हिंदू धर्म केवल धोखा, ये दलितों-पिछड़ों को फंसाने का जाल: स्वामी प्रसाद मौर्य

लखनऊ। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। अब उनका एक और बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि हिंदू धर्म नाम का कोई धर्म ही नहीं है। हिंदू धर्म केवल धोखा है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणवाद की जड़ें काफी गहरी हैं और ब्राह्मण धर्म को ही हिंदू धर्म कहा जा रहा है। हिंदू धर्म दरअसल, पिछड़ों, आदिवासियों और दलितों को मकडज़ाल में फंसाने की एक साजिश है। हिंदू अगर एक धर्म होता तो वहां दलितों और पिछड़ों का भी सम्मान होता।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया है। आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासी समाज की देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को कौन सी ताकते हैं जो मंदिर जाने से रोक कर अपमान का घूंट पीने के लिए मजबूर कर रही हैं जबकि उन्हीं के अधीन मंत्रिमंडल का एक मंत्री, राष्ट्रपति की मौजूदगी में ही मंदिर के गर्भगृह में जाकर पूजा करता है क्योंकि वो ऊंची जाति का है। अगर वो हिंदू होतीं तो उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं होता।
उन्होंने कहा कि हम लोग भले ही पागल होकर के हिंदू धर्म के लिए मरें पर ब्राह्मणवादी व्यवस्था के चालाक लोग हमें आदिवासी मानते हैं। ऐसा ही व्यवहार भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ हुआ। दलित होने के कारण उन्हें मंदिर में जाने से रोका गया।
इसी तरह अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री पद से हटने पर मुख्यमंत्री आवास और कालिदास मार्ग को गौमूत्र से पवित्र किया गया था क्योंकि वो पिछड़े समाज से आते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा आंबेडकर और ज्योतिबा फुले जैसे हमारे महापुरूषों ने एक लंबा संघर्ष किया जिसका नतीजा है कि आज हजारों साल की गुलामी से निजात पाकर हम सम्मान और स्वाभिमान के रास्ते पर चल पड़े है।

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