हिमंता बिस्वा सरमा के एक ट्वीट पर मचा सियासी बवाल

नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। एक बार फिर से हिमंता बिस्वा सरमा सुर्खियों में हैं। उनके एक ट्वीट पर सियासी गलियारे में बवाल मच रहा है। दरअसल, वह एक ट्वीट का जवाब दे रहे थे जिसमें लिखा गया था कि क्या असम पुलिस भारत में अल्पसंख्यकों की कथित असुरक्षा टिप्पणी को लेकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को गिरफ्तार करेगी? इसके जवाब में हिमंता ने कहा कि भारत में भी कई हुसैन ओबामा है और उनसे निपटना हमारी प्राथमिकता है।
एक प्रमुख पत्रकार ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बयान को लेकर ट्वीट किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा था कि क्या असम पुलिस पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने के लिए अमेरिका जाएगी? पत्रकार ने लिखा, भावनाएं आहत करने के लिए क्या ओबामा के खिलाफ गुवाहाटी में अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज की गई है? क्या असम पुलिस ओबामा को किसी उड़ान से उतारने और गिरफ्तार करने के लिए वाशिंगटन जा रही है? यह ट्वीट स्पष्ट रूप से असम में विपक्षी नेताओं के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संदर्भ में था।
भाजपा नेता ने एक प्रमुख पत्रकार की पोस्ट साझा करते हुए एक ट्वीट किया। ट्वीट में लिखा कि भारत में ही कई हुसैन ओबामा हैं। वाशिंगटन जाने के बारे में विचार करने से पहले हमें उन पर गौर करने को प्राथमिकता देनी चाहिए। असम पुलिस अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर कार्रवाई करेगी।
कांग्रेस के जयराम रमेश ने कहा कि क्या आप सचमुच सोचते हैं कि प्रधानमंत्री ईमानदार थे? असम के मुख्यमंत्री कोई सीमांत तत्व नहीं हैं। वह प्रधानमंत्री के मंडली में सबसे ऊपर हैं। कांग्रेस के पवन खेड़ा ने कहा कि कभी-कभी ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा के भीतर एक शक्तिशाली लॉबी पीएमओ इंडिया को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा रही है। अन्यथा मुख्यमंत्री 24 घंटे के भीतर प्रधानमंत्री का खंडन और अपमान क्यों करेंगे? शिवसेना यूबीटी की प्रियंका चर्तुवेदी ने कहा कि बराक से हुसैन तक. एक मौजूदा भाजपा मुख्यमंत्री ने यह साबित कर दिया कि बराक ओबामा की टिप्पणियाँ ग़लत नहीं थीं। राकांपा के प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने कहा, या तो उन्होंने (शर्मा ने) हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के अमेरिका में दिए गए बयान को नहीं सुना, या फिर उन्होंने जो कहा, उसकी अनादरपूर्वक वह अवहेलना कर रहे हैं। मोदी ने कहा था कि भारत में, जाति, पंथ, धर्म, लिंग से इतर, भेदभाव के लिए बिल्कुल कोई जगह नहीं है।
ओबामा ने बृहस्पतिवार को ‘सीएनएन’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, यदि (अमेरिकी) राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मोदी से मिलते हैं, तो हिंदू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का उल्लेख करना उचित है। अगर मेरी प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत हुई, जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं, तो मेरे तर्क का एक हिस्सा यह होगा कि यदि आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत किसी बिंदु पर अलग-थलग होने लगेगा।

 

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