भारी बारिश के चलते रोकी गई केदारनाथ यात्रा, सोनप्रयाग बना श्रद्धालुओं का ठिकाना
नई दिल्ली। देशभर में हो रही लगातार बारिश का सबसे ज्यादा असर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश पर पड़ा है। बारिश की तबाही की वजह से ही उत्तराखंड की प्रशिद्ध यात्रा बाबा केदारनाथ रोक दी गई है। यही नहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी श्रद्धालुओं से अपील कर पहाड़ की ओर जाने से मना किया है। साथ ही यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग और गौरीकुंड पर रोका गया है। आपको बता दें कि बारिश की वजह से चार राज्य मार्ग और 10 संपर्क मार्ग मलबे से बंद हो गए हैं। साथ ही मंदाकिनी और अलकनंदा नदियां भी उफान पर हैं। प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी करते हुए शासन को रिपोर्ट सौंपी है। जिसके बाद यात्रा को रोकने का फैसला लिया गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते भुस्खलन और भूधंसाव होने लगा है। जिसकी वजह से रास्ते मलबे से अट गए हैं। यही नहीं कई जगह तो भू धंसाव होने से सडक़ बीच में ही बैठ गई है। मौसम विभाग ने 13 जुलाई तक प्रदेश में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जिसकी वजह से तत्काल प्रभाव से यात्रा को रोका गया है। विभाग ने जिन 11 जिलों में अधिक बारिश होने की आशंका जताई हैं, उनमें रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, उत्तराकाशी, टिहरी, नैनीताल, देहरादून, हरिद्वार जनपद शामिल हैं।
चार धाम पर निकले यात्रियों से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने अपील की है। जिसमें उन्होंने कहा कि ”चारधाम आने वाले सभी यात्रियों से अनुरोध है कि वो मौसम के अलर्ट को देखकर ही यात्रा करें। यात्रा से पहले मौसम का संज्ञान लें और पूरी जानकारी के बाद ही मौसम ठीक होने पर यात्रा करें,,। साथ ही जो लोग अन्य राज्यों से पहाड़ पर आने का प्लान कर रहे हैं। वे बहुत जरूरी न हो तो यात्रा को टाल दें। क्योंकि भारी बारिश की वजह से अलर्ट जारी किया गया है। जैसे ही मौसम सामान्य होगा फिर से यात्रा शुरू कर दी जाएगी।।
बढ़ते भूस्खलन और पहाड़ों के दरकते से बंद हुए रास्तों को खोलने का काम शुरु कर दिया गया है। आपदा प्रबंधन टीम पूरी मुस्तैदी के साथ अपने काम में जुट गई है। वहीं मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि सभी संस्थाएं आपदा से निपटने के लिए दिन रात काम में लगी हुई है। इनमें एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, पीडब्ल्यूडी को लोगों को लगाया गया है। जरूरत पडऩे पर सेना को भी अलर्ट रहने के लिए कहा गया है।