बिहारियों की पिटाई : सियासत गरमाई

वायरल वीडियो से मची खलबली

  • भाजपा ने एक तीर से साधे दो निशाने
  • नीतीश, तेजस्वी और स्टालीन पर भी दबाव

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई का मुद्दा गरम है। बिहार से लेकर तमिलनाडु तक सियासत भी तेेज हो गई है। जहां इस मुद्दे पर सीएम नीतीश कुमार ने जांच क मेटी बनाने का फैसला किया है वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ऐसी किसी भी घटना होने से इंकार किया है। उधर तमिलनाडु की सीएम स्टालीन ने भी घटना को नकारा है। इस मुद्दे को लेकर भाजपा ने नीतीश व स्टालीन सरकार को घेरा है। सारी पार्टियां 2024 की तैयारी में जुटी हैं। अभी हाल ही में तमिलनाडु के सीएम के जन्मदिन में राजद नेता व राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी बधाई देने पहुंचे थे।
उनकी इस यात्रा को लोकसभा चुनाव से जोडक़र देखा जा रहा है। क्योकि इसी बहाने विपक्ष एकजुटता भी हो सके ताकि बीजेपी को झुकाया जा सके। गौरतलब हो बुधवार की सुबह सडक़ पर बेरहमी से पिटाई के एक वायरल वीडियो ने पूरे बिहार में खलबली मचा दी। बताया गया कि तमिलनाडु में बिहारियों को सरेराह मारा जा रहा है। कम पैसों पर काम करने के कारण उन्हें वहां से भगाया जा रहा है। इसी बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार का ट्वीट आया कि उन्हें अखबारों से तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर हमले की जानकारी मिली है। अधिकारियों को जांच करने के निर्देश दे दिए। शनिवार को चार लोगों की टीम जांच करने के लिए तमिलनाडु रवाना भी हो गई है।
इस वीडियो में पिटे जा रहे लोग पटना से 170 किलोमीटर दूर जमुई के सिकंदरा ब्लॉक से है बिहार का यही वो जिला है, जहां सबसे ज्यादा लोग तमिलनाडु से भागकर आए हैं। यहां के दो युवकों की वहां मौत की पुष्टि भी हुई है। हालांकि एक की हत्या अफेयर में हुई है, जबकि दूसरे के हिंसा में मारे जाने की बात कही जा रही है। मामले की गंभीरता इसी से लगती है कि प्रशासनिक अधिकारी भी बिहारियों को तमिलनाडु छोडऩे की हिदायत दे रहे स्थानीय लोग रोज आकर उन्हें तमिलनाडु छोडक़र जाने के लिए कह रहे थे। यहां तक कि प्रशासनिक अधिकारी भी उनके इलाके में आकर यह कहते थे कि स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है, वे लोग चले जाएं नहीं तो वे उनकी कोई मदद नहीं कर पाएंगे।

विधान सभा में मुखर हई भाजपा

इससे पहले बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा और विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी के नेतृत्व में बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर एक विशेष टीम तमिलनाडु भेजने की मांग की थी। ज्ञात हो कि भाजपा के लिए दोनों ही राज्य अहम है। बीजेपी बिहारियों के सहारे बिहार व तमिलनाडु की सियासत साधने में लग गई है। जहां वह तमिलनाडु को कानून व्यवस्था पर घेरने के फिराक में है वहीं नीतीश व तेजस्वी को भी अपने निशाने पर ले लिया है। दरअसल, तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर कथित अटैक को लेकर बीजेपी आक्रामक है। बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों में बीजेपी की ओर से यह मामला उठाया गया। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने विधानसभा में ऐसी घटना से इनकार किया। था। सरकार ने पहले ऐसी घटना को अफवाह बताया था। हालांकि, अब बढ़ते हंगामे के बीच सीएम नीतीश एक्टिव नजर आ रहे हैं।

बिहार व तमिलनाडु के आला अधिकारी संपर्क में

बिहार के चीफ सेक्रेटरी ने बताया कि उनकी बात तमिलनाडु के चीफ सेक्रेटरी से हुई है। मामले की डिटेल मांगी है। साथ ही बिहार के लोगों को सुरक्षा देने के लिए कहा है। सुबाहानी ने बताया कि बिहार के डीजीपी ने तमिलनाडु के डीजीपी से बात कर पूरे मामले की जानकारी मांगी है। इधर, तमिलनाडु के डीजीपी ने पूरे मामले को भ्रामक, अफवाह और झूठा बता दिया। उन्होंने तमिलनाडु पुलिस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि वायरल वीडियो गलत है। तमिलनाडु में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। वहां बिहारी पूरी तरह सुरक्षित हैं। बिहार के ग्रामीण विकास सचिव बालमुरुगन डी की अध्यक्षता में टीम तमिलनाडु में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी। ये टीम उन इलाकों का दौरा करेगी जहां बिहार के लोगों पर हमलों की रिपोर्ट सामने आई है। इस टीम के अन्य सदस्यों में पुलिस महानिरीक्षक पी कन्नन और विशेष सचिव (श्रम संसाधन विभाग) अलोक कुमार और एक और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शामिल हैं

मजदूरी को लेकर विवाद

विवाद का एकमात्र कारण रोजगार को बताया जा रहा। दरअसल, बिहारी मजदूर 600-800 रुपए में 10-12 घंटे काम करते हैं। जबकि स्थानीय मजदूर 1000-1200 रुपए में 6-8 घंटे ही काम करना चाहते हैं। तमिलनाडु के श्रमिक बिहारियों से भी ऐसा करने के लिए कहते हैं। बिहारी मजदूरों के विरोध में तमिलनाडु में महिला-पुरुष लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। वे सरकार से रोजगार की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि बिहारियों के कारण तमिल लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है। महीनों से चल रहा इनका आंदोलन अब हिंसक हो गया है।ं तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों की खूब डिमांड हैं। यहां से लोगों को वहां ले जाने के लिए कंपनी संचालक दलालों का सहारा लेते हैं। कई लोक-लुभावन वादे करते हैं। जाने, ठहरने सब कुछ का प्रबंध किया जाता है। एक गांव से अगर कुछ लोग चले जाते हैं तो फिर धीरे-धीरे दूसरे लोग भी जाने लगते हैं। बिहार के मजदूर तमिलनाडु में मुख्य रूप से कपड़ा और धागा फैक्ट्री में अलग-अलग काम करते हैं। इसके अलावा मार्बल मिस्त्री का कम करते हैं। बिहार के हर जिले के लोग वहां जाते हैं। बिहार के एक लाख से ज्यादा लोगों के वहां होने का दावा किया जा रहा है।

 

 

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