आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए करें ये योगासन
- चश्मा लगाने की नहीं पड़ेगी जरूरत
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गलत खानपान, मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन पर अधिक समय बिताने और आंखों को आराम न देने के कारण कम उम्र से ही लोगों को नजर कम होने की समस्या हो सकती है। उम्र बढऩे के साथ आंखों की तमाम बीमारियां और रोशनी कम होना आम समस्या है लेकिन अब छोटे बच्चों में आंखों की समस्या बढऩे लगी है, जो कि चिंताजनक है। आंखों की सेहत के लिए जीवनशैली में सुधार और पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। साथ ही दिनचर्या में कुछ प्रकार के योगासनों को शामिल करने की आदत भी बनाएं। कई तरह की शारीरिक समस्याओं के साथ ही योग आंखों के लिए भी फायदेमंद है। अगर आप में आंखों की बीमारियों की शुरुआत है तो रोजाना योग का अभ्यास करना चाहिए। इससे आंखों की रोशनी तेज होती है और चश्मा लगाने से बचा जा सकता है।
हलासन
पीठ-कमर से लेकर रक्त के परिसंचरण को ठीक बनाए रखने के लिए हलासन योग का अभ्यास लाभकारी माना जाता है। हलासन शरीर के ऊपरी हिस्से में रक्त के संचार को बढ़ावा देने में मदद करता है जिसके कारण आंखों को स्वस्थ रखा जा सकता है। नियमित तौर पर इस योग के अभ्यास से वृद्धावस्था तक आंखों की रोशनी को बेहतर बनाए रखा जा सकता है। वहीं तंत्रिका तंत्र को शांत करने और इससे संबंधित विकारों के जोखिम को कम करने में भी हलासन लाभकारी है। पहले जमीन पर लेट जाएं और पैरों को मोड़ लें। शरीर एकदम सीधा रखें और हाथों को जमीन से ही चिपका कर रखें। अब शरीर को कूल्हे से ऊपर की ओर उठाएं जबकि कंधे जमीन में ही रहने दें। अपनी जांघों को छाती के ऊपर मोडक़र ले आएं। अब पैरों को सीधा कर सिर के पीछे उन्हें टिका दें जबकि हाथों को कमर के पीछे रख लें, जिससे शरीर को मजबूती मिल सके।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
प्राणायाम के दैनिक अभ्यास से संपूर्ण शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। नियमित अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास अवरूद्ध ऊर्जा चैनलों (नाडिय़ों) को साफ करने और मन को शांत रखने में सहायक है। तंत्रिकाओं को राहत दिलाने और दृष्टि में सुधार के साथ ही त्वचा को स्वस्थ बनाने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम का नियमित अभ्यास करना चाहिए। अनुलोम विलोम प्राणायाम नाडिय़ां या प्राणिक चैनलों को साफ कर देता है और प्राण का पूरे शरीर में प्रवाह बना देता है। इतना ही नहीं, नाडिय़ां शुद्ध कर देता है। अत: इस प्राणायाम को नाड़ी शोधन प्राणायाम भी कहा जाता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है।
सर्वांगासन
आंखों की सेहत के साथ ही रक्त संचार को ठीक रखने के लिए सर्वांगासन के अभ्यास की आदत बनाएं। सर्वांगासन के नियमित अभ्यास से मस्तिष्क और ऑप्टिक नर्व्स में रक्त परिसंचरण को बढ़ावा मिलता है। वहीं आंखों को आराम देने के साथ मस्तिष्क को भी स्वस्थ बनाता है। यह आसन आपके शरीर के सर्कुलेटरी सिस्टम के काम को बेहतर करने में मदद करता है जिससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और इसलिए आपके शरीर के सभी हिस्सों को ब्लड की सही आपूर्ति होती है।