नींद की समस्या-शरीर और मन दोनों के लिए नुकसानदायक
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम को सबसे आवश्यक माना जाता है, अब स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसमें रोजाना रात में अच्छी नींद लेने की जरूरत को भी शामिल किया है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि नींद की गुणवत्ता में कमी कई प्रकार की बीमारियों के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि सभी उम्र के लोग रोजाना कम से कम 6-8 घंटे की निर्बाध नींद लेना जरूर सुनिश्चित करें। अगर आपको नींद लेने में कोई समस्या हो रही है या फिर रात को अक्सर नींद टूट जाती है तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना और इसका उचित उपचार प्राप्त करना आवश्यक हो जाता है। नींद की इस तरह की समस्याएं कुछ अंतर्निहित बीमारियों का संकेत भी हो सकती हैं। बेहतर नींद के लिए ये उपाय करके आप न सिर्फ नींद की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं साथ ही कई प्रकार की बीमारियों के खतरे से भी खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
अच्छी नींद सभी के लिए जरूरी
खराब नींद आपके हार्मोन, व्यायाम प्रदर्शन और मस्तिष्क के कार्यों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। इससे वजन बढऩे का भी खतरा रहता है जिसे वयस्कों और बच्चों दोनों में कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों का प्रमुख जोखिम कारक माना जाता रहा है। मसलन अच्छी नींद न सिर्फ आपके मन को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है साथ ही यह शरीर को स्वस्थ रखने में भी मददगार हो सकती है।
दिन में तेज-नीली रोशनी का संपर्क करें कम
हमारे शरीर में एक प्राकृतिक घड़ी होती है जिसे सर्कैडियन रिदम के रूप में जाना जाता है। यह आपके मस्तिष्क, शरीर और हार्मोन को प्रभावित करती है। यही दिन के समय आपको जागते रहने में मदद करती है और रात में शरीर को संकेत देती है कि अब सोने का समय हो गया है। दिन में जो लोग तेज रोशनी या कई प्रकार की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी के अधिक संपर्क में रहते हैं उनमें सर्कैडियन रिदम प्रभावित हो सकती है।
कैफीन का सेवन कम करें
कैफीन के कई फायदे और नुकसान हो सकते हैं, पर अगर आप देर शाम के बाद इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो इसके कारण भी नींद की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। कैफीन आपके तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करती है ऐसे में अगर आप इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो इससे रात की नींद प्रभावित हो सकती है। नींद की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए कैफीन के सेवन को कम करने की सलाह दी जाती है। सोने से 4 घंटे पहले कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए।
सोने और जागने का समय करें निर्धारित
नींद की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सबसे जरूरी है कि रोजाना आप एक ही समय पर सोने-जागने की आदत बनाएं। शरीर की सर्कैडियन रिदम एक निर्धारित लूप पर काम करती है, जो सूर्योदय और सूर्यास्त पर भी निर्भर करती है। अध्ययन में पाया गया कि जिन प्रतिभागियों की नींद अनियमित थी या वीकेंड पर देर से सोते थे, उन्होंने नींद की गुणवत्ता में कमी की शिकायत की। अध्ययनों ने इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि अनियमित नींद के पैटर्न, आपके सर्कैडियन रिदम और मेलाटोनिन के स्तर को भी बदल सकती हैं, जो मस्तिष्क को सोने के लिए संकेत देती है।