मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की तैयारी
बेंगलुरू में विपक्ष ने दिखाई ताकत
- संविधान और लोकतंत्र को बचाने की कोशिश : खरगे
- कांग्रेस बोली-प्रधानमंत्री पद की रेस में नहीं
- भाजपा की गलत नीतियों के खिलाफ होगा हल्लाबोल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एकजुट हो रहे विपक्षी खेमे से बड़ी खबर सामने आई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बेंगलुरु में हो रही बैठक में प्रधानमंत्री पद को लेकर बयान दिया और कांग्रेस को इसकी रेस से दूर बताया। जब विपक्षी एकता की कवायद शुरू हो रही थी तभी से ये सवाल पूछा जा रहा था कि आखिर नरेंद्र मोदी के मुकाबले कौन खड़ा होगा, अब पीएम पद की रेस पर कांग्रेस अपना रुख साफ करती नजऱ आ रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री पद को लेकर अहम बयान दिया। मल्लिकार्जुन खरगे बोले कि मैं एमके स्टालिन के जन्मदिन पर पहले ही चेन्नई में बता चुका हूं कि कांग्रेस सत्ता या प्रधानमंत्री पद में इच्छुक नहीं है। इस बैठक का मकसद सिर्फ सत्ता हासिल करना नहीं है, ये संविधान को बचाने, लोकतंत्र और सोशल जस्टिस को बचाने के लिए कोशिश की जा रही है। विपक्षी पार्टियों की बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने इस संगठन के एजेंडे पर बात की। खरगे ने कहा कि हम जानते हैं कि राज्य के लेवल पर हमारे बीच कई तरह के मतभेद हैं, लेकिन ये विचारधारा की लड़ाई नहीं है। ये मतभेद इतने भी बड़े नहीं हैं जिन्हें दूर ना किया जा सके। बेरोजगार, महंगाई, युवाओं पर हो रहे अत्याचार के लिए इन मतभेदों को दूर किया जा सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम 26 पार्टियां यहां हैं, 11 राज्यों में हमारी सरकार है। बीजेपी ने 303 सीटें खुद हासिल नहीं की, बल्कि उसने भी अपने साथी दलों का वोटशेयर हासिल किया और सत्ता में आ गई। आज भाजपा अलग-अलग राज्यों में अपने साथियों को साथ लाने में जुटी है। बेंगलुरु की इस साझा बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। खरगे बोले कि आज हर संस्था को निशाने पर लिया जा रहा है। सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स समेत अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। नेताओं पर गलत केस बनाकर उन्हें पकड़ा जा रहा है। इतना ही नहीं हमारे सांसद को सस्पेंड करवाने के लिए संवैधानिक संस्थाओं का भी सहारा लिया जा रहा है।
हमें आइडिया ऑफ इंडिया को बचाना : महबूबा
विपक्ष की इस बैठक से अन्य विपक्षी नेताओं ने भी मोदी सरकार पर हमला बोला। पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि देश के संविधान, लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ हो रहा है। देश की ताकत विविधता है, लेकिन आज उसे ही बर्बाद किया जा रहा है। हमें आइडिया ऑफ इंडिया को बचाना है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह बैठक पटना में हुई एक शुरुआत का अगला पड़ाव है, हमें एकजुट रहने की जरूरत है। जिस तरह से संविधान को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है, उस लिहाज से यह एकता काफी जरूरी है।
मुद्दों से भटका कर सिर्फ नफरत की बातें की जा रहीं : तेजस्वी
राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम देश के लोकतंत्र, संविधान और भाईचारे को बचाने के लिए एक हुए हैं। देश की संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है और देश की संपत्तियों को बेचा जा रहा है। तेजस्वी ने कहा कि किसान, युवा, महंगाई जैसे असल मुद्दों पर बात न कर, सिर्फ नफरत की बातें की जा रही हैं।
राहुल की सजा पर सुप्रीम सुनवाई 21 जुलाई को
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर 21 जुलाई को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है। इस याचिका में राहुल ने गुजरात उच्च न्यायालय के सात जुलाई के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें मोदी सरनेम टिप्पणी पर मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी गई थी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी द्वारा अपील को 21 जुलाई या 24 जुलाई को सूचीबद्ध करने की मांग के बाद याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हुई। पीठ ने कहा कि वह इस पर 21 जुलाई को सुनवाई करेगी। वहीं 15 जुलाई को दायर अपनी अपील में राहुल ने कहा है कि अगर फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे बोलने, अभिव्यक्ति, विचार और बयान की आजादी का गला घोंट दिया जाएगा।
पुंछ में सुरक्षाबलों ने किए चार आतंकी ढेर
- संयुक्त अभियान के लिए किया गया ड्रोन का इस्तेमाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। पुंछ के सिंधरा इलाके में सुरक्षा बलों ने संयुक्त ऑपरेशन में चार आतंकियों को मार गिराया है। सुरक्षा बलों के बीच पहली मुठभेड़ कल रात करीब 11:30 बजे हुई, जिसके बाद निगरानी उपकरणों के साथ ड्रोन तैनात किए गए। भारतीय सेना के अधिकारी के अनुसार, आज सुबह सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भारी गोलीबारी के साथ मुठभेड़ फिर से शुरू हो गई।
भारतीय सेना के विशेष बल, राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान अन्य बलों के साथ ऑपरेशन का हिस्सा थे। ऑपरेशन में मारे गए आतंकवादी संभवत: विदेशी आतंकवादी हैं और उनकी पहचान का पता लगाया जा रहा है। इसके अलावा, जम्मू एवं कश्मीर के पुंछ के सुरनकोट में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही है।
बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की थी साजिश
सूत्रों के अनुसार नियंत्रण रेखा के उस पार से आईएसआई और आतंकी संगठनों के सरगनाओं की ओर से स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन के आसपास बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए आतंकियों को घुसपैठ कर इस पार पहुंचने के निर्देश दिए हैं। चक्कां दा बाग में 25 जून को भी सुरक्षाबलों ने आतंकी घुसपैठ के प्रयास को नाकाम बनाते हुए तीन आतंकियों को मार गिराया था। इनके शव शून्य रेखा पर गिर गए थे, जिन्हें बरामद नहीं किया जा सका था। उस मुठभेड़ में सेना का एक जवान भी घायल हुआ था। सोमवार को चक्कां दा बाग में ढेर किए गए आतंकी का शव देर शाम को पोस्टमार्टम के लिए पुंछ के राजा सुखदेव सिंह जिला अस्पताल लाया गया।
महिला पहलवानों ने लगाया जांच समिति
- पर पक्षपात करने का आरोप
- कुश्ती संघ के सहायक सचिव होंगे पेश, सुनवाई आज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नयी दिल्ली। महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीडऩ के आरोपों की जांच करने वाली जांच समिति की मंशा पर सवाल उठाए हैं। महिला पहलवानों ने मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र के आधार पर आरोप लगाया है कि जांच समिति बृजभूषण के खिलाफ पक्षपाती थी।
बृजभूषण को उनके और डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ जारी समन के अनुपालन में मंगलवार को सुनवाई अदालत में पेश होना है। डब्ल्यूएफआई प्रमुख पर लगे यौन उत्पीडऩ के आरोपों की जांच के लिए केंद्र सरकार ने दिग्गज मुक्केबाज एम सी मैरी कॉम के नेतृत्व में छह सदस्यीय समिति का गठन किया था।
रिपोर्ट अब तक नहीं हुई सार्वजनिक, बयान के साथ छेड़छाड़ की कही बात
इस समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। शिकायतकर्ताओं ने अलग-अलग बयान में आरोप लगाया कि जांच समिति बृजभूषण के प्रति पक्षपातपूर्ण नजर आती है, जो भाजपा के एक सांसद भी हैं। बृजभूषण के खिलाफ दायर 1,599 पन्नों के आरोप पत्र में 44 गवाहों के बयान के अलावा शिकायतकर्ताओं के छह बयान शामिल हैं, जो सीआरपीसी की धारा-164 के तहत दर्ज किए गए थे। शिकायतकर्ता ने कहा, जांच समिति के समक्ष अपना बयान देने के बाद मैं जब भी फेडरेशन कार्यालय गई, आरोपी ने मुझे घृणित और कामुक नजरों से देखा और गलत इशारे किए, जिससे मुझे असुरक्षित महसूस हुआ। उसने आरोप लगाया, यहां तक कि जब मैं अपना बयान दे रही थी, तब भी वीडियो रिकॉर्डिंग बंद और शुरू की जा रही थी। मेरे अनुरोध के बावजूद समिति ने मुझे मेरे बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग की प्रति नहीं दी। मुझे आशंका है कि मेरा पूरा बयान दर्ज नहीं किया गया होगा और इससे छेड़छाड़ भी की गई होगी।