आजम के साथ हुई नाइंसाफी: अखिलेश
शिवपाल ने भी कहा- ये ज्यादती है
- बोले- मुसलमान होने की मिल रही सजा
- भाजपा राज में अपराध के बन रहे रिकॉर्ड
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि आजम खां को मुसलमान होने की सजा मिल रही है। लेकिन, जुल्म ढाने वाले याद रखें कि नाइंसाफी के खिलाफ एक अदालत अवाम की भी होती है। इस सियासी साजिश के खिलाफ इंसाफ के कई दरवाजे अभी खुले हैं। अखिलेश ने एक्स के जरिये कहा कि आजम खां और उनके परिवार को निशाना बनाकर समाज के एक पूरे हिस्से को डराने का जो खेल खेला जा रहा है, जनता वो भी देख रही है। सबकुछ समझ भी रही है। उन्होंने कहा कि कुछ स्वार्थी लोग नहीं चाहते हैं कि शिक्षा को बढ़ावा देने वाले समाज में सक्रिय रहें। वहीं सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने शायरी के जरिए दर्द बयान किया। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट लिखा, आफताब छुप गया तो क्या गम, सुबह नव जरूर आएगी, शर्त बस यही कि वक्त का थोड़ा इंतजार कीजिए।
अखिलेश ने कहा कि आजम खां के ऊपर लगातार इसी वजह से हमला हो रहा है। भाजपा के नेता और कुछ बाहर से लाए गए अधिकारी उनके साथ पहले दिन से साजिश कर रहे हैं। आजम बड़े नेता है और बड़ा विश्वविद्यालय भी बना दिया, उन्हें इसी की सजा मिल रही है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा वाले यही चाहते हैं कि जिस तरह से वे कोई काम नहीं करते, उसी तरह से कोई और भी काम न करे। सिर्फ जाति व धर्म के नाम पर नफरत फैलाई जाए। पूर्व सीएम ने कहा कि भाजपा के लोगों का भी यही कहना है कि आजम खां मुसलमान हैं, इसलिए उन्हें इस तरह की सजा का सामना करना पड़ रहा है। आजम खां और उनके परिवार को न्याय मिलेगा। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में अपराध के क्षेत्र में हर दिन रिकार्ड पर रिकार्ड बनते जा रहे हैं। चंदौली में बेखौफ बदमाशों ने घर के बाहर खड़ेे युवक पर जानलेवा हमला कर दिया, जिसकी अस्पताल में मौत हो गई।
इंसाफ और फैसले में फर्क है : आजम खान
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि इंसाफ और फैसले में फर्क होता है। रामपुर की एक अदालत ने बुधवार (18 अक्टूबर) को आजम खान, अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीन फातिमा को सात साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट के आदेश पर तीनों को सीधे जेल भेजा जाएगा।. एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की कोर्ट ने दो जन्म प्रमाणपत्र के 2019 के मामले में आजम खान, तंजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को दोषी ठहराया और अधिकतम सात साल की सजा सुनाई। पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया कि तीनों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया और अदालत से ही जेल भेज दिया जाएगा। दरअसल, भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में गंज थाने में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाणपत्र होने का मामला दर्ज कराया था, जिसमें सपा नेता आजम खान और उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा को भी आरोपी बनाया गया था।
आजम और तजीन ने जनता के साथ भी किया धोखा : कोर्ट
रामपुर। सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश शोभित बंसल ने अपना फैसला सुनाते हुए सपा नेता आजम खां और उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा पर तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि आजम खां ने अपने बेटे को विधायक बनाने के लिए कूटरचित दस्तावेजों को आधार बनाकर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाकर चुनाव लड़वाया और जनता ने उन्हें विधायक भी चुन लिया। जन्म प्रमाणपत्र जारी कराए जाने के समय आजम खां यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री थे। उनके द्वारा झूठे तथ्यों के आधार पर चुनाव लड़ाने के लाभ से प्रेरित होकर झूठा जन्म प्रमाणपत्र जारी कराया गया और उसका प्रयोग किया। यह रामपुर की जनता के साथ धोखा है उनकी मंशा न्याय को हराने जैसी है। कोर्ट ने तजीन फात्मा के खिलाफ भी टिप्पणी की है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि तजीन फात्मा एक गृहणी ही नहीं है बल्कि पूर्व में राज्यसभा की सांसद और शिक्षक व उच्च शिक्षित महिला हैं। उन्होंने कूटरचित तथ्यों के आधार पर नगर निगम लखनऊ में झूठा शपथ पत्र दिया और लाभ अर्जित करने में योगदान भी किया। कोर्ट ने कहा कि किसी लोकतांत्रिक राष्ट्र में सरकार के अधीन आने वाले समस्त संगठन लोकहित के आशय से कार्य करते हैं। ऐसे में न्यायालय का यह दायित्व है कि इन परिस्थितियों में अपने दंड से यह संदेश दे कि कोई जनप्रतिनिधि या लोकसेवक अपने कार्यालय का दुरुपयोग करते हुए अपने परिजनों को निजी लाभ पहुंचाने के आशय से कोई गलत कार्य न करें। मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के दृष्टिगत दोष सिद्ध बंदियों को कम सजा दी जाती है तो दोष सिद्ध बंदियों का हौंसला बढ़ेगा तथा भविष्य में इस प्रकार की संभावना बढ़ेंगी। कोर्ट ने टिप्पणी के साथ ही उच्चतम न्यायालय की नजीर का भी उल्लेख किया।