अखिलेश-ओवैसी पर केस दर्ज करने की मांग कोर्ट में खारिज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। ज्ञानवापी के वजूखाने में गंदगी करने और प्रकरण में नेताओं की भडक़ाऊ बयानबाजी को लेकर मुकदमा कायम करने की मांग को एसीजेएम प्रथम की कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी, शहर मौलवी व काजी समेत कई लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई थी।
इस बाबत सिविल कोर्ट के एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप लगाया था कि इन नेताओं ने अमर्यादित एवं गैर कानूनी कथनों पर बयान देकर हिंदू समाज के प्रति घृणा फैलाने का आपराधिक कृत्य किया है। अदालत ने बहस सुनने के पश्चात आदेश सुरक्षित करते हुए 14 फरवरी की तिथि मुकर्रर की थी। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि तीनों नेताओं के कथन के संबंध में यह कहना पर्याप्त है कि कानून व्यवस्था का प्राथमिक उत्तरदायित्व राज्य एवं उनकी एजेंसियों का है। वाद में जिन भी घटनाओं एवं कथनों का उल्लेख किया गया है, उनके घटने या फिर न घटने के संबंध में वादी को ही जानकारी हो ऐसा भी नहीं हो सकता है। ऐसी परिस्थिति में कोई संज्ञेय अपराध कारित होना दर्शित नही होता है। ऐसे में आवेदन निरस्त किया जाता है।
हाईकोर्ट ने सलमान खुर्शीद पर दर्ज एफआईआर की रद
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व विदेश और कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के अपने बयान ‘रिश्ते में हम तुम्हारे बाप लगते हैं,’ के बयान मामले में राहत दी है। कोर्ट ने मामले में उनके द्वारा खेद जताने पर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपने बयान पर खेद व्यक्त किया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि उसका इरादा कभी भी सीएम योगी आदित्यनाथ या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। उसने पत्रकारों द्वारा पूछे गए कुछ सवालों का जवाब देते हुए इसे केवल हल्के-फुल्के अंदाज में कहा था। लिहाजा, आक्षेपित कार्यवाही को रद्द कर किया जाता है। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने सलमान खुर्शीद की ओर से थाना फर्रुखाबाद कोतवाली, फतेहगढ़ में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री सलमान खुर्शीद ने यह बयान लोकसभा चुनाव 2019 में सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ दिया था।