मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, अब बीएसएफ जवान की मौत, दो सैनिक घायल
नई दिल्ली। मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य के कई जिलों में कफ्र्यू के बीच सोमवार की देर रात एक बार फिर से हिंसा भडक़ उठी। इसमें बीएसएफ के एक जवान की मौत हो गई है जबकि असम राइफल्स के दो सैनिक घायल हो गए हैं। हिंसा को देखते हुए मणिपुर की सरकार ने इंटरनेट पर प्रतिबंध को 10 जून तक के लिए बढ़ा दिया है। राज्य में तीन मई से ही इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
राज्य में तीन मई को दो समुदायों के बीच भडक़ी हिंसा में अब तक 90 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। तनाव की स्थिति को देखते हुए 11 जिलों में अभी भी कफ्र्यू लगा हुआ है।मणिपुर सरकार की ओर से सोमवार शाम को जारी एक आदेश में कहा गया है कि इंटरनेट सेवाओं को पांच और दिनों के लिए बंद कर दिया जाएगा, यानी 10 जून की दोपहर 3 बजे तक नेट पर प्रतिबंध रहेगा।
भारतीय सेना की ओर जारी बयान में कहा गया है कि बीएसएफ के एक जवान की मौत हो गई है जबकि असम राइफल्स के दो सैनिक घायल हो गए हैं। घायल जवानों को विमान से मंत्रीपुखरी ले जाया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। बयान के मुताबिक, 5-6 जून पूरी रात उग्रवादियों की ओर से रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही जिसका सुरक्षा बलों ने प्रभावी ढंग से जवाब भी दिया। इसी गोलीबारी में बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया।
हिंसा के बीच सेना, असम राइफल्स, पुलिस और सीएपीएफ की ओर से शनिवार को पूरे मणिपुर में एरिया डोनिनेशन ऑपरेशन शुरू किया गया। इस दौरान मोर्टार, गोला-बारूद समेत 40 हथियार बरामद किए गए। इनमें से ज्यादातर हथियार ऑटोमेटिक थे। हिंसा के बाद कई इलाकों में लूटे गए हथियारों की बरामदगी के लिए सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पिछले हफ्ते तीन दिनों के लिए राज्य के दौरे पर गए थे। जहां उन्होंने हिंसा प्रभावित कई इलाकों का दौरा भी किया और पीडि़त परिवारों से भी मुलाकात की। दौरे के आखिरी दिन शाह ने हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन का ऐलान किया। तीन सदस्यीय आयोग में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस को शामिल किया गया है।
इसके अलावा उन्होंने हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के पीडि़त परिवारों को 10 लाख रुपए मुआवजा देने की बात भी कही। इसमें 5 लाख रुपए राज्य सरकार से और 5 लाख रुपए केंद्र सरकार दिए जाएंगे। उन्होंने हिंसा फैलाने वालों लोगों को साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए सरकारी शस्त्रागार से लूटे गए हथियारों को वापस करने की अपील की।