आप सांसद संजय सिंह को कोर्ट से राहत
- धार्मिक और जातिगत टिप्पणी मामले में साक्ष्य नहीं जुटा पाई पुलिस
मुजफ्फरनगर। आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी एवं सांसद संजय सिंह पर धार्मिक और जातिगत विद्वेष फैलाने के दर्ज मुकदमे में साक्ष्य न मिलने पर क्राइम ब्रांच ने सीजेएम कोर्ट में एफआर (अंतिम रिपोर्ट) दाखिल कर दी है। इसमें वादी मुकदमा और गवाह के साक्ष्य न होने की बात लिखित में दिए जाने की बात कही गई है। कोर्ट ने वादी मुकदमा को 16 सितंबर को तलब किया है। मुजफ्फर नगर के अहाता ओलिया निवासी गौरव अग्रवाल पुत्र श्रवण अग्रवाल ने 13 अगस्त को शहर कोतवाली में एक मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें आरोप लगाया था कि सांसद संजय सिंह ने दिल्ली में अपने सहयोगी सभाजीत सिंह और ब्रजकुमारी के साथ प्रेसवार्ता कर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। आरोप था कि उन्होंने जाति, वर्ग और धर्म के आधार पर समाज में विद्वेष फैलाया है। गौरव अग्रवाल की तहरीर पर पुलिस ने सांसद संजय सिंह समेत तीनों पर धार्मिक और जातिगत टिप्पणियों से सामाजिक समरसता भंग करने, झूठी सूचनाओं के आधार पर वैमनस्य फैलाने एवं आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
क्राइम ब्रांच को दी थी विवेचना
शहर कोतवाली पुलिस ने विवेचना प्रारंभ कर दी थी, लेकिन आईटी एक्ट की धारा लगी होने के कारण एसएसपी के आदेश पर विवेचना क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित कर दी गई थी। क्राइम ब्रांच ने वादी और गवाह विभोर सिंघल को नोटिस जारी कर तलब किया था। वादी मुकदमा गौरव अग्रवाल और गवाह विभोर सिंघल ने 17 मई 2021 को उपस्थित होकर लिखित बयान दिया था कि उनके पास मुकदमे से संबंधित न तो कोई इलेक्ट्रानिक साक्ष्य है और न ही कोई वीडियो है।