चंपावत सीट पर वोटिंग जारी, सीएम धामी के भाग्य का फैसला 3 को

  • दोपहर एक बजे तक 45.90 प्रतिशत मतदान, बूथों पर मतदाताओं की लंबी कतारें

देहरादून। चंपावत में उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी है। दोपहर एक बजे तक 45.90 प्रतिशत मतदान हुआ है। उपचुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत चार प्रत्याशी मैदान में हैं। दरअसल, विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री धामी को खटीमा से हार का मुंह देखना पड़ा था, ऐसे में क्षेत्र के पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी ने यह सीट उनके लिए खाली कर दी थी। उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के लिए 15 फरवरी को हुए मतदान के 106 दिन बाद 31 मई को चंपावत में दूसरी बार मतदान हो रहा है। 90 वर्षीय त्रिलोक सिंह बोहरा जीआईसी बूथ में मताधिकार का प्रयोग करने के बाद बेहद खुश नजर आए। वहीं दिव्यांग मतदाता गिरीश चंद्र जोशी छह किलोमीटर किसकोट से मौराडी तक गांव के एक साथ के साथ बाइक पर वोट देने पहुंचे। चंपावत उपचुनाव में सीएम धामी के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि चंपावत अब उत्तराखंड के विकास का नेतृत्व करेगा।

उपचुनाव के लिए 31 मई को हो रहे मतदान में चंपावत के नागरिक सिर्फ विधायक नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री को चुनेंगे। विधानसभा में दो-तिहाई बहुमत लाने वाली भाजपा के सीएम पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट कांग्रेस के भुवन कापड़ी के हाथों हार गए थे। इसके बावजूद केंद्रीय आलाकमान ने उन पर विश्वास जताया और उन्होंने 23 मार्च को सीएम की दूसरी बार शपथ ली। 21 अप्रैल को चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया। दो मई को उपचुनाव की तिथि का एलान होने के बाद भाजपा ने चंपावत से धामी को प्रत्याशी बनाया। समीक्षक कहते हैं कि कांग्रेस की सारी ताकत इस उपचुनाव में दमदार मुकाबला करने की है। इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष, विपक्ष के नेता से लेकर पूर्व सीएम तक ने मोर्चा संभाला था। जोरदार संघर्ष कर इस नतीजे को दिलचस्प बनाने का कांग्रेस का इरादा पूरा हो पाएगा? तीन जून को वोटों की गिनती के साथ इसका उत्तर सामने आएगा।

भाजपा सरकार के पांच साल नाकामी का दस्तावेज : गहतोड़ी
कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी ने उपचुनाव को लेकर कहा चंपावत से लेकर प्रदेश के विकास में भाजपा सरकार के पांच साल नाकामी का दस्तावेज है। पांच साल में तीन मुख्यमंत्री देने वाली भाजपा आगे ऐसा नहीं करेगी, इसकी क्या गारंटी है। सीएम के मैदान में होने के बावजूद भाजपा डरी हुई है। पूरी सरकार के मंत्रियों, विधायकों और संगठन की फौज तो चंपावत में डटी ही है, अब यूपी के मुख्यमंत्री को भी चुनाव प्रचार के लिए लाना इस डर की तस्दीक करता है।

चंपावत को उसका पुराना गौरव दिलाना है : सीएम धामी
भाजपा प्रत्याशी पुष्कर सिंह धामी कहते हैं कि एतिहासिक और धार्मिक नगरी चंपावत को उसका पुराना गौरव दिलाना है। मां पूर्णागिरि धाम, गोल्ज्यू दरबार, हिंगलादेवी, देवीधुरा धाम, श्यामलाताल, गोरखनाथ दरबार सहित तमाम धर्मस्थल अध्यात्म की बुलंदियों के साथ पर्यटन मानचित्र पर चमकेंगे। वहीं आधारभूत ढांचे और बुनियादी सुविधाओं को गति देकर चंपावत के लोगों की विकास की आकांक्षा को रफ्तार दी जाएगी।

विपक्ष ने विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव की उठाई मांग

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव की भी मांग उठा दी। साथ में तंज कसा कि पुराना द्रष्टांत न बताएं, पिछले कार्यकाल में सरकार को चार वर्ष 11 माह बाद याद आई थी और आखिरी सत्र में उपाध्यक्ष बनाए गए। इस पर सत्ता पक्ष की ओर से संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने मांग करने वाले सपा सदस्य लालजी वर्मा को बसपा शासनकाल याद करने को कहा और बोले कि अध्यक्ष सदन में चलाने में सक्षम हैं। आवश्यकता पड़ने पर निर्णय लिया जाएगा। विपक्ष की ओर से नियम-300 की सूचना के तहत ओमप्रकाश सिंह और लालजी वर्मा ने संयुक्त रूप से मांग उठाई। ओमप्रकाश ने कहा कि अभी सदन चल रहा है। इसी दौरान यदि विधानसभा उपाध्यक्ष का भी चुनाव हो जाए तो यह अच्छी व्यवस्था होगी। उत्तर देने के लिए जैसे ही संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना खड़े हुए तो लालजी वर्मा बोले- पुराना द्रष्टांत न बताना। खन्ना ने पुराने द्रष्टांत का आशय पूछा तो वर्मा बोले कि पिछले कार्यकाल में सरकार ने आखिरी सत्र में उपाध्यक्ष बनाए थे, इसलिए कहा। इस पर संसदीय कार्यमंत्री ने भी तंज कस दिया। बोले कि उससे पहले का भी याद कर लें। बसपा शासनकाल को भी याद कर लें। उन्होंने कहा कि सदन में चलाने में विधानसभा अध्यक्ष सक्षम हैं और अच्छे से चला भी रहे हैं। जो अधिष्ठाता मंडल बनाया गया है, वह भी माकूल है।

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