बिहार में जहरीला शराब से पांच की मौत, दस की हालत गंभीर

नई दिल्ली बिहार में शराबबंदी है यहां शराब पीना और पिलाना अपराध है। सरकार दावे कर रही है कि बिहार में शराबबंदी प्रभावी है। लेकिन जहरीली शराब से हो रही मौत बिहार सरकार के दावे कितने खोखले हैं यह बताने के लिए काफी है। बिहार में महज 41 दिन पहले जहरीली शराब से 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। तब सारण में 74, सीवान में पांच और बेगूसराय में दो लोगों की मौत हुई थी और अब एकबार फिर सीवान में जहरीली शराब का कहर देखने के लिए मिल रहा है। सीवान में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई है। जबकि 10 से ज्यादा लोगों की हालत गंभीर है। जहरीली शराब का सेवन करने वाले 6 लोगों ने अपनी आंखों की रोशनी खो दी है।
मामला लकड़ी नवीगंज ओपी थाना क्षेत्र के बाला और भोपतपुर गांव का हैं। बताया जा रहा है कि रविवार शाम को मौत का जो सिलसिला शुरू हुआ वह पांच लोगों तक पहुंच गया। सोमवार सुबह भी दो लोगों की मौत हुई है। इधर गांव वालों का कहना है कि 8 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
परिजनों ने कहा शराब पीने से मौत
जहरीली शराब पीकर जिन लोगों की मौत हुई है।उनकी पहचान सुरेंद्र रावत ,नरेश रावत,धुरेधर मांझी, जनकदेव रावत, और राजेश रावत के रूप में हुई हैं।लोगों की मौत के बाद परिजनों का कहना है कि शराब पीने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी जिसके बाद उनकी मौत हो गई। शराब पीकर जान गंवाने वाले धुरेधर मांझी की पत्नी सोहेला देवी ने बताया कि उनके पति रविवार की देर शाम शराब पीकर घर लौटे। इसके बाद उनकी तबीयत खराब होने लगी। इस दौरान उनकी पहले आंखे लाल हुई फिर रोशनी चली गई।
मामले को दबाने की कोशिश
इसके बाद उन्हें नबीगंज अस्पताल ले गए। लेकिन स्थिति गंभीर होने की वजह से उन्हें सीवान ले जाया गया। यहां से उन्हें पटना ले जाने के दौरान रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। धुरेधर मांझी के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। जिसमें दो बेटियां है।इधर प्रशासन ने मामले को दबाने की पूरी कोशिश कर रही है। सीवान सदर अस्पताल और बाला और भोतपुर गांव में पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं। मृतक के परिजनों को मीडिया से बात करने पर रोक लगा दिया गया है। सीवान के डीएम अमित पांडे ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि कितने लोगों की मौत हुई है।
80 मौत के बाद हमलावर बीजेपी
पिछले माह जब बिहार में जहरीली शराब पीने से 80 लोगों की मौत हुई थी तब इसपर खूंब हंगामा हुआ था। बीजेपी ने सडक़ से लेकर विधानसभा तक इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया था। तब बीजेपी ने इसे नरसंहार बताया था और कहा था बिहार में शराबंदी पूरी तरह फेल है। बीजेपी शराबबंदी के लिए सरकार को जिम्मेदार बताते हुए पीडि़त परिवार को मुआवजा देने की मांग की थी। जिसे बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने यह कहकर ठुकरा दिया था कि जो पियेगा वह मरेगा। और अब एकबार फिर लोगों की मौत के बाद ये मामला गरमा सकता है।

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