शिक्षकों की मांगों की अनदेखी कर रही सरकार: अखिलेश
- सपा उठाएगी विस में आरक्षण का मुद्दा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन आज योगी सरकार सदन में वर्ष 2023-24 के लिए अनुपूरक बजट पेश करेगी। चार दिवसीय सत्र में विपक्ष ने सरकार को घेरने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार 69000 शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों को आरक्षण नहीं देना चाहती है। जिन अभ्यर्थियों को आरक्षण के तहत नौकरियां मिल जानी चाहिए थीं अब तक नहीं मिली।
उन्होंने संकेत दिए कि सपा आरक्षण का मुद्दा उठाएगी। अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य को लेकर व्यवस्था बदहाल है। सडक़ों पर जानवर घूम रहे हैं। पहले जारी किया गया बजट अभी तक खर्च नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जानबूझकर सत्र छोटा रखा है क्योंकि सरकार जनता के सवालों का जवाब नहीं देना चाहती है।
सरयू में स्नान कर रामलला के दर्शन करें अखिलेश : प्रमोद कृष्णम
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम आजकल राम मंदिर के मुद्दे पर अपनी पार्टी पर ही हमलावर बने हुए हैं। इसबार उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नई सलाह दी है। आचार्य ने कहा कि अखिलेश यादव को अयोध्या जाकर सरयू में स्नान करना चाहिए और रामलला के दर्शन करने चाहिए। गाजियाबाद के साहिबाबाद में अपने आवास पर बुधवार को बातचीत कर रहे थे। उधर सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने अखिलेश पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष कन्फ्यूज है। यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो चुकी है। सत्र के पहले दिन समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने काले कपड़े पहनकर विरोध जताया। सपा सत्र की छोटी अवधि को लेकर सरकार पर हमलावर है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि सपा मुखिया को बड़ा दिल दिखाकर कांग्रेस को अपना कार्यालय दे देना चाहिए।
गरीबों के हितों पर हो चर्चा : मायावती
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का सत्र मंगलवार से शुरू हुआ है। यह सत्र राज्य के समेकित व समग्र विकास तथा जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चाओं व अन्य जरूरी जिम्मेदारियों के निर्वहन के कारण प्रदेश हित में साबित होगा या फिर अन्य कारणों से औपचारिकता मात्र होकर ही रह जाएगा? सरकार व विपक्ष इस पर अवश्य ध्यान दे। मायावती ने एक्स पर जारी अपने बयान में आगे कहा कि देश की सर्वाधिक लगभग 25 करोड़ जनसंख्या वाला गरीब व पिछड़ा प्रदेश होने के नाते यूपी के समतामूलक विकास व प्रगति को लेकर केन्द्र व यूपी सरकार की विशेष जिम्मेदारियां हैं।