पश्चिम बंगाल की धरती से सपा ने दिखाई ताकत
- राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू
- लोकसभा चुनाव 2024 पर बनेगी रणनीति
- भाजपा की गलत नीतियों पर घेरने की तैयारी
- विपक्ष को एकजुट करेंगे अखिलेश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। समाजवादी पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कोलकाता में शुरू हो गई। इस बैठक में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव राष्टï्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव और रामगोपाल यादव समेत तमाम पार्टी के सदस्य और पदाधिकारी पहुंच गए हैं। सपा की ये बैठक दो दिन चलेगी, जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव 2024 और बीजेपी के खिलाफ नए गठबंधन को लेकर चर्चा की जाएगी। माना जा रहा है कि सपा अध्यक्ष इस बैठक से ही 2024 की तैयारियों को तेज धार देंगे।
ममता से मिले सपा मुखिया
कोलकाता पहुंचने पर अखिलेश ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद सपा अध्यक्ष ने कहा कि 2024 में कांग्रेस अपनी भूमिका तलाश कर रही है। सबको मिलकर काम करना है। केसीआर, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और एमके स्टालिन सभी गठबंधन की कोशिश कर रहे हैं। इस प्रयास के सफल होने की पूरी उम्मीद है। समाजवादी पार्टी की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी बनने के बाद कोलकाता में ये बैठक हो रही है, इस बैठक में सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों समेत तमाम पदाधिकारी शामिल हुए।
शिवपाल एक दिन पहले ही पहुंचे
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ही चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ कोलकाता पहुंच गए थे, जहां उन्होंने दोपहर को सपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इसके बाद अखिलेश यादव ने पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात की।
नहीं पहुंच पाए आजम और बर्क
सपा के दिग्गज नेता आजम खान और सपा सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क कोलकाता में हो रहे इस अधिवेशन में शामिल नहीं होंगे। माना जा रहा है कि आजम खान खराब स्वास्थ्य होने की वजह से अधिवेशन में नहीं जा रहे हैं वहीं संभल लोकसभा सीट से सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क भी पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों की वजह से इस अधिवेशन में हिस्सा नहीं लेंगे।
बिजली कर्मियों की हड़ताल से सरकार के छूटे पसीने
- अंधेरे में रातभर गर्मी से नहीं सोए लोग, पानी को भी तरसे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का असर अब जनजीवन पर पडऩे लगा है। राज्य के कई हिस्सों में बिजली न आने से लोग पानी के लिए भी तरस गए। कई इलाकों में पानी को मुहमांगे दामों पर बेचने की खबरे भी प्रकाश में आईं। सबसे ज्यादा असर ग्रामीण इलाकों में देखने को मिला जहां रात भर अंधेरा छाया रहा। उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों की हड़ताल से बिजली आपूर्ति चरमरा गई है।
वहीं सरकार की भी नींद उडग़ई है सीएम से लेकर विभागीय मंत्री तक पूरे राज्य पर नजर रखे हुए हैं। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी व मेरठ समेत कई शहरों में हड़ताल के पहले दिन ही जबरदस्त संकट पैदा हो गया। गोरखपुर और कानपुर में फैक्टरियों में औद्योगिक उत्पादन ठप हो गया। राजधानी लखनऊ का करीब एक-चौथाई हिस्सा बिजली संकट की चपेट में रहा। वहीं हड़ताल को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। विद्युत आपूर्ति को बहाल करने में सहयोग नहीं करने वाले कई कर्मियों को बर्खास्त किया गया। साथ ही एजेंसियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। वहीं, ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने हड़ताली कर्मचारियों को चेताया है कि लाइन में फॉल्ट करने वालों को आकाश-पाताल से खोज निकालकर कड़ी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने विद्युत आपूर्ति को पूरे नियंत्रण में बताया है।
हाईकोर्ट पहुंचा मामला
बिजली कर्मचारियों के हड़ताल के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कर्मचारी नेताओं को अवमानना नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ को वारंट तामील कराने के आदेश दिए हैं। अदालत ने कर्मचारी नेताओं को 20 मार्च को तलब किया है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि यह हड़ताल हाईकोर्ट के उस पुराने आदेश के खिलाफ है, जिसमें कहा गया है कि बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए।
नौकरी से निकाला गया
लखनऊ। यूपी में विद्युतकर्मियों की हड़ताल पर हाईकोर्ट के सख्त होने के बाद अब यूपी सरकार ने भी कड़ा एक्शन लिया है। सरकार ने 650 आउटसोर्सिंग संविदाकर्मियों की सेवा समाप्त कर दी। साथ ही कर्मचारी उपस्थित नहीं करा पाने पर 7 एजेंसियों पर केस दर्ज किया गया है। वहीं काम नहीं करने वालों पर तत्काल एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिन एजेंसियों पर एफआईआर हुई है उन्हें प्रतिबंधित भी किया गया है। अब भविष्य में निगम में ये एजेंसिया काम नहीं कर सकेंगी।