‘इंडिया’ नहीं ‘भारत’ कहने की आदत डालें लोग, बोले आरएसएस प्रमुख भागवत
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (क्रस्स्) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुवाहाटी में कल शुक्रवार को एक समारोह में कहा कि ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। साथ ही भागवत ने लोगों से इसकी आदत डालने का भी अनुरोध किया। आरएसएस प्रमुख ने सकल जैन समाज के कार्यक्रम में संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि भारत नाम प्राचीन समय से लगातार चला आ रहा है और हम सबको इसे आगे भी जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही है। भाषा कोई भी हो, लेकिन नाम एक ही रहता है।
मोहन भागवत ने कहा, हमारा देश का नाम भारत है और हमें सभी व्यवहारिक क्षेत्रों में ‘इंडिया’ शब्द का प्रयोग बंद कर देना चाहिए और भारत का इस्तेमाल शुरू करना होगा, तभी बदलाव आएगा। हमें अपने देश को भारत कहने की आदत डालनी होगी और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए समझाना होगा। एकीकरण की अहमियत के बारे में बताते हुए भागवत ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो सभी को एक साथ लेकर चलना पसंद करता है। आज के समय में दुनिया को हमारी जरूरत है। यह दुनिया हमारे बिना चल ही नहीं सकती। हमने योग के जरिए पूरी दुनिया को जोड़ दिया है।’
उन्होंने दावा किया कि अगर अंग्रेजों ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को हटाकर नई शिक्षा प्रणाली लेकर आए तो हमारी नई शिक्षा नीति बच्चों में देशभक्ति की भावना बढ़ाने की एक कोशिश है। आरएसएस प्रमुख ने अभिभावकों से अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति, परंपरा और पारिवारिक मूल्यों के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया। संघ प्रमुख ने कहा कि वह सितंबर के अंतिम हफ्ते में एक कार्य दिवस को ‘अंतरराष्ट्रीय क्षमा दिवस’ के रूप में मनाए जाने के अनुरोध से सरकार को अवगत कराएंगे।