कर्नाटक के गौरव को खत्म कर रही भाजपा: सिद्धारमैया

  • 26 जनवरी की परेड में इस साल नहीं दिखेगी कर्नाटक की झांकी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरु। इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली परेड में कर्नाटक की झांकी नहीं दिखेगी। कर्नाटक सरकार ने खुद इसकी जानकारी दी। राज्य गणतंत्र दिवस की झांकी के नोडल अधिकारी सी आर नवीन ने एक बयान में बताया कि केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए पिछले आठ वर्षों के दौरान कम से कम बार परेड में भाग लेने वाले राज्यों को अवसर प्रदान किया गया है।
दरअसल, गणतंत्र दिवस परेड में लगातार 13 वर्षों तक राज्य की संस्कृति का प्रदर्शन करने के बाद इस साल परेड से कर्नाटक की झांकी को बाहर किए जाने के बाद राज्य में विवाद पैदा हो गया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने राज्य के गौरव को बनाए रखने की गंभीरता पर सवाल उठाते हुए इस संबंध में राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने आगे कहा राज्य की भाजपा सरकार ने अपने आलाकमान के हितों को समायोजित करने के लिए हमारे गौरव का सौदा किया है। जिसके बाद सरकार की ओर से कर्नाटक राज्य गणतंत्र दिवस की झांकी के नोडल अधिकारी सी आर नवीन का बयान आया है। उन्होंने अपने बयान में बताया कर्नाटक ने इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड के दौरान एक झांकी के माध्यम से अपनी बाजरा विविधता प्रदर्शित करने का प्रस्ताव दिया था। राज्य की झांकी पारंपरिक हस्तशिल्प की पालना को पिछले साल दूसरी सर्वश्रेष्ठ झांकी घोषित किया गया था।

सरकारी संसाधनों को लूट रहे मंत्री

विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि यह जानना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस साल गणतंत्र दिवस परेड में कर्नाटक भाग नहीं लेगा। राज्य की झांकी को अस्वीकार करना दर्शाता है कि यहां की भाजपा सरकार हमारे राज्य के गौरव को बनाए रखने के लिए कितनी गंभीर है। उन्होंने आरोप लगाया कि कमजोर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और उनके कैबिनेट मंत्री 40 प्रतिशत कमीशन के माध्यम से सरकारी संसाधनों को लूटने के बारे में चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के नेताओं को हमारे राज्य में केवल शोर मचाने के लिए जाना जाता है, लेकिन वे अपने आलाकमान के सामने कायर हैं। सिद्धारमैया ने सवाल किया कि हमारे राज्य की झांकी को अस्वीकार करने के लिए क्या भाजपा के किसी भी सांसद ने आपत्ति जताई है?

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