इस चुनाव में भी सपा और भाजपा में मुकाबला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राजनीतिक दल एक बार फिर राजनीतिक गुणा गणित में जुट गए हैं। क्योंकि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में 75 जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव की तिथि घोषित कर दी है। तीन जुलाई को पूरे प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए वोट डाले जाएंगे और उसी दिन परिणाम भी आ जाएंगे। भले ही उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन उससे पहले राजनीतिक दल लगातार अपनी राजनीतिक ताकत आजमा रहे हैं। पहले पंचायत चुनाव में पार्टियों ने जनता के बीच अपनी लोकप्रियता को परखा था, अब जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए राजनीतिक दलों में हंगामा हो रहा है।
प्रदेश में खासकर सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के बीच ज्यादा से ज्यादा जिलों में अपने ही जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने की होड़ मची हुई है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है। इसके अनुसार 26 जून को नामांकन किया जाएगा, जो सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक होगा। उसके बाद नामांकन पत्रों की जांच भी उसी दिन दोपहर तीन बजे के बाद होगी। इसके बाद 29 जून को नाम वापस लेने की तिथि तय की गई है। सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। जबकि तीन जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए वोट डाले जाएंगे और इसी दिन दोपहर तीन बजे के बाद वोटों की गिनती भी शुरू हो जाएगी।
पहली बार भाजपा इतनी मजबूती के साथ पंचायत चुनाव लड़ी। इस चुनाव को सत्ताधारी दल का चुनाव माना जाता है, लेकिन इसके बाद भी जब नतीजे आए तो पंचायत चुनाव में निर्दलीयों की संख्या भाजपा से आगे निकल गई और अब यही कारण है कि पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतने की तैयारी में जुट गई है। खासकर अब सरकार के मंत्रियों को भी अपने प्रभार के तहत जिलों के हर ब्लॉक का दौरा करने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि इस दौरे को संगठन और अधूरे विकास कार्यों की समीक्षा करने लिए बताया जा रहा है, लेकिन इसका एक कारण पंचायत चुनाव भी है। मुख्यमंत्री ने मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रियों को ब्लॉकों का दौरा करने के निर्देश दिए, इसके बाद मंत्रियों ने भी इस पर अमल शुरू कर दिया है। लखनऊ के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने आज लखनऊ के काकोरी ब्लॉक का दौरा किया और कल गाजियाबाद जिले के 2 ब्लॉकों का दौरा करेंगे।
जिला पंचायत के अध्यक्ष के चुनाव के बाद प्रदेश के 826 प्रखंडों पर भी प्रमुखों का चुनाव होना है और उसके लिए भी राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जल्द ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। लेकिन इस चुनाव में सामा दाम दंड भेद का इस्तेमाल सीटें जीतने के लिए किया जा रहा है। राजनीतिक दल यथासंभव अधिक से अधिक जिलों में जिला पंचायत की कुर्सी पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं।