विपक्ष के गठबंधन इंडिया नाम पर सियासत गरमाई

  • भाजपा बौखलाई, कहा-अंग्रेजों ने रखा था नाम
  • कांग्रेस बोली-पीएम भी करते इंडिया के नाम का इस्तेमाल
  • टैगलाइन ‘जीतेगा भारत’

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। विपक्ष के गठबंधन का नाम इंडिया रखने पर भाजपा बौखला गई है। इस नाम को लेकर सियासत भी जोरशोर से होने लगी है। बीजेपी इस नाम को अंग्रेजों से जोड़ रही है तो कांग्रेस कह रही है प्रधानमंत्री के हर योजना में इंडिया जुड़ा है तो क्या उस पर भी सवाल उठाया जाएगा। वहीं अपने गठबंधन के लिए ‘इंडिया’ नाम चुनने की घोषणा के एक दिन बाद विपक्षी दलों ने 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इसके लिए ‘जीतेगा भारत’ टैगलाइन को चुना है। सूत्रों ने बताया कि इस टैगलाइन को संभवत: विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में भी अनुवाद करके इस्तेमाल किया जाएगा। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘इसे टैगलाइन में इस्तेमाल करने का फैसला किया गया।’ कई नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि कई नेताओं के संयुक्त प्रयासों से यह टैगलाइन चुनी गई।

इंडिया के नाम का विरोध करने वाले देशभक्त नहीं : राउत

नाम के विरोध कर रही बीजेपी पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने हमला बोला और कहा कि इंडिया नाम पर विवाद करने वाले देशभक्त नहीं हैं। राउत ने कहा, क्या वे लोग जो कहते हैं कि मोदी इज इंडिया, क्या ये इंडिया का अपमान नहीं है, प्रधानमंत्री जो खुद को कहते हैं कि वे भारत हैं, ये गलत है, उन्हें ये समझने की जरूरत है कि मोदी भारत नहीं हैं, देश का हर एक नागरिक इंडिया है। संजय राउत ने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा, आप देश में जो तानाशाही का माहौल बना रहे हैं उसके खिलाफ इंडिया चुनाव लड़ेगा और चुनाव जीतेगा।

औपनिवेशिक विरासत को फिर लाए : बिस्वा सरमा

अपने गठबंधन का नाम इंडिया यानी भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन रखने के लिए विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए सीएम सरमा ने दावा किया कि यह अंग्रेज थे जिन्होंने देश का नाम इंडिया रखा था और औपनिवेशिक विरासत को हटाने के लिए लडऩा चाहिए। असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने तो अपने ट्विटर बॉयो से ही इंडिया हटा दिया।

पीएम से पूछें योजनाओं में क्यों जोड़ा इंडिया : जयराम

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने 19 जुलाई को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के इंडिया वाले बयान को लेकर उन्हें निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बजाय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहिए कि देश भर में विभिन्न योजनाओं के लिए इंडिया जैसे नाम किसने दिए। उन्होंने कहा कि क्या असम के सीएम के मुंह में खट््टे अंगूरों की भरमार है? उनके नए गुरु, पीएम मोदी ने हमें स्किल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और डिजिटल इंडिया कार्यक्रमों के लिए सभी नए नाम दिए। (मोदी ने) विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से टीम इंडिया के रूप में मिलकर काम करने को कहा।

इंडिया पर फंसेगा कानूनी पेंच

द एम्बलम एक्ट ऑफ इंडिया, प्रोहिबिशन एंड प्रॉपर एक्ट यूज 2005, जो 1950 से था, पर 2005 में इसे संशोधित-परिवद्र्धित किया गया। इस एक्ट में पूरी तरह साफ है कि किन नामों का आप इस्तेमाल कर सकते हैं, किनका नहीं? उसमें एक नाम भारत (इंडिया) भी है। अगर कोई पॉलिटकल पार्टी या अलायंस इस नाम का इस्तेमाल करती है, तो वह चिंता का विषय है। एम्बलम एक्ट की परिभाषा में यह साफ लिखा है कि एम्बलम का मतलब है, जैसा राज्य में वर्णित है। उसका एक्ट 3 कहता है कि कोई भी दूसरा पक्ष वह नाम नहीं रख सकता।

मॉनसूत्र सत्र कल से, मोदी सरकार को घेरने की तैयारी

  • मणिपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, महंगाई का मुद्दा उठाएगा विपक्ष

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कल से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत हंगामेदार होने के आसार है। विपक्ष ने जनता से जुड़े मुद््दों पर मोदी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी की है। विपक्षी दलों ने मणिपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, महंगाई और अडाणी मामले पर जेपीसी गठित करने की मांग समेत अन्य मुद्दों पर सरकार के लिए कड़े सवाल बनाए हैं जिसे वह सदन में उठाएंगे।
संसद के 20 जुलाई से शुरू होने जा रहे मॉनसून सत्र से एक दिन पहले बुधवार (19 जुलाई) को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी दलों के साथ चर्चा होगी। 19 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की पूर्वसंध्या पर दोनों सदनों के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक दोपहर 3 बजे संसदीय ग्रंथालय भवन में बुलाई गई है।

दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें होंगी

संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई को होगी और यह 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं। एक ओर जहां सत्ता पक्ष महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगा। लोकसभा सचिवालय के एक बुलेटिन में कहा गया कि संसद के मानसूत्र सत्र या 17वीं लोकसभा के 12वें सत्र के दौरान लिए जाने वाले सरकारी कार्यों की संभावित सूची में 21 नए विधेयकों को पेश व पारित करने के लिए शामिल किया गया है। इसमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल है। यह विधेयक संबंधित अध्यादेश का स्थान लेने के लिए पेश किया जाएगा। आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है।

वैवाहिक दुष्कर्म पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

  • अपराध घोषित करने की मांग वाली याचिका पर तीन जजों की पीठ करेगी सुनवाई

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने से संबंधित याचिकाओं पर जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत ने बुधवार को कहा कि संवैधानिक पीठों द्वारा कुछ सूचीबद्ध याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद तीन न्यायाधीशों की पीठ वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंग ने सुनवाई के लिए मामले का उल्लेख किया जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, हमें वैवाहिक दुष्कर्म से संबंधित मामलों को हल करना होगा। मेरा मामला बाल यौन शोषण मामले से संबंधित है। इसपर सीजेआई ने कहा कि इन मामलों की सुनवाई तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा की जानी है और पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ द्वारा कुछ सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई समाप्त करने के बाद इन्हें सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। वर्तमान में सीजेआई की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ मोटर वाहन अधिनियम के तहत विभिन्न प्रकार के वाहनों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस देने के नियमों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

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