमण कहां है। पुलिस और अधिकारी मुझसे बात करें। विरोध को देखते हुए फिलहाल बुलडोजर वापस जा चुका है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि सीपीआईएम इस मामले में याचिका क्यों दायर कर रही है। अगर कोई पीडि़त पक्ष हमारे पास आता है तो समझ आता है क्या कोई पीडि़त नहीं है?
नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी को झटका
गैरजमानती वारंट पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार
- अवमानना मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जारी किया है वारंट
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नोएडा। नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट के सामने उपस्थित न होना भारी पड़ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने रितु माहेश्वरी के खिलाफ हाईकोर्ट द्वारा जारी अवमानना नोटिस के मामले में कोई राहत नहीं दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रितु के खिलाफ अवमानना मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते हैं तो आपको इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप आईएएस अधिकारी हैं, आपको नियम पता है। हर रोज इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन होता है। आप अदालत के आदेश का सम्मान नहीं करते। गौरतलब है कि रितु को हाईकोर्ट ने 4 मई की सुनवाई में हाजिर रहने का आदेश दिया था लेकिन वे समय पर नहीं पहुंची। इस पर कोर्ट ने अवमानना के मामले में गैरजमानती वारंट जारी किया। दरअसल भूमि अधिग्रहण के एक मामले में हाईकोर्ट ने सर्किल रेट से दोगुनी दरों पर मुआवजा देने का आदेश प्राधिकरण को दिया था लेकिन इस पर अमल नहीं किया गया।