मैं अमेठी नहीं गया इसलिए हारे राहुल: ओवैसी
- वायनाड में 35 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
तेलंगाना। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने कांग्रेस के वोट बैंक को लेकर राहुल गांधी पर तंज कसा। उन्होंने कहा,..हम नहीं गए तो वे (राहुल गांधी) अमेठी हार गए, जाते तो क्या होता? राहुल गांधी वायनाड में इसलिए जीते क्योंकि वहां पर उन्हें 35 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिला। कांग्रेस के पास आज अगर कोई वोटर बचा है तो मुस्लिम आबादी बची है इसलिए जब एआईएमआईएम पार्टी अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात करती है तो कांग्रेस पार्टी हमसे परेशान होती है…।
आईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आगे राहुल गांधी को लेकर अमेठी में कांग्रेस के प्रदर्शन पर कटाक्ष करते हुए कहा, हम नहीं गए और वे अमेठी में हार गए तो अगर हम जाएंगे तो क्या वे इतना रोना नहीं रोएंगे? हम नहीं गए और स्मृति ईरानी ने उन्हें हरा दिया…वे अपना बचाव नहीं कर पाए। एआईएमआईएम प्रमुख ने राहुल गांधी को लेकर कहा, वे अपने परदादा, दादी और पिता की सीट नहीं बचा पाए। असदुद्दीन ओवैसी के भाई नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के विडियो जिसमें पुलिस उनको समय का हवाला देते हुए भाषण रोकने के लिए कहती है और अकबरुद्दीन ओवैसी पुलिसकर्मी को धमकाते नजर आते हैं। इस सवाल पर सफाई देते हुए एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, यदि समय रात 10:01 बजे था, तो आपको हमें रोकने का पूरा अधिकार है। जब पांच मिनट बचे थे तो वह मंच पर क्यों आए?… कानून अनुमति दे रहा है और आप हमें पांच मिनट पहले इसे रोकने के लिए कहते हैं? यह कैसा व्यवहार है? कोई पांच मिनट में बहुत कुछ कह सकता है। एक वक्ता के लिए, प्रारंभिक और समापन वक्तव्य महत्वपूर्ण है।
अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
एआईएमआईएम के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ चुनाव प्रचार के दौरान एक पुलिस इंस्पेक्टर को खुलेआम धमकाने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है। असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन पर धारा 353, 153(ए), 506, 505(2) और आरपी एक्ट की धारा 125 के तहत संतोषनगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की ह। उन्होंने मंगलवार (21 नवंबर) तो हैदराबाद के ललिताबाग में एक चुनावी रैली को संबोधित करते वक्त ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस इंस्पेक्टर को धमकी दी थी और उसे वहां से चले जाने को कहा. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक पुलिस इंस्पेक्टर ने उनसे आदर्श आचार संहिता के तहत समय पर मीटिंग खत्म करने को कहा था। धारा 353 तहत किसी भी लोक सेवक पर ड्यूटी के दौरान हमाल या आपराधिक बल का प्रयोग करना दंडनीय है। इसके तहत 2 साल की सजा या जुर्माना दोनों है। यह गैर जमानती होता है।