हरियाणा कांग्रेस में जान फूंक गए राहुल गांधी
सोशल इंजीनियरिंग दिखी, सैलजा को साथ लिया,हुड्डा समर्थकों को भी जोड़ा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अंबाला (हरियाणा)। भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी ने हरियाणा कांग्रेस में एक बार फिर उत्साह भर दिया है। वहां पर कांग्रेस की सोशल इंजीनियरिंग भी साफ नजर आई। राहुल गांधी भी यात्रा में कुमारी सैलजा और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ एक संतुलन में नजर आए। वहीं, अंबाला में चंद्रमोहन की एंट्री ने सभी को हैरान कर दिया, कांग्रेस के लिए यह फायदे का सौदा दिख रहा है। कुछ इसी प्रकार की सोशल इंजीनियरिंग यात्रा में दिखाई दी।
दरअसल हरियाणा में कांग्रेस के दो गुट पिछले लंबे समय से दिखाई देते रहे हैं। अंबाला में पोस्टरों और बैनरों में इन गुटों को साफ देखा जा सकता था। मगर यात्रा में राहुल गांधी इन सबसे हटकर एकजुटता का संदेश देते नजर आए। उनकी यात्रा में संगठन को ऊपर रखा गया। वे कुमारी सैलजा को अहमियत देते नजर आए तो हुड्डा समर्थकों को तरजीह दी। इस इंजीनियरिंग ने भाजपा का गढ़ माने जाने वाले अंबाला के कांग्रेसियों में फिर से जान फूंकनेे का काम किया। मंगलवार को सडक़ों पर ऐसे-ऐसे कांग्रेसी दिखाई दिए जो कभी पार्टी की बैठकों में भी नहीं आते थे। अब यह उत्साह भाजपा का किला भेदने मे कांग्रेस के लिए फायदेमंद होगा या नहीं यह तो समय ही बताएगा मगर कार्यकर्ताओं को को नई रोशनी जरूर नजर आ रही है।
सैलजा के लिए राहुल ने तोड़ा प्रोटोकॉल भले ही कुमारी सैलजा प्रदेश अध्यक्ष के पद पर न हों, मगर भारत जोड़ो यात्रा में उनकी अहमियत साफ देखी जा सकती है।
समर्थकों ने दिखाया गजब का उत्साह
अंबाला को कुमारी सैलजा का गढ़ माना जाता है। यहां भारत जोड़ो यात्रा के मार्ग पर लगे पोस्टरों से साफ देखा गया कि किस प्रकार का शक्ति प्रदर्शन चल रहा है। एक तरफ जहां हुड्डा समर्थकों ने अपने बड़े-बड़े पोस्टर थे और स्वागत के लिए मंच बनाया था तो वहीं सैलजा समर्थक भी किसी से पीछे नहीं थे। कई स्थानों पर सैलजा समर्थकों के पोस्टरों में भूपेंद्र हुड्डा नहीं थे तो हुड्डा समर्थकों के पोस्टरों से सैलजा गायब थीं। मगर यात्रा में चल रहे राहुल गांधी दोनों गुटों को साधते नजर आए। मोहड़ा गांव में नुक्कड़ सभा के दौरान कुमारी सैलजा को दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपनी कुर्सी दी। इसके बाद कुमारी सैलजा ने भूपेंद्र हुड्डा से भी गुफ्तगू भी की। पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा में गए कुलदीप बिश्नोई के भाई चंद्रमोहन भले ही भारत जोड़ो यात्रा में खुद न दिखे हों। मगर उनके पोस्टर जरूर अंबाला पंजाब के बार्डर तक दिखाई दिए। हालांकि पोस्टर उनके समर्थकों द्वारा लगाए गए थे। मगर अंबाला में चंद्रमोहन की एंट्री से राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा हो रही, क्योंकि इससे पहले चंद्रमोहन की अंबाला में राजनीतिक हस्तक्षेप दिखाई नहीं दी है।