इंदिरा कैंटीन के नाम को लेकर आमने-सामने भाजपा और कांग्रेस
नई दिल्ली। कर्नाटक में इंदिरा कैंटीन के नाम को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच विवाद तेज हो गया है। शनिवार को दोनों दलों के नेताओं के बीच ट्विटर पर जबर्दस्त बयानबाजी हुई। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा सरकार से कहा है कि वह क्षुद्र राजनीति में न पड़ें। इस दौरान उन्होंने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के नए नामकरण करने को लेकर भी भाजपा सरकार पर सवाल उठाए हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने ट्विटर पर कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से इंदिरा कैंटीन का नाम जल्द से जल्द बदलने की मांग की थी। उन्होंने लिखा, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से अनुरोध है कि कर्नाटक भर में इंदिरा कैंटीन का नाम बदलकर अन्नापुरेश्वरी कैंटीन में जल्द से जल्द परिवर्तित किया जाए। यह देखने का कोई कारण नहीं है कि भोजन करते समय नागरिको को आपातकाल के काले दिनों की याद क्यों दिलाई जानी चाहिए।
इस पर सिद्धारमैया ने कहा, राष्ट्रीय नेताओं के नाम सडक़ों और सरकारी इमारतों का नाम रखना एक परंपरा है । क्या बीजेपी उस स्टेडियम का नाम बदलेगी, जिसका नाम नरेंद्र मोदी के नाम पर रखा गया है? वो फ्लाईओवर जो वाजपेयी के नाम पर है और वो सिटी बस निगम जो अब दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर है, क्या बीजेपी इनके नाम बदलेगी?
उन्होंने बताया, श्रीमती इंदिरा गांधी ने गरीबी दूर करने के लिए सुधारों की शुरुआत की और भूमि सुधार अधिनियम लागू किया। उनके योगदान का सम्मान करने के लिए कैंटीन का नाम उनके नाम पर रखा गया था । उनके योगदान को याद करने में क्या गलत है?
कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव ने कहा, यह इंदिरा कैंटीन नहीं है, यह आपकी बुरी मानसिकता है जिसे बदलने की जरूरत है। अगर नाम बदलकर गरीब लोगों की भूख पूरी होती है तो फिर मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है। भाजपा सरकार ने इंदिरा कैंटीन का अनुदान रोक दिया है। उन्होंने कहा कि दरअसल बदलने की जरूरत सीटी रवि की बुरी मानसिकता की है, इंदिरा कैंटीन के नाम की नहीं।