एप्पल अलर्ट मामला: चढ़ा देश का सियासी पारा, सोशल मीडिया पर भिड़े पूर्व गृहमंत्री व अमित मालवीय

नई दिल्ली। एप्पल के अलर्ट मामले को लेकर देश में राजनीति जारी है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने विपक्षी नेताओं को एप्पल के अलर्ट पर सवाल उठाए। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय और उनके बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चिदंबरम ने पोस्ट में लिखा कि यह निर्विवाद है कि सैकड़ों विपक्षी नेताओं को ऐप्पल से उनके फोन से समझौता करने के राज्य-प्रायोजित प्रयास की चेतावनी मिली थी। केवल विपक्षी नेता ही क्यों? विपक्षी नेताओं के फोन से समझौता करने में किसकी दिलचस्पी होगी? पेगासस रहस्य (आज तक नहीं सुलझा) के बाद, संदेह की उंगली एक सरकारी एजेंसी की ओर उठ रही है। फिलहाल ये सिर्फ आशंका है।
चिदंबरम उस विवाद का जिक्र कर रहे थे जो नौ विपक्षी नेताओं द्वारा दावा किए जाने के बाद पैदा हुआ था कि उन्हें अज्ञात राज्य-प्रायोजित हमलावरों द्वारा हैकिंग के प्रयासों की चेतावनी देते हुए एप्पल द्वारा ईमेल प्राप्त हुए थे। कांग्रेस नेता की टिप्पणी का जवाब मालवीय ने दिया। उन्होंने 2011 के एक समाचार लेख का स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी से संबंधित कहा गया था कि उनके वित्त मंत्रालय के कार्यालयों में गड़बड़ी थी। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा कि जब पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के कार्यालय में गड़बड़ी हुई थी तब आप गृह मंत्री थे। क्या इससे खतरे की घंटी बजती है, श्रीमान चिदम्बरम?
उल्लिखित समाचार रिपोर्ट के अनुसार, मुखर्जी ने तत्कालीन प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को उनके कार्यालय से बरामद चिपकने वाले पदार्थ के बारे में लिखा था जिसका उपयोग शायद एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को प्रत्यारोपित करने के लिए किया गया था। एप्पल अलर्ट विवाद पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि सरकार मामले को गंभीरता से ले रही है और मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने यह भी कहा कि ्रश्चश्चद्यद्ग ने ये एडवाइजरी 150 देशों में जारी की है। उनके मेल से साफ है कि उनके पास कोई खास जानकारी नहीं है। उन्होंने यह अलर्ट एक अनुमान के आधार पर भेजा है।

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