प्रयागराज में योगी सरकार के भ्रष्टाचार  की खुली पोल

उद्घाटन के 10 दिन बाद ही पुल में आई दरार, अखिलेश ने कहा- यूपी में न आजमाएं गुजरात मॉडल

63 करोड़ की लागत से बना है तमसा नदी पर नवनिर्मित पुल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
प्रयागराज। भ्रष्टाचार पर जीरों टॉलरेंस की बात करने वाली योगी सरकार के राज में अब उस झूठे दावे की पोल खुलने लगी है। सरकार हर स्तर पर इमानदारी का ढोल पीट रही है जबकि प्रयागराज में एक पुल में आई दरार उस ढोल को तार-तार कर रही है। वहीं इसपर सपा प्रमुख ने योगी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि जीवन की सुरक्षा के गुजरात का विकास मॉडल यूपी में न लगाया जाए।
दरअसल तमसा नदी पर 63 करोड़ की लागत से बने नवनिर्मित पुल में मुख्यमंत्री योगी के उद्घाटन करने के 10 दिन बाद ही दरार आ गई है। यूपी और एमपी की सीमा पर तहसील बारा, मेजा और कोरांव तहसील को मध्य प्रदेश से जोडऩे के लिए इस पुल का निर्माण कराया गया था। सोमवार को ही मुख्यमंत्री ने इसका उद्घाटन किया था। पुल चालू होने के 10 दिन के भीतर ही इसमें गड़ब़़ी आ गई। पुल के बीच दरार पैदा होने की शिकायत पर फिलहाल इस पर आवागमन को रोक दिया गया है। यूपी और एमपी की सीमा पर तहसील बारा, मेजा और कोरांव तहसील को मध्य प्रदेश से जोडऩे के लिए इस पुल का निर्माण कराया गया था। सोमवार को ही मुख्यमंत्री ने इसका उद्घाटन किया था। पुल चालू होने के 10 दिन के भीतर ही इसमें गड़ब़़ी आ गई। पुल के बीच दरार पैदा होने की शिकायत पर फिलहाल इस पर आवागमन को रोक दिया गया है। इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि शीघ्र ही टेक्निकल टीम इस की जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

 

भ्रष्टाचार के कमजोर स्तंभों पर मजबूत पुल कैसे बन सकता है : अखिलेश यादव

सपा के राष्टï्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रयागराज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से उद्धाटित पुल का 10 घंटे में ही दरक जाना एक गंभीर विषय है जबकि कुंभ मेले का समय पास आता जा रहा है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के कमजोर स्तंभों पर मज़बूत पुल कैसे बन सकते हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात में भी ऐसा ही हुआ था। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि जन-जीवन की सुरक्षा के गुजरात का विकास मॉडल यहां न लगाया जाए।

राज्यपाल आरिफ खान केखिलाफ सुप्रीम दरबार पहुंची केरल सरकार

राज्य सरकार ने लगाए गंभीर आरोप-विधेयकों को नहीं दे रहे मंजूरी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की है। केरल सरकार का आरोप है कि राज्यपाल कई विधेयकों को मंजूरी नहीं दे रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के पास आठ विधेयक लंबित हैं, जिन्हें राज्य विधानसभा ने पारित कर दिया है। याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल की मंजूरी के लिए विधेयक भेजे गए थे लेकिन राज्यपाल उन्हें मंजूरी नहीं दे रहे हैं।
आरोप है कि तीन विधेयक बीते दो सालों से राज्यपाल के पास लंबित हैं। याचिका में केरल सरकार ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट राज्यपाल को निर्देश दे कि वह समय से विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी दें। याचिका के अनुसार, सभी विधेयकों को समय से मंजूर करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करने के लिए राज्यपाल बाधित हैं ताकि लोगों के हित में जनकल्याणकारी योजनाएं लागू हो सकें। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्यपाल अपने कर्तव्य का पालन करने में विफल रहे हैं। जो विधेयक राज्यपाल के पास लंबित हैं, उनमें राज्यपाल को सरकारी विश्वविद्यालयों के चांसलर पद से हटाने का विधेयक भी लंबित है।

क्या है संविधान का अनुच्छेद 200

बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल के पास शक्ति है कि वह किसी विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिए अपने पास रोके रख सकते हैं। अगर यह वित्त विधेयक नहीं है तो राज्यपाल इन विधेयकों को फिर से विधानसभा के पास विचार के लिए भेज सकते हैं। अगर विधानसभा फिर से इन विधेयकों को पास कर देती है तो फिर राज्यपाल इस विधेयक को अपने पास नहीं रोक सकते। अप्रैल 2023 में अपने एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपालों को विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को जल्द पास करने का निर्देश दिया था।

मराठा आरक्षण आंदोलन हुआ और उग्र

आंदोलनकारी भडक़े, सीएम और डिप्टी सीएम के पोस्टरों पर पोती कालिख

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
ठाणे। मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलनकारियों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। कुछ प्रदर्शनकारी बसों पर लगे सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के पोस्टर पर कालिख पोतते नजर आए। वीडियो ठाणे के भिवंडी का बताया जा रहा है। गौरतलब हो कि महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग बहुत पुरानी है। साल 1997 में मराठा संघ और मराठा सेवा संघ ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए पहला बड़ा मराठा आंदोलन किया।
प्रदर्शनकारियों ने अक्सर कहा है कि मराठा उच्च जाति के नहीं बल्कि मूल रूप से कुनबी यानी कृषि समुदाय से जुड़े थे। मौजूदा स्थिति की बात करें तो मराठा समुदाय महाराष्ट्र की आबादी का लगभग 31 प्रतिशत है। यह एक प्रमुख जाति समूह है लेकिन फिर भी समरूप यानी एक समान नहीं है। इसमें पूर्व सामंती अभिजात वर्ग और शासकों के साथ-साथ सबसे ज्यादा वंचित किसान शामिल हैं। राज्य में अक्सर कृषि संकट, नौकरियों की कमी और सरकारों के अधूरे वादों का हवाला देते हुए समाज ने आंदोलन किये हैं। 2018 में महाराष्टï्र विधानमंडल से मराठा समुदाय के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव वाला एक विधेयक पारित किया गया। विधेयक में मराठा समुदाय को सरकार ने सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग घोषित किया।

हिंसा के सिलसिले में 141 मामले दर्ज: पुलिस

राज्य पुलिस ने मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 141 मामले दर्ज किए हैं और 168 लोगों को गिरफ्तार किया है। बीड जिले में हिंसा को लेकर उन्होंने बताया था कि 24 से 31 अक्तूबर के बीच भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत सात अपराधों सहित 20 मामले दर्ज किए गए हैं।

गाजा में भारतीय मूल के इजराइली सैनिक की गई जान

हमास का सुरक्षा घेरा तोड़ गाजा शहर में घुसी सेना

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
तेल अवीव। इजराइल और हमास के बीच जारी जंग का आज 27वां दिन है। हमास को खत्म करने के मकसद से इजराइली सेना गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन चला रही है। इस दौरान बुधवार को हमास लडक़ों से लड़ते हुए एक भारतीय मूल के इजराइली सैनिक की मौत हो गई। मारे गए सैनिक का नाम स्टाफ सार्जेंट हलेल सोलोमन बताया जा रहा है।
हलेल इजराइल के डिमोना इलाके से थे। इस जगह में काफी भारतीय मूल के लोग रहते हैं इसलिए इसे लिटिल इंडिया भी कहा जाता है। डिमोना के मेयर बेनी बिट्टन ने इंस्टाग्राम पोस्ट पर हलेल की मौत की जानकारी दी। वहीं, डिमोना में भारतीय मूल के लोगों ने भी हलेल की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि उसने इजराइल के अस्तित्व को बचाने के लिए जान दी है।

पंजाब में दर्दनाक हादसा, ट्रक और तेल कैंटर के बीच पिसी कार, एक बच्चे समेत छह की मौत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
ऊधम सिंह वाला (पंजाब)। पंजाब के सुनाम में गुरुवार सुबह एक भीषण हादसे में एक बच्चे समेत छह लोगों की मौत हो गई। सभी एक कार में सवार थे और मालेरकोटला से सुनाम लौट रहे थे। हादसे में दीपक जिंदल, नीरज सिंगला और उनके बेटे, लक्की कुमार, विजय कुमार और दवेश जिंदल की मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार, सभी मालेरकोटला में बाबा हैदर शाह की दरगाह पर माथा टेक कर सुनाम लौट रहे थे। सुनाम के पास कार को ट्रक व तेल के कैंटर ने अपनी चपेट में ले लिया। कार दोनों वाहनों के बीच पिस गई। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने कार को काटकर शवों को बाहर निकाला।

गम में डूबा गांव

हादसे की सूचना मिलते ही सुनाम में शोक की लहर दौड़ गई। मृतकों के परिजन बदहवास हादसा स्थल की तरफ दौड़ पड़े। वहीं घरों पर लोगों का तांता लग गया। सभी शोक पीडि़त परिजनों को ढांढस बंधाते नजर आए।

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