वरूण गांधी का बयान बढ़ा सकता है भाजपा की मुश्किल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर तैयारी इस समय पूरे जोरों पर है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस समेत सभी दलों एक के बाद एक जहां अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर रहे हैं, वहीं नेताओं के बीच बयानबाजी और आरोप-प्रत्योप का दौर भी शुरू हो चुका है। इस क्रम में बीजेपी के सांसद वरुण गांधी के एक बयान ने फिर से सियासी पारा चढ़ा दिया है। बीजेपी नेता वरुण गांधी ने चुनाव में बड़े स्तर पर खर्च होने वाले धन पर सवाल खड़ा किया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वरुण गांधी ने कहा कि चुनावी चंदे पर कंट्रोल बेहद जरूरी है। अखबार में छपे एक आर्टिकल में वरुण गांधी लिखते हैं कि पूअर डेमोक्रेसी ( गरीब लोकतंत्र ) में चे लोगों को सबसे बड़े पर्व से दूर करता है। इसलिए प्रत्याशियों की प्राइवेट चंदे पर निर्भरता कम से कम हो तो अच्छा।
वरुण गांधी आगे लिखते हैं कि चुनावी खर्चे पर नियंत्रण के लिए सरकारी फंडिंग की दिशा में पूरी ईमानदारी के साथ प्रयास किए जाने की जरूरत है। बीजेपी सांसद ने इसको समय की मांग भी बताया। वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वरुण गांधी के इस बयान से बीजेपी समेत कई दलों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। चुनावी खर्चे पर पूरी बेबाकी से अपनी राय रख रहे वरुण गांधी ने कहा कि चुनावी चंदे पर नियंत्रण जरूरी है!
2009 के आम चुनावों में 2 अरब डॉलर खर्च हुए थे, और 2019 तक यह आँकड़ा 8.5 अरब डॉलर पार कर चुका है। महँगा होता चुनाव न सिर्फ गरीब को लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव से दूर करता है बल्कि उसकी निष्पक्षता भी प्रभावित करता है।

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