अतीक-अशरफ हत्याकांड: यूपी सरकार सुप्रीम दरबार में

  • कोर्ट में दाखिल की कैविएट बिना पक्ष सुने न सुनाया जाए कोई फैसला

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
प्रयागराज। प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल परिसर में 15 अप्रैल की रात माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में कैविएट दायर किया है। दायर कैविएट में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि बिना पक्ष सुने इस मामले में कोई फैसला नहीं सुनाया जाएगा। अतीक हत्याकांड पर पिछले दिनों एक पीआईएल दायर किया गया है। सुप्रीम कोर्ट इस पर 28 अप्रैल को सुनवाई करने वाली है।
बता दें कि अतीक अहमद के चकिया वाले दफ्तर में सोमवार को मिले खून की पुष्टि होने का दावा किया गया है। ब्लड सैंपल को जांच के लिए एफएसएल की टीम लेकर गई है। सूत्रों के हवाले से बड़ी जानकारी सामने आई है। खबर आ रही है कि चकिया के दफ्तर में मिले खून में हिमोग्लोबिन पाया गया है। इस आधार पर कहा जा रहा है कि यह खून इंसान का है। करीब 9 स्थानों पर खून बिखरे हुए थे। खून से सना चाकू, चूडिय़ां, दुपट्टा और कपड़े पाए जाने के बाद से पुलिस का शक गहराया है। सोमवार को हुई छापेमारी के क्रम में खून पाए जाने के बाद एफएसएल की टीम की ओर से इसकी जांच कराई गई है। बुधवार या गुरुवार को रिपोर्ट आने का दावा किया गया है। इससे खुलासा होगा कि आखिर ये खून के धब्बे किसके है?

अखलाक पर कार्रवाई

उमेश पाल मर्डर केस के बाद अतीक अहमद गैंग के शूटरों को उसके बहनाई डॉ. अखलाक ने पनाह दी थी। इस मामले के सामने आने के बाद डॉ. अखलाक को पिछले दिनों गिरफ्तार किया गया था। अब सस्पेंड कर दिया गया है। अखलाक पर बमबाज गुड्डू मुस्लिम को पनाह देने का आरोप लगा है। गुड्डू मुस्लिम इस समय यूपी की सर्च लिस्ट में सबसे ऊपर है। सरकार के आदेश पर मेरठ में पदस्थापित डॉ. अखलाक को सेवा से सस्पेंड करने का आदेश जारी किया गया है।

शाइस्ता की 20 लोगों ने की मदद

माफिया अतीक अहमद की पत्नी और उमेश पाल मर्डर केस में फरार 50 हजार की इनामी शाइस्ता परवीन के मददगारों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। 7 वकील और 20 अन्य मददगारों की पहचान की गई है। ये सभी माफिया डॉन की पत्नी को मदद कर रहे थे। आर्थिक तौर पर शाइस्ता को मदद करने का आरोप इन पर लगा है। इन सभी को पुलिस ने अपने रेडार पर ले लिया है। उमेश पाल मर्डर केस में आरोपी बनाए जाने के बाद से शाइस्ता फरार चल रही है। पुलिस की ओर से उसकी तलाश में छापे मारे जा रहे हैं। ऐसे में पुलिस मददगारों के जरिए शाइस्ता तक पहुंचने का प्रयास कर सकती है।

44 फीसदी बढ़ गए कोरोना केस सतर्कता जरूरी

  • 24 घंटे में मिले 9,629 नए केस

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। देश में कोरोना के नए मामलों में बुधवार को एक बार फिर तेजी दर्ज की गई है। मंगलवार के मुकाबले आज नए मामलों में 44 फीसदी का इजाफा हुआ है। हालांकि, सक्रिय मामलों की संख्या में गिरावट जारी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को बीते 24 घंटे में नौ हजार से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं। बुधवार को 9,629 नए मामले दर्ज किए गए जबकि यह आंकड़ा मंगलवार को 6,660 था। वहीं, सक्रिय मामले घटकर 61,013 रह गए हैं, जो मंगलवार को 63,380 था। इससे पहले सोमवार को एक दिन में कोरोना के नए केसों की संख्या 7,178 दर्ज की गई थी। जबकि इससे भी पहले रविवार को करोना के 10,112 नए केस दर्ज किए गए थे।

दिल्ली के स्कूल में बम की धमकी से मचा हडक़ंप, पुलिस की जांच शुरू

  • पहले भी हुई है ऐसी घटना

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मथुरा रोड स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में बम होने की धमकी मिली है। इससे पुलिस महकमे में हडक़ंप मच गया है। स्कूल को यह धमकी ई-मेल के जरिए मिली है। बम की धमकी मिलने के बाद स्कूल कैंपस को खाली करा लिया गया है। इस संबंध में दिल्ली फायर सर्विस का कहना है कि जांच चल रही है।
इस संबंध में साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी राजेश देव ने बताया कि सूचना मिलते ही क्राइम ब्रांच की बम डिस्पोजल टीम और लोकल पुलिस को तैनात किया गया है। फिलहाल कोई भी संदिग्ध चीज नहीं मिली है। जांच जारी है। गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है बल्कि इससे पहले भी दिल्ली के स्कूल में ऐसी घटना हो चुकी है। इससे पहले 12 अप्रैल को दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी स्थित द इंडियन स्कूल को धमकी भरा एक ईमेल मिला था कि स्कूल के अंदर बम लगाया गया है। इसके बाद आनन-फानन में अभिभावकों को बुलाकर बच्चों को घर भेजा गया था।

आनंद की रिहाई के विरोध में आईएएस

  • सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन बोली- इससे पब्लिक सर्वेंट का मनोबल गिरता है

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई सुर्खियों में है। उनकी रिहाई को लेकर नीतीश सरकार विरोधियों के निशाने पर हैं। अब, सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन ने भी बिहार सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।
सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन ने गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया की नृशंस हत्या के दोषियों को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर गहरी निराशा जताई है। एसोसिएशन ने कहा कि नियमों में संशोधन कर लोक सेवक की हत्या के आरोप में दोषी को कम जघन्य श्रेणी में फिर से क्लासिफाई नहीं किया जा सकता। आईएएस एसोसिएशन ने कहा कि एक मौजूदा वर्गीकरण में संशोधन, जो कर्तव्य पर एक लोक सेवक के सजायाफ्ता हत्यारे की रिहाई की ओर ले जाता है, न्याय से वंचित करने के समान है। ऐसे फैसलों से लोक सेवकों के मनोबल में गिरावट आती है, लोक व्यवस्था कमजोर होती है और प्रशासन के न्याय का मजाक बनता है। हमारा सरकार से अनुरोध है कि वो जल्द इस फैसले पर पुर्निविचार करे।

आनंद मोहन की आड़ में हुई 26 अपराधियों की रिहाई : भाजपा

वहीं, बाहुबली नेता के जेल से रिहा होने पर बिहार में बयानबाजी तेज है। भाजपा खुलकर कुछ नहीं कह रही है लेकिन 26 अन्य कैदियों के छोडऩे का विरोध कर रही है। इसी क्रम में भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने मंगलवार को बयान जारी कर अपनी प्रतिक्रिया दी। विजय सिन्हा ने कहा कि सरकार का यह कदम दुर्भाग्यपूर्ण है। आनंद मोहन को राजनीतिक कारणों से तत्कालीन सरकार द्वारा फंसाया गया था, उनकी रिहाई स्वागत योग्य है। सरकार को उनसे मांफी मांगनी चाहिए, लेकिन उनकी आड़ में अन्य 26 अपराधियों की रिहाई सूची में नाम देखकर बिहार के लोग स्तब्ध हैं। सिन्हा ने कहा कि साल 2016 में जेल मेन्युअल में संशोधन आनंद मोहन पर बदले की भावना से कार्रवाई करने के लिए की गई थी। उसी संशोधन का परिणाम है कि सम्पूर्ण सजा काटने के बाद भी उनकी रिहाई नहीं हुई।

भाजपाइयों के पेट में क्यों उठ रहा दर्द : ललन सिंह

भाजपा के आरोपों पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर भाजपा अब खुलकर सामने आई है। आनंद मोहन ने पूरी सजा काट ली और जो छूट किसी भी सजायाफ्ता को मिलती है, वह छूट उन्हें नहीं मिल पा रही थी, क्योंकि खास लोगों के लिए नियम में प्राविधान किया हुआ था।

सीएम एकनाथ शिंदे पर लटकी तलवार

  • नाराज होकर गांव गए शिंदे : सामना
  • सामना में दावा- भाजपा हाईकमान ने इस्तीफा तैयार रखने को कहा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार को लेकर पिछले कुछ दिनों से चर्चाएं हैं। इसी बीच, शिवसेना (यूबीटी) ने बड़ा दावा किया है। शिवसेना (यूबीटी) ने दावा किया है कि भाजपा हाईकमान ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस्तीफा तैयार रखने को कहा है। मुखपत्र सामना में छपे एक लेख में कहा गया कि इस वजह सीएम शिंदे बीजेपी से नाराज चल रहे हैं।
नाराजगी के चलते ही शिंदे अपने गांव चले गए हैं। शिंदा वहां तीन दिन छुट्टियां मनाएंगे। सामना में लिखा गया है कि महाराष्ट्र में सियासी हलचल के बीच एनसीपी नेता अजीत पवार कुछ विधायकों के साथ भाजपा को समर्थन देंगे, ऐसी चर्चा शुरू थी। हालांकि, अजीत पवार ने मीडिया के सामने स्पष्ट किया था कि मैं आजीवन एनसीपी में रहूंगा और शरद पवार के मार्गदर्शन में काम करूंगा। इन सब के बावजूद शिंदे को मुख्यमंत्री पद से हटाने की चर्चा दिल्ली में जोरों पर शुरू थी। ऐसी परिस्थिति में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तीन दिन के लिए अपने गांव चले गए हैं।

कार्यकर्ता चाहते हैं फडणवीस बने सीएम : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष

इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाने की पैरवी की है। उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता चाहते हैं कि देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री होना चाहिए, लेकिन आज की असलियत यह है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं। बता दें कि इस समय देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं।

चर्चाओं में दम नहीं : उदय सावंत

वहीं जब उनसे पूछा गया कि गांव के मेले में जाने पर मुख्यमंत्री नाराज हैं, ऐसा कोई कह रहा है तो उसका सार्वजनिक सत्कार किया जाना चाहिए। दिल्ली में मुख्यमंत्री बदलने के लिए बैठक हो रही है, ऐसी राजनीतिक गलियारे में चर्चा है। मीडिया के इस सवाल पर उदय सावंत ने कहा कि राजनीतिक क्षेत्रों में पिछले आठ दिनों से विभिन्न चर्चाएं शुरू हैं, जिनमें कोई तथ्य नहीं है। जब वास्तविकता आएगी, तो हम विचार करेंगे।

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