नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामला: ईडी ने लालू के करीबी को किया गिरफ्तार
नई दिल्ली। नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस मामले में श्वष्ठ ने लालू यादव के करीबी अमित कात्यान को गिरफ्तार कर लिया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली में लालू यादव के घर से ऑफिस चलाने वाले ऐके इन्फोसिस्टम्स के प्रमोटर अमित कात्याल को गिरफ्तार कर लिया है। कात्याल एक व्यवसायी हैं। ये कंपनी जमीन घोटाले में ईडी और सीबीआई की जांच और जांच के दायरे में है। ईडी के मुताबिक ये घोटाला करीब 600 करोड़ रुपयों का है।
इससे पहले ईडी ने अमित कात्याल के खिलाफ एक समन जारी किया था। जिसकी अनदेखी वह दो महीने से कर रहा था। दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल में इस मामले में उसके खिलाफ जारी ईडी के समन को रद्द करने के दायर याचिका को खारिज कर दिया था।
आपको बता दें कि अमित कात्याल जिस कंपनी ऐके इन्फोसिस्टम्स के प्रमोटर हैं। उस कंपनी पर जमीन के बदले नौकरी मामले में लाभार्ती होने का आरोप है। ईडी ने इस साल मार्च में जब लालू, तेजस्वी, उनकी बहनों और अन्य के परिसरों पर छापे मारे थे। तब कात्याल से जुड़े ठिकानों की भी तलाशी ली गई थी। जांच एजेंसी का कहना है की कात्याल ना सिर्फ लालू परिवार के सहयोगी हैं। बल्कि एके इन्फोसिस्टम्स के पूर्व निदेशक भी हैं।
बात आज से 14 साल पहले की है, जब लालू यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के कई क्षेत्रों में ग्रुप डी पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था। इसके बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम कर दी थी।
ईडी ने इस मामले में पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। ने की थी शिकायत ये पूरा मामला सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत पर आधारित है। का कहना था कि नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, लेकिन उसके बावजूद, पटना के कुछ लोगों को कई बड़े शहरों में नौकरी दी गई थी। आरोप है कि लोगों ने खुद या अपवे रिश्तेदारों के माध्यम से लालू परिवार को बड़े ही किफायती दामों पर जमीन बेची, जिनकी कीमत बाजार में कहीं ज्यादा थी।