सीबीआई ने अपने हाथ में लिया एफसीआरए उल्लंघन का मामला, पुरकायस्थ के आवास पर मारा छापा
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक द्वारा विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन को लेकर प्राथमिकी दर्ज की। साथ ही, बुधवार को दो स्थानों पर छापे मारे।
बताया जा रहा है कि सीबीआई की एक टीम ने न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ के आवास और कार्यालय की तलाशी ली। बता दें, पुरकायस्थ को हाल ही में दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत एक मामले में गिरफ्तार किया था।
एक अधिकारी ने बताया कि पोर्टल पर आरोप है कि उसने विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) मामले का उल्लंघन करते हुए विदेशी चंदा प्राप्त किया है। इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में आरोप लगाया कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सक्रिय सदस्य नेविल रॉय सिंघम ने फर्जी तरीके से विदेशी फंड का निवेश किया था। हालांकि, पोर्टल ने इन आरोपों का खंडन किया है।
जानकारी के लिए बता दें कि न्यूज क्लिक एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म है। जिसके ऊपर विदेशी फंडिंग का मामला दर्ज हुआ है। भारतीय जनता पार्टी ने चीन का साथ देकर भारत में माहौल खराब करने का आरोप लगाया था। स्पेशल सेल से पहले ईडी भी छापेमारी की कार्रवाई कर चुकी है। ईडी ने जानकारी दी थी कि न्यूज क्लिक को विदेशों से लगभग 38 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई थी। जिसके बाद भाजपा ने आरोप लगाया था कि साल 2005 से 2014 के बीच कांग्रेस को भी चीन से बहुत सारा पैसा मिला। इतना ही नहीं द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में भी बताया गया था कि न्यूज क्लिक को विदेशी फंडिंग से 38 करोड़ मिले थे। यह पैसा कुछ जर्नलिस्ट में शेयर हुआ था।
जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले बीती 22 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की ओर से दायर की गई एक याचिका पर न्यूज क्लिक के सीईओ प्रबीर पुरकायस्थ को नोटिस जारी किया था। जिसमें अपने अंतरिम आदेश को हटाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। जिसमें जांच एजेंसी को कोई भी जबरदस्ती न करने के लिए कहा गया था।
इस मीडिया पोर्टल के खिलाफ कार्रवाई होईकोर्ट ने 7 जुलाई 2021 को एक आदेश पारित कर कहा था कि प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। हालांकि, यह भी कहा कि जांच अधिकारी द्वारा आवश्यकता पडऩे पर उन्हें जांच में सहयोग करना होगा। जस्टिस सौरभ बेनराजी की बेंच ने मामले में पुरकायस्थ से जवाब मांगा था। ईओडब्ल्यू की एफआईआर के मुताबिक, आईपीसी की धारा 406, 420 और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।