बजट आम होगा या चुनावी! कल खुलेगा पिटारा

  • विपक्ष को बहुत उम्मीद नहीं, सत्ता पक्ष ने कहा आमजन का रखेंगे ख्याल
    आज बजट सत्र का शुभारंभ राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरूहुआ

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले 1 फरवरी को मोदी सरकार आखिरी संपूर्ण बजट पेश करेगी। इस बजट से आमजन को बहुत उम्मीद है। बजट में क्या होगा ये तो कल पता चलेगा। पर विपक्ष ने सरकार को घेरने का मना बना लिया। आज बजट सत्र का शुभारंभ राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरूगया। बीआरएस, आप ने अभिभाषण का बहिष्कार किया है, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कश्मीर में होने के चलते संसद भवन में मौजूद नहीं रहे। पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी मौजूर रहीं। बजट पर विपक्ष को बहुत उम्मीद नहीं है।
विपक्ष के सभी दल कह रहे कि भाजपा सरकार जबसे आई है भारतीय अर्थव्यवस्था मुश्किल दौैर से गुजर रही है। जबकि सत्ता पक्ष आर्थिक हालात सुधरने की बात कह रहा है। बजट बढ़ती ब्याज दरों और और धीमी वैश्विक वृद्धि के बीच आ रहा है, ऐसे परिस्थिति में ज्यादा लोकलुभावन बजट बनाने से वे परहेज कर सकते हैं। ब्लूमबर्ग सर्वेक्षण में अर्थशास्त्री राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 5.9 प्रशित तक सीमित करते हुए देखते हैं। इससे पहले यह 6.4 प्रशित था। माना जा रहा है कि यह अगला वर्ष भी रिकॉर्ड उधारी की आवश्यकता से भरा होगा। भारत की बेरोजगारी दर पिछले महीने 16 महीने के उच्च स्तर 8.3 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो दुनिया की सबसे बड़ी आबादी के लिए रोजगार पैदा करने की चुनौती को रेखांकित करती है। अर्थशास्त्री का मानना है कि इस साल के 730 अरब रुपये (9 अरब डॉलर) के आवंटन में ग्रामीण नौकरी की गारंटी पर खर्च सबसे ऊपर हो सकता है, साथ ही फसल बीमा, ग्रामीण सडक़ बुनियादी ढांचे और कम लागत वाले आवास पर भी ध्यान दिया जा सकता है।

इंडिया फस्र्ट सिटिजन फस्र्ट की भावनारुप होगा बजट : मोदी

पीएम मोदी ने साथ ही कहा कि उनकी सरकार इंडिया फस्र्ट सिटिजन फस्र्ट के भावना के साथ काम करती है। उन्होंने कहा कि इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए बजट भी होगा। पीएम के इस इशारे से माना जा रहा है कि वित्त मंत्री बजट में आम लोगों के लिए कुछ बड़ी घोषणा कर सकती हैं। माना जा रहा है कि इस बार के बजट में टैक्स स्लैब में भी बदलाव हो सकता है।

इकोनॉमिक सर्वे: 2023-24, 3 साल में सबसे धीमी ग्रोथ

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट सत्र के दौरान इकोनॉमिक सर्वे पेश किया। सर्वे में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया है। यह पिछले 3 साल में सबसे धीमी ग्रोथ होगी। वहीं नॉमिनल जीडीपी का अनुमान 11प्रतिशत लगाया गया है। वित्त वर्ष 23 के लिए रियल जीडीपी अनुमान 7 प्रतिशत है। सर्वे में कहा गया है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। सर्वे में जीडीपी , महंगाई दर अनुमान, विदेशी मुद्रा भंडार और व्यापार घाटे की जानकारी शामिल होती हैं।

समाज के बीच बढ़ी है आर्थिक खाई

उधर आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना हैं समाज कल्याण से जुड़े कार्यक्रमों में उचित आवंटन होना चाहिए। क्योंकि जिनके पास है और जिनके पास नहीं है के बीच में गहराई बढ़ी है। मुद्रास्फीति ने खर्च करने की शक्ति को कम कर दिया है और कर में राहत उपभोग की मांग को बहुत जरूरी बल प्रदान कर सकती है। एक्सपर्ट का कहना है आम चुनावों से पहले कर में कटौती, व्यापक सामाजिक सुरक्षा व्यवस्ता और उत्पादन को और बढ़ावा देने की उम्मीदों के रूप में केंद्रीय बजट 2023 को पेश किया जा सकता है। रिपोर्टों के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश के विशाल मध्यम वर्ग को राहत देने और ग्रामीण नौकरियों जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से गरीबों पर खर्च बढ़ाने के लिए आयकर स्लैब में बदलाव कर सकने की बातें कही गई हैं।

आप-बीआरएस ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया

चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया। भारत राष्ट्र समिति के राज्य सभा में नेता के केशवा राव का कहना है कि केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार प्रशासन के सभी मोर्चों पर विफल रही है। आप पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उनकी कुर्सी का सम्मान करते हुए, हम संसद की संयुक्त बैठक का बहिष्कार करते हैं क्योंकि केंद्र सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा है कि श्रीनगर एयरपोर्ट पर हुई फ्लाइट में देरी के चलते कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और कई सांसद भी अभिभाषण में शामिल नहीं हो पाएंगे।

एक तरफ प्रेम की बात कह रहे और दूसरी तरफ भगा रहें : कुशवाहा

  • नीतीश पर जमकर हमला बोला

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार की सियासत में इन दिनों सीएम नीतीश कुमार और दिग्गज नेता उपेंद्र कुशवाह की तल्खियों की खबर जमकर सुर्खियां बटोर रही है। जदयू के दिग्गज नेता उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश पर जमकर हमला बोला। उन्होंने भावनात्मक हमला करते हुए कहा कि अगर नीतीश कहते हैं कि वह स्नेह करते हैं तो वह एक तरफ प्रेम की बात कह रहे और दूसरी तरफ भगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष एक झुनझुना जैसा था क्योंकि संसदीय बोर्ड के लिए कोई अधिकार पार्टी के संविधान में नहीं था। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने हिस्सा नहीं दिया, यह हिस्सा वही है जो लालू यादव से साल 1994 में मांगा था। आज वही हिस्सा हम नीतीश कुमार से मांग रहे हैं। विधान परिषद का सदस्य मेरे लिए लॉलीपॉप हैं। हम हिस्सा लेंगे ऐसे नहीं जाने वाले हैं।

पार्टी की मजबूती के लिए कुछ नहीं हो रहा

पार्टी की मज़बूती के लिए कुछ नहीं हो रहा हैं। दो साल में संसदीय दल के कमिटी का मनोनयन तक नहीं किया। व्यक्तिगत रूप से संसदीय दल का अध्यक्ष होने के बाद भी कभी भी किसी उम्मीदवार के चयन में मुझसे सलाह तक नहीं ली गई जबकि संसदीय बोर्ड की भूमिका होती हैं. इसी के साथ उन्होंने कहा कि हमारे सुझाव पर पार्टी ने कभी अमल नहीं किया गया. यहां तक कि मेरी बातो का खंडन राष्ट्रीय अध्यक्ष या नीतीश जी कर सकते हैं। इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को आरोप लगाया कि राज्य के भोजपुर जिले में उनकी कार पर पथराव किया गया. राज्य विधान परिषद के सदस्य कुशवाहा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कुमार और बिहार पुलिस को टैग करते हुए यह आरोप लगाया. कुशवाहा ने इस बारे में ट्वीट करते हुए बताया था, ‘‘भोजपुर जिले के जगदीशपुर में नयका टोला मोड़ के पास से गुजर रहे काफिला में शामिल मेरी गाड़ी पर कुछ असामाजिक तत्वों ने अचानक हमला कर दिया, पत्थर फेंका. सुरक्षाकर्मियों के दौड़ाने पर सभी भाग गये। कुशवाहा ने राज्य की राजधानी लौटने पर दावा किया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि हमला किसने किया और हमलावरों का मकसद क्या था।

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