भाजपा का सबका साथ, सबका विकास का नारा खोखला: अखिलेश यादव

विधानसभा में बोले नेता प्रतिपक्ष, सत्ता में आए तो कराएंगे जातीय जनगणना

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ । नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा में जातीय जनगणना का मुद्दा उठाते हुए कहा भाजपा सबका साथ, सबका विकास का नारा देती है, लेकिन जातीय जनगणना नहीं कराना चाहती है। बिना जातीय जनगणना के भाजपा का यह नारा अधूरा है। उन्होंने कहा कि जब बिहार में जनगणना हो सकती है तो यूपी में क्यों नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि यदि सपा की सरकार बनी तो तीन महीने जातीय जनगणना कराएंगे। उन्होंने सरकार से भी जनगणना के साथ ही जातीय जनगणना कराने की भी मांग की। उन्होंने सरकार की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया। कहा कि भाजपा ने दुबारा सरकार भले ही बना ली, पर न तो इसकी राजनीतिक विश्वसनीयता रह गई है और न ही वित्तीय विश्वसनीयता रह गई है। सरकार वादे पूरे ही नहीं कर रही है।
बृहस्पतिवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए अखिलेश ने कहा, सरकार ने राज्यपाल का समय खराब किया। उनका अभिभाषण ‘कट एंड पेस्ट’ करके तैयार कराया गया था। उन्होंने कहा कि राज्यपाल यदि अपने खुद के विचार से अभिभाषण तैयार कराया होता तो सच्चाई सबसे सामने होती।

छह साल से सपने अधूरे

प्रदेश की कानून-व्यवस्था, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और किसानों की आय दोगुनी करने के मुद्दे की चर्चा करते हुए कहा, सरकार ने विकास के बड़े सपने दिखाए थे, जो छह साल में पूरा नहीं हुआ।

स्टेट रैंकिंग में यूपी पिछड़ा

उन्होंने सभी क्षेत्रों में नंबर एक होने के सरकार के दावे को गलत बताते हुए कहा कि स्टेट रैकिंग में पहले पायदान पर महाराष्ट्र, दूसरे पर गुजरात और यूपी 16वें नंबर पर है। इसी प्रकार आर्थिक रैकिंग में भी यूपी 17वें पायदान पर है, जबकि गुजरात एक नंबर पर है।

मेरे खिलाफ कविता बनी थी मै तो खुश था

इस मौके पर अखिलेश ने लोकगायिका नेहा राठौर को नोटिस दिए जाने पर कहा कि इस सरकार में गाने पर नोटिस दिया जा रहा है। मेरे खिलाफ कविता बनी थी तो हम तो खुश हुए थे। उन्होंने कहा कि हम पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जिसने अपनी कार्टून बनवाई थी। उन्होंने कहा कोई टाई-सूट में दिखे उसे पकडक़र एमओयू साइन कर लिया, जहां भी कोई टाई-सूट में दिखे उसे पकडक़र एमओयू साइन कर लो वाली स्थिति है। उन्होंने कहा एक मंत्री यूनाइटेड स्टेट गए थे और एक यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू किया था। बाद में पता चला कि वह यूनिवर्सिटी तो है ही नहीं। उन्होंने नेता सदन की ओर इशारा करते हुए किर उन मंत्री को फिर से वहां भेजिए और तब तक भारत वापस न आने दीजिए जब तक सही तरीके एमओयू न हो जाए।

कानपुर देहात कांड में कार्रवाई क्यों नहीं

कानपुर देहात में मां-बेटी की घटना का जिक्र करते हुए अखिलेश ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाया। कहा, इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। आखिर मुख्यमंत्री को कार्रवाई से कौन रोक रहा है। कई घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जो सरकार प्रदेश को स्थाई डीजीपी नहीं दे सकती है, उससे कानून-व्यवस्था पर जीरो टॉलरेंस की उम्मीद करना बेमानी है।

 

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