विपक्ष पर सरकार ने किया काउंटअटैक, इन मंत्रियों ने संभाला है मोर्चा
नई दिल्ली। एक ओर जहां सदन में हंगामे को लेकर विपक्ष के नेताओं ने पैदल मार्च किया और सरकार पर आरोप लगाया वहीं सरकार की ओर से भी इस मसले पर विपक्ष पर कई सवाल उठाए गए हैं। राज्यसभा में विपक्ष के रवैये को लेकर सरकार के मंत्रियों ने मीडिया से मुखातिब हुए, इस मौके पर केंद्र के मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विपक्ष को देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने ने कहा कि विपक्ष को लोकतांत्रिक मूल्यों की तनिक भी परवाह नहीं है। इस बात का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि विपक्षी सदस्यों ने नए मंत्रियों के परिचय तक को नहीं होने दिया। मंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष के कुछ नेताओं ने सदन का शीशा तोडऩे की कोशिश की। अनुराग ठाकुर ने कहा कि विपक्ष सदन में हंगामा करने के इरादे से आया है। वहीं केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष का रवैया पहले दिन से ही ठीक नहीं था। वह लगातार सदन कार्यवाही में गतिरोध पैदा कर रहा था।
गुरुवार दोपहर सरकार की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले मंत्रियों में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, प्रहलाद जोशी, मुख्तार अब्बास नकवी, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, अनुराग ठाकुर, अर्जुन मेघवाल, वी. मुरलीधरन शामिल थे। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने सडक़ से लेकर संसद तक अफरातफरी मचा रखी है, उन्होंने कहा कि पूरे विपक्ष को देश से माफी मांगनी चाहिए।
संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने भी विपक्षी दलों पर हमला किया। उन्होंने ने कहा कि हमने सभी मुद्दों पर विपक्ष से चर्चा करने की अपील की थी लेकिन उन्होंने हंगामा जारी रखा. जबकि सरकार ने महंगाई, कोरोना संकट, कृषि मुद्दों पर चर्चा की मंजूरी दी थी और हम सदन में चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन विपक्ष सिर्फ हंगामा करना चाहता है।
विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक यूपीए के कार्यकाल में कई बिल बिन चर्चा के ही पास हो गए। उन्होंने विपक्ष के उन आरोपों को भी झूठा और निराधार बताया, जिनमें सरकार से विधेयकों पर चर्चा नहीं करने का आरोप लगाया गया है। मंत्री ने कहा कि हंगामे के दौरान जब कुछ सदस्यों को निलंबित किया गया तो विपक्षी सांसदों ने शीशा तोडक़र घर में घुसने की कोशिश की।