दिल्ली में मौत के आंकड़े छुपा रही आप: कांग्रेस

  • बढ़ते प्रदूषण और डेंगू को लेकर मेयर से मांगा जवाब
  • सिर्फ पांच मिनट चला एमसीडी सदन

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम का सदन महज पांच मिनट चला। हंगामे के कारण बिना चर्चा के ही 58 में से 54 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास हुए। मेयर डॉ. शैली ओबरॉय के सदन में आते ही कांग्रेस के पार्षदों ने डेंगू की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने के मुद्दे पर सवाल किए। कहा कि वायु प्रदूषण से लोगों की सांस फूल रही है, डेंगू से लोग मर रहे हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी इसके खिलाफ कोई ठोस कदम उठाने के बजाय डेंगू की रिपोर्ट को छिपा रही है।
मेयर ने पार्षदों से शांतिपूर्वक बैठने और सदन को चलने देने की अपील की। नेता सदन राजा इकबाल सिंह ने मेयर से कहा कि वह पहले कांग्रेस के पार्षदों के सवालों के जवाब दें, फिर सदन को आगे बढ़ाएं। सदन में हंगामा बढ़ता देख मेयर ने कार्यवाही वहीं रोक दी। कांग्रेस के पार्षद डेंगू और प्रदूषण वाली ड्रेस पहनकर आए थे। मेयर करीब 25 मिनट देरी से सदन में पहुंचीं। उन्होंने नेता सदन मुकेश गोयल से शोक प्रस्ताव पढऩे की अपील की। इससे पहले कांग्रेस के पार्षदों ने डेंगू की रिपोर्ट क्यों सार्वजनिक नहीं की जा रही, इस पर मेयर से सवाल पूछना शुरू कर दिया। कांग्रेस पार्षद शगुफ्ता ने कहा कि डेंगू के पांच हजार से ज्यादा मामले हैं, इससे लोग मर रहे हैं। वायु प्रदूषण से बच्चे, बड़े, बूढ़े सबके फेफड़े खराब हो रहे हैं। आम आदमी पार्टी वादा करके सत्ता में आई थी कि निगम के हर कामकाज में पारदर्शिता रखेगी, लेकिन सत्ता में आते ही निगम की खामियों पर पर्दा डालना शुरू कर दिया। नेता सदन ने शोरशराबे के बीच शोक प्रस्ताव पढ़ा। मेयर ने नेता सदन राजा इकबाल सिंह ने कहा कि पहले वह कांग्रेस के पार्षदों के सवालों के जवाब दें फिर वह बोलेंगे। राजा इकबाल सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी निगम अधिकारियों के साथ मिलकर गैर-कानूनी काम कर रही है।

हंगामा करने से संसद नहीं चल पाएगा : मेयर ओबरॉय

इस पर मेयर ने कहा कि यदि इसी तरह से हंगामा होगा तो सदन नहीं चल पाएगा। उन्होंने कांग्रेस पार्षदों को सीट पर जाकर बैठने के लिए कहा। उन्होने कहा कि सदन में 58 महत्वपूर्ण प्रस्ताव आए। विपक्ष ने हंगामा किया, इस पर चर्चा नहीं हो पाई। लोगों और निगम कर्मियों की भलाई के लिए 54 प्रस्ताव पास किए, एक रद्द हुआ, तीन स्थगित हुए। 5000 सफाई कर्मियों को पक्का किया, 3100 डीबीसी कर्मियों को एमटीएस में तब्दील किया।

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