महाराष्ट्र में लग जाएगा राष्ट्रपति शासन!, स्पष्ठ जनादेश के बाद भी बीजेपी हारी!

महाराष्ट्र में लगातार तीसरी बार सौ से अधिक सीट जीतकर नंबर-एक पार्टी बनकर उभरी भाजपा के लिए एक बार महाराष्ट्र में सत्ता दूर की कौड़ी साबित हो सकती है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र में लगातार तीसरी बार सौ से अधिक सीट जीतकर नंबर-एक पार्टी बनकर उभरी भाजपा के लिए एक बार महाराष्ट्र में सत्ता दूर की कौड़ी साबित हो सकती है…. भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए को महाराष्ट्र की जनता ने विधानसभा चुनाव दो हजार चौबीस में सबसे ज्यादा एक सौ बत्तीस सीट, शिवसेना (शिंदे) ने सत्तावन सीट और एनसीपी (अजीत) ने इकतालीस सीट जिता कर बड़ा जनादेश दिया है….. बावजूद इसके अगर एनडीए कल तक मुख्यमंत्री चुनने में विफल रही तो सरकार का गठन मुश्किल हो जाएगा…. और महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शाषन लागू हो जाएगा… वहीं सीएम फेस के चयन को लेकर बीजेपी में कशमाकश की स्थिति बरकरार है…. उधर अजित गुट देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाने पर अपना समर्थन देने को तैयार है… वहीं शिंदे गुट के नेता एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने की मांग कर रहें है… बता दें कि एक बार जो भी नेता सीएम पद पर आसीन हो गया तो वह दोबारा भी सीएम पद की चाहत रखेगा… वहीं महाराष्ट्र में अगर ऐसा नहीं होता है… तो एकनाथ शिंदे बड़ा खेला कर सकते हैं…

जैसा हाल ही में हरियाणा में देखने को मिला था… हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपई सोरेन को सीएम बना दिया गया था… वहीं हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आते ही छ दिनों में चंपई सोरेन से इस्तीफा दिलाकर हेमंत सोरेन फिर से सीएम पद पर आसीन हो गए थे… बता दें कि सीएम पद से हटाए जाने से नाराज चंपई सोरेन ने जेएमएम छोड़ दिया था…. और बीजेपी में शामिल हो गए थे… आपको बता दें कि बीजेपी हमेशा से पार्टी और नेताओं को तोड़ने काम करती आई है… ठीक वहीं हाल अब बीजेपी का हो गया है…. और बीजेपी महाराष्ट्र में टूटने के कगार पर खड़ी है… गौरतलब है महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बहुमत के आकंड़े से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठन यानी एनडीए ने नब्बे सीट ज्यादा हासिल किए हैं….. दो सौ अट्ठासी सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी के पास एक सौ पैंतालीस विधानसभा सदस्यों का होना अनिवार्य है….. लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए ने सहयोगी पार्टियों के साथ दो सौ पैंतीस सीट जीतने में सफल रही है….

वहीं महाराष्ट्रड के अगले सीएम को लेकर एनडीए के विभिन्न घटक दलों में बैठकों का दौर जारी है….. मुख्यपमंत्री पद पर एकमत होने के लिए बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और अजित पवार के बीच बातचीत चल रही है…. ऐसी खबरें आ रही हैं कि एनडीए के घटक… और एनसीपी प्रमुख अजित पवार पूर्व सीएम और मौजूद डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस क मुख्यमंत्री बनाए जाने के पक्ष में हैं…. अगर ऐसा होता है तो महाराष्ट्र  के अगले मुख्य.मंत्री देवेंद्र फडणवीस हो सकते हैं…. जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र में बीजेपी ने शिंदे को ‘ना’ कहने का मन बना लिया है…. महाराष्ट्रस चुनाव में बीजेपी सबसे ज्याीदा सीटें जीतकर आई है…. अगर महायुति को मामूली बहुमत मिलता तो शायद शिंदे को सीएम पद से हटाना ज्यादा मुश्किल था….. लेकिन बीजेपी ने इस बार शानदार प्रदर्शन किया है…. और सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते मुख्यमंत्री की कुर्सी फडणवीस के पाले में जा सकती है…. इसलिए एनडीए सीएम शिंदे को मनाने में जुटी है….

उल्लेखनीय है महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन छब्बीस नवंबर रात बारह बजे से पहले करना होगा…. वरना प्रदेश में राष्ट्रपति लगना तय है….. हालांकि अगर आज महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री का नाम तय हो जाता है…. तो महाराष्ट्र में अगले मुख्यमंत्री की ताजपोशी के लिए कल का पूरा दिन शेष हैं…. लेकिन अगर मुख्यमंत्री के चुनाव में देरी होती है….. तो महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन… और मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण दोनों का टलना तय है…. आपको बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्य्मंत्री पद की दौड़ में नंबर वन चल रहे डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस सोमवार शाम को दिल्लीक में देखे गए…. अनुमान लगाया जा रहा है कि फडणवीस मुख्यमंत्री पद के मुद्दे को सुलझाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक करने पहुंचे थे…. ऐसा माना जा रहा है कि डिप्टी सीएम फडणवीस ने केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर महाराष्ट्र वापस आ चुके हैं… और फडणवीस ने बीजेपी आलाकमान से अपने सीएम पद की दावेदारी ठोक दी है…

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड जीत मिली….. इस महाविजय ने पार्टी को एक ऐसा सिरदर्द भी दिया जिसे ठीक करना उसके लिए चुनौती बन गया है…. वो जीत के हीरो देवेंद्र फडणवीस को राज्य की कमान दे या सहयोगी शिवसेना के एकनाथ शिंदे को…. पार्टी आलाकमान में इसी को लेकर चर्चा चल रही है…. महाराष्ट्र बीजेपी के नेता फडणवीस और शिवसेना के नेता शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं…. नेताओं की मांग और आलाकमान के मंथन के बीच देवेंद्र फडणवीस सीएम पद के मजबूत दावेदार हैं…. इसकी वजह सिर्फ चुनाव में मिली महाजीत ही नहीं है… आपको बता दें कि देवेंद्र फडणवीस ने अपने सियासी करियर की शुरुआत ABVP से की…. उनके पिता भी संगठन से जुड़े रहे…. फडणवीस पुराने भाजपाई हैं…. वह महाराष्ट्र में पार्टी का चेहरा है…. दो हजार चौदह में उन्हें राज्य की कमान सौंपी गई थी…. और उन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था….. जो इतिहास है….. इसके बाद बीजेपी ने जब शिंदे के साथ सरकार बनाई तो फडणवीस को डिप्टी की जिम्मेदारी दी…

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में फडणवीस के कद और पार्टी के प्रति उनकी वफादारी को देखते हुए RSS सीएम पद के लिए उनका समर्थन भी किया है….. संघ के एक पदाधिकारी ने एक मीडिया हाउस को बताया कि फडणवीस सभी विधायकों के नेता रहे हैं….. उनके चेहरे के कारण ही बीजेपी को लोगों का सपोर्ट मिला…. अगर उन्हें जिम्मेदारी दी गई… तो इससे महाराष्ट्र में बीजेपी-आरएसएस का तालमेल भी मजबूत होगा…. बता दें कि महाराष्ट्र में बीस नवंबर को वोटिंग के बाद देवेंद्र फडणवीस नागपुर में संघ मुख्यालय पहुंचे थे….. जहां उन्होंने मोहन भागवत से मुलाकात की थी….. बीजेपी की जीत में संघ का अहम रोल भी रहा…. आरएसएस ने बीजेपी के पक्ष में जनमत तैयार करने के लिए व्यापक संपर्क अभियान चलाया था…. चुनावों से पहले, आरएसएस ने ये अभियान शुरू किया था…. फडणवीस ने कहा भी था कि उन्होंने लोकसभा चुनावों में राज्य में बीजेपी की सीट कम होने के बाद विधानसभा चुनावों में लड़ने के लिए संघ से मदद मांगी थी….

वहीं महायुति की अहम पार्टी एनसीपी (अजिट गुट) के नेता अजित पवार सीएम पद के लिए देवेंद्र फडणवीस के लिए आवाज उठा रहे हैं….. दरअसल, अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के बीच अच्छे संबंध हैं…. दो हजार उन्नीस में जब बीजेपी ने कुछ घंटे के लिए सरकार बनाई थी तब अजित पवार ही डिप्टी सीएम बने थे…. अगर एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया गया तो शिवसेना को एनसीपी पर स्पष्ट बढ़त मिल जाएगी….. जिससे अजित शायद ही स्वीकार करें…. एनसीपी नेताओं का कहना है कि आंतरिक बैठकों में फडणवीस को समर्थन देने पर सहमति बनी…. वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता छग्गन भुजबल ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि हम सीएम के रूप में फडणवीस का विरोध करें…. एनसीपी के एक प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी ने बीजेपी नेतृत्व को स्पष्ट रूप से बता दिया है… कि सीएम के रूप में फडणवीस को पहली प्राथमिकता दी जानी चाहिए….

आपको बता दें कि देवेंद्र फडणवीस के पास सरकार चलाने का अनुभव भी है…. वह पांच साल राज्य के सीएम रह चुके हैं…. दो हजार चौदह से दो हजार उन्नीस तक वह इस पद पर रहे…. इसके बाद वह महायुति की सरकार में डिप्टी सीएम रहे…. देवेंद्र फडणवीस पर दो पार्टियों को बांटने का आरोप लगा…. और उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा…. फडणवीस ने इन सबका सामना किया और अपना संयम बनाए रखा…. और सहयोगी पार्टियों शिवसेना और एनसीपी के साथ बहुत अच्छी तरह से तालमेल के साथ काम किया…. वहीं लोकसभा में खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए फडणवीस ने इस्तीफा देने की पेशकश की थी…. लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के आदेश के बाद वह पद पर बने रहे…. लेकिन विधानसभा में उन्होंने बीजेपी की रणनीति को जमीन पर लागू किया…. और बीजेपी के नेतृत्व में महागठबंधन ने रिकॉर्ड जीत हासिल की…. वहीं अगर सीएम फेस नहीं फाइनल होता है… तो राष्ट्रपति शाषन लगना विल्कुल तय है….

दरअसल संविधान के आर्टिकल तीन सौ छप्पन के तहत ही किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है…. राज्य में राष्ट्रपति शासन दो तरीकों से लगाया जा सकता है…. पहला यह कि जब राज्य में किसी भी दल के पास बहुमत ना हो और गठबंधन की सरकार भी ना चल पा रही हो…. या फिर राज्य की सरकार संविधान के अनुरूप काम नही कर पा रही हो…. तो ऐसी स्थिति में राज्यपाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा कर सकता है….. इसके अलावा राज्य में संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से विफल होने की स्थिति में केंद्र सरकार भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकती है…. बता दें कि राष्ट्रपति कैबिनेट की सहमति से किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला करता है…. लेकिन राष्ट्रपति शासन लगने के दो महीने के भीतर संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) द्वारा इसका अनुमोदन किया जाना जरूरी है… वहीं अगर उस समय लोकसभा भंग होती है, तो राज्यसभा में इसका अनुमोदन किया जाता है… और फिर लोकसभा गठन होने के एक महीने में भीतर वहां भी अनुमोदन किया जाना जरूरी है…. दोनों सदनों द्वारा अनुमोदन करने पर छः माह तक राष्ट्रपति शासन रहता है…. इसे छः-छः महीने करके तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है….

 

 

 

Related Articles

Back to top button