कांग्रेस ने खींचे कदम तो टीएमसी ने ठोका दावा, ममता बैनर्जी बने प्रधानमंत्री का चेहरा
नई दिल्ली। 2024 में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा? इसको लेकर विपक्षी खेमे में आवाज उठने लगी है। कांग्रेस पहले ही प्रधानमंत्री पद की दावेदारी से किनारा कर चुकी है। अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने खुद साफ किया कि पार्टी को पीएम पद नहीं चाहिए। बल्की वे आइडिया ऑफ इंडिया, संविधान, धर्मनिर्पेक्षता और लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं। इस बारे में पूछे जाने पर कि कांग्रेस पीएम की रेस से बाहर है तो टीएमसी सांसद सताब्दी रॉय ने कहा कि फिर ‘हम चाहेंगे की ममता बनर्जी (पीएम) बनें।’
विपक्षी दलों की बेंगलुरु मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि राज्य स्तर पर पार्टियों में मतभेद हो सकते हैं लेकिन उन मतभेदों को देश के लिए किनारे रखा जा सकता है। हमारा इरादा खुद के लिए सत्ता हासिल करने का नहीं है। यह संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिर्पेक्षता और सामाजिक न्याय की लड़ाई है। इसके बाद मीटिंग का मूड ही बदल गया है। इसपर एक क्षेत्री दल के नेता ने खरगे के बयान की सराहना भी की। कहा कि गठबंधन ने पीएम की दावेदारी को किनारे रखा है।
कांग्रेस की चार राज्यों में खुद की और तीन राज्यों में गठबंन की सरकार है। कहीं डीएमके तो कहीं राजद-जेडीयू, जेएमएम के साथ गठबंधन में है। ये सभी दल एक मंच पर आने की कोशिश में हैं। कहने का मतलब ये है कि कांग्रेस एक पैन-इंडिया पार्टी है। इस बीच पार्टी अध्यक्ष का ये कहना कि पीएम पद की रेस में नहीं है, अन्य दलों के लिए मानो दावेदारी का रास्ता खोल दिया है। कांग्रेस ने यूपीए कायम रखने की भी कोई जिद्द नहीं कि बल्की गठबंधन का नया नाम ‘इंडिया’ चुना।
मसलन, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल को उनकी पार्टी के नेता-कार्यकर्ता प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर देखते हैं। हालांकि, नीतीश कुमार इसी साल साफ कर चुके हैं कि उनका ‘प्रधानमंत्री बनने का सपना नहीं है।’ ममता बनर्जी ने इस बारे में न तो इनकार किया है और ना ही स्वीकार। वहीं अरविंद केजरीवाल का सपना छिपा नहीं है। वह अपने लगभग भाषणों में इस बात की चर्चा करते हैं और मनमुग्ध होते हैं कि ‘देश का पीएम पढ़ा-लिखा होना चाहिए।’