अयोध्या विकास प्राधिकरण बोर्ड ने ‘धन्नीपुर मस्जिद’ का नक्शा किया पास, जल्द शुरू होगा निर्माण
लखनऊ। अयोध्या विकास प्राधिकरण बोर्ड ने धन्नीपुर मस्जिद का नक्शा पास कर दिया है।जल्द ही प्राधिकरण इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को नक्शा सौंपेगा। इसके साथ ही मस्जिद का निर्माण जल्द शुरू होगा। फाउंडेशन के ट्रस्टी अरशद अफजाल खान ने यह जानकारी दी। राम मंदिर फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन दी है । धन्नीपुर गांव राम जन्मभूमि से लगभग 25 किलोमीटर दूर लखनऊ हाईवे पर स्थित है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश में अयोध्या में मुसलमानों को दी गई जमीन पर मस्जिद का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। मस्जिद निर्माण का कार्य कर रहे इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह एक संयोग होगा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण मुकम्मल होने के आसपास ही मस्जिद के ढांचे की तामीर भी पूरी हो जाएगी।
जिस जमीन पर इस मस्जिद का निर्माण कराया जाएगा वह राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा सुनाए गए आदेश के अनुपालन में मुस्लिम पक्ष को दी गई है। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मस्जिद निर्माण के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट का गठन किया है।
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के मुताबिक, फाउंडेशन मस्जिद के साथ बाकी चीजों का भी निर्माण शुरू कराएगी लेकिन क्योंकि मस्जिद छोटी है इसलिए उसके जल्द बनकर तैयार हो जाने की संभावना है। हालांकि इसके निर्माण की कोई समय सीमा नहीं तय की गई है। फाउंडेशन के ट्रस्टी अरशद अफजाल खान ने बताया कि उम्मीद है कि दिसंबर 2023 तक मस्जिद का ढांचा तैयार हो सकेगा। खान ने बताया कि मस्जिद और अन्य सुविधाओं का निर्माण उसी डिजाइन के अनुरूप किया जाएगा जो ट्रस्ट ने पहले जारी किया था। उन्होंने बताया कि मस्जिद का नाम धन्नीपुर अयोध्या मस्जिद होगा जबकि मस्जिद और अन्य सभी सुविधाओं के पूरे परिसर को मौलवी अहमदुल्लाह शाह कॉम्पलेक्स के तौर पर जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि अहमदुल्लाह शाह महान स्वतंत्रता सेनानी थे।
बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण दिसंबर 2023 तक मुकम्मल हो जाने की बात कही है। संभावना है कि मस्जिद का निर्माण भी इसी समय तक पूरा हो जाएगा।राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पिछली 25 अक्टूबर को संवाददाताओं को बताया था कि मंदिर का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा और जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद मंदिर में विधिवत दर्शन-पूजन शुरू कर दिए जाएंगे।
उच्चतम न्यायालय ने 9 नवंबर 2019 को अयोध्या के अरसे पुराने मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल की 2।77 एकड़ जमीन मंदिर बनाने के लिए हिंदू पक्ष को देने का आदेश दिया था। साथ ही मुसलमानों को अयोध्या में ही किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन देने का हुक्म जारी किया था। न्यायालय के आदेश के अनुपालन में अयोध्या जिला प्रशासन ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या की सोहावल तहसील स्थित धन्नीपुर गांव में जमीन दी थी।