मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के साथ किया अन्याय: कमलनाथ
विधानसभा चुनाव में लिया जाएगा सरकार से हिसाब
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा। एमपी आउटसोर्स अस्थायी एवं संविदा कर्मचारी कांग्रेस का सहयोगी संगठन प्रांतीय जन स्वास्थ्य रक्षक संगठन मप्र द्वारा प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय परिसर में प्रदेश स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें नाथ ने कहा कि शिवराज सरकार ने नौकरियों में कार्यरत कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है, जन स्वास्थ्य रक्षकों को उनका अधिकार नहीं दिया।
आउटसोर्स कर्मी, अतिथि शिक्षक, आशा-उषा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी, रसोईया आदि सभी कर्मचारी वर्ग प्रदेश की भाजपा सरकार में हताश और निराश है, उन्हें न्यूनतम वेतन नहीं मिल रहा, उनकी नौकरी में कोई सुरक्षा नहीं, पीएफ, ईएसआई जैसी सुविधाओं से लाखों अस्थायी कर्मचारी वंचित हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में इस वर्ग को अपना हिसाब शिवराज सरकार से लेना है। यह आपको तय करना है कि कर्मचारियों के साथ अन्याय करने वाली सरकार को कैसे जवाब देना है?
कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस का कार्यकाल था, हमने अपनी नीति और नीयत का परिचय दिया, शिवराज जी मुंह चलाने में माहिर है, मुंह चलाने से प्रदेश नहीं चलता, शिवराज जी कहते हैं एक लाख नौजवानों को रोजगार मिलेगा, मैं तो कहता हूं जो खाली पद हैं पहले उनको भर दीजिए।कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस सरकार बनते ही अन्याय को समाप्त कर जनस्वास्थ्य रक्षकों के साथ न्याय किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज हर वर्ग परेशान है, यह भटकता हुआ नौजवन बहुत बड़ी चुनौती है हमारे सामने, यही नौजवान मप्र का निर्माण करेंगे, पर इनका भविष्य अंधेरे में रहा तो मप्र का कैसे निर्माण होगा? उन्होंने कहा कि आज आप खुद को बचाना चाहते है या भाजपा को?
कमलनाथ ने कहा कि आज 3 लाख 30 हजार करोड़ का कर्ज मप्र पर है। भाजपा ने यह कर्ज क्या जन स्वास्थ्य रक्षकों, आउटसोर्स, आशा कार्यकर्ताओं, अतिथि शिक्षकों के लिये लिया? नहीं। इन्होंने कर्ज लेकर अपने ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया।