पश्चिम बंगाल दिवस पर राज्यपाल ने बंगाली समाज को दी बधाई

राजभवन में हुआ भव्य कार्यक्रम

4 पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजभवन के गाँधी सभागार में समारोह पूर्वक पश्चिम बंगाल राज्य का स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए सभी को पश्चिम बंगाल स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दीं। बंगाली समाज के प्रतिनिधि और प्रेसिडेंट न्यासी मण्डल कालीबाड़ी ट्रस्ट अभिजीत सरकार ने समारोह का संचालन करते हुए उत्तर प्रदेश में आवासित बंगाली समाज की विविध हस्तियों के साहित्य, कला, संस्कृति, अकादमिक और व्यवसाय क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदानों की जानकारी भी दी और आयोजन के लिए आभार भी व्यक्त किया।इस अवसर पर राजभवन में निर्मित पश्चिम बंगाल पर एक डाक्यूमेन्ट्री प्रदर्शित की गई। गायिका श्रीमती काबेरी बनर्जी ने बांग्ला और हिन्दी में रवीन्द्र संगीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर समारोह में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ सुधीर महादेव बोबडे ने माननीय राज्यपाल, सभी आमंत्रित अतिथियों, कलाकारों तथा उपस्थित बांग्ला समाज के प्रबुद्धजनों का धन्यवाद ज्ञापन किया।संगीतमय वातावरण में आयोजित आज का पश्चिम बंगाल राज्य के स्थापना दिवस पर बड़ी संख्या में बंगाली समाज के महानुभाव, राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर लोगों ने कहा कि पश्चिम बंगाल राज्य केवल अपने इतिहास और सुंदरता के लिए ही नही जाना जाता, बल्कि यहाँ भारत का दूसरा सबसे बड़ा शहर कोलकाता भी है, जो भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में जाना जाता है। पश्चिम बंगाल की संस्कृति ऐसी भारतीय संस्कृति है, जिसकी जडें़ बंगाली साहित्य, संगीत, ललित कला, नाटक, रंगमच और सिनेमा आदि में सामाहित हैं। यहाँ की संस्कृति पर्व एवं त्योहारों से समृद्ध हैं। दुर्गा पूजा राज्य का प्रमुख पर्व है। इसके साथ ही डोलयात्रा, रथ यात्रा, राखी पूर्णिमा, लक्ष्मी पूजा और सरस्वती पूजा जैसे पर्वों को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। बंगाली भाषा की समृद्ध साहित्यिक विरासत का जिक्र करते हुए बंकिम चंद चट्टोपाध्याय, माइकल मधुसूदन दत्त, रवीन्द्रनाथ टैगोर और शरद चंद चट्टोपाध्याय जैसे लेखकों का स्मरण किया। राम मोहन राय, स्वामी विवेकानंद आदि अन्य लोगों के नेतृत्व में सामाजिक सुधारों के साथ पश्चिम बंगाल के पुनर्जागरण का कार्य हुआ। इसी क्रम में रवीन्द्रनाथ टैगोर जैसे महान कवि का स्मरण भी किया, जिन्होंने भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रीय गान की रचना की है।

Related Articles

Back to top button