यूपी में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाएंगे नीतीश कुमार!
- आगामी चुनाव को लेकर जदयू ने कसी कमर
लखनऊ। अगले साल शुरुआत में पांच राज्यों में एक साथ विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन सभी की निगाहें उत्तर प्रदेश के चुनाव पर हैं। सत्ताधारी बीजेपी से लेकर सपा, बसपा और कांग्रेस ही नहीं, बल्कि बिहार में राजनीतिक आधार रखने वाली सियासी पार्टियां भी यूपी के चुनावी मैदान में उतरने का दम भर रही हैं। इसी कड़ी में पूर्व केन्द्रीय मंत्री, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष एवं बिहार विधानसभा परिषद सदस्य उपेंद्र कुशवाहा ने कहा जनता दल यूनाइटेड किसी भी हाल में उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी। कुशवाहा ने साफ किया कि हम केन्द्र में और बिहार में एनडीए के हिस्सा हैं इसलिए पहली कोशिश होगी की विधानसभा चुनाव में भी एनडीए के बैनर तले चुनाव लड़े। अगर ऐसा नहीं होता है तो भी हमारी पार्टी चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा बीजेपी के साथ यूपी चुनावों को लेकर सियासी गठबंधन करना प्राथमिकता तो है लेकिन अगर बीजेपी के साथ बात नहीं बनी तो जेडीयू अकेले ही या फिर मुफीद सियासी पार्टनर मिलने पर अन्य दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी। फिलहाल उपेंद्र कुशवाहा उत्तर प्रदेश में जनता की नब्ज टटोलने निकले हैं। कुशवाहा ने कहा कि पार्टी की रणनीति है कि इतने सीट पर चुनाव लड़कर सम्मानजनक स्थिति में पहुंचा जाए ताकि पार्टी को चुनाव आयोग से मान्यता मिल जाए। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पार्टी को संभावना दिख रही है। कार्यकर्ता तैयारी कर रहे हैं और इस तरह से जदयू का संगठनात्मक विस्तार भी होगा। यह पहली बार नहीं होगा जब केन्द्र में एक दूसरे को समर्थन देने वाले दो दलों ने राज्य चुनावों में गठबंधन के विपरीत जाकर चुनाव लड़ा हो। झारखंड में जेएमएम(झारखंड मुक्ति मोर्चा) ने 2009 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ा था जबकि केन्द्र में सत्तारूढ़ यूपीए के घटक दलों में से एक जेएमएम भी थी।