तो क्या संसद के विशेष सत्र में आ सकता है महिला आरक्षण बिल
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा बुलाए गए संसद के विशेष सत्र से पहले राज्यसभा चेयरमैन और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अहम बयान दिया है। जयपुर में एक संबोधन के दौरान जगदीप धनखड़ ने कहा कि जल्द ही देश की संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को उचित भागीदारी मिल सकती है। जगदीप धनखड़ का ये बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि संसद के विशेष सत्र को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं और ये बयान महिला आरक्षण बिल का संकेत दे रहा है।
राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की हिस्सेदारी से जुड़े एक कार्यक्रम में जगदीप धनखड़ ने ये बयान दिया। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं दुनिया में नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं, ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां पर महिलाओं ने बड़ा कदम नहीं उठाया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वो दिन भी दूर नहीं है, जब महिलाओं को देश की संसद और विधानसभाओं में उचित हिस्सेदारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं को उनका ये अधिकार मिलता है तो भारत 2047 से पहले ही सुपर पावर बन सकता है।
जब केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ऐलान किया था कि 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है, तब हर कोई हैरान हो गया था। सरकार ने अभी ये स्पष्ट नहीं किया है कि विशेष सत्र का एजेंडा क्या होगा, बस इतना बताया गया है कि अमृत काल से जुड़े विषयों पर चर्चा होगी। ऐसे में कई तरह के कयास लगाए जाने लगे थे, जिनमें एक देश एक चुनाव, महिला आरक्षण बिल और समान अचार संहिता जैसी बातें की जाने लगी थीं।
महिला आरक्षण बिल को लेकर लंबे वक्त से चर्चा की जा रही है, लेकिन हर बार ये चर्चा से आगे नहीं बढ़ पाता है। अब क्या अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ये बड़ा कदम उठा सकती है या नहीं, ये भी एक सवाल हर किसी के मन में है। पांच दिनों तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र में किन मुद्दों पर चर्चा होगी, अभी विपक्ष की पार्टियां भी यही सवाल कर रही हैं।
अगर महिला आरक्षण बिल लागू होता है तो संसद और देश की अलग-अलग विधानसभाओं में तय सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की हो सकती हैं। कई पार्टियों द्वारा कम से कम 33 फीसदी महिला आरक्षण की मांग भी की गई है, जबकि कुछ ने आधी आबादी के लिए 50 फीसदी हिस्सेदारी मांगी हैं। हाल ही में बीआरएस की एमएलसी के कविता ने देश की 47 पार्टियों के प्रमुखों को चि_ी लिखी और महिला आरक्षण बिल पर सहमति बनाने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि ये बिल राज्यसभा में पहले से ही पास है, ऐसे में लोकसभा में सभी पार्टियों को मिलकर इसे पास कराना चाहिए।